अमित दूबे
पुण्य प्रसून वाजपेयी ………. एक था टाइगर जो हमेशा जी न्यूज़ पर भ्रष्टाचार के विरोध मे दहाड़ता था लेकिन …. जब जी न्यूज़ के संपादक गिरफ्तार हुए तो पुण्य प्रसून वाजपेयी ने उन संपादकों का पक्ष लिया.
पुण्य प्रसून वाजपेयी ने उन संपादकोंका पक्ष यह साफ कर दिया की जब अपने पर आती है तो नैतिकता का चश्मा गायब हो जाता है 27 नवंबर के बुलेटिन मे पुण्य प्रसून जोशी बार बार कह रहे थे की 65 साल के आज़ाद भारत के इतिहास मे दूसरी बार ऐसा हुआ है की कोई संपादक गिरफ्तार हुआ है.
लेकिन ये बताना भूल गए की नवीन जिंदल ने जो स्टिंग ऑपरेशन वाली सीडी पुलिसको दी थी उसकी जांच के बाद ये साफ हो गया की जी न्यूज़ के दोनों संपादक नवीन जिंदल से जुड़ी हुई खबर दिखाने से रोकने के लिए नवीन जिंदल के साथ 100 करोड़ रुपये का मोल भाव कर रहे थे.
उन ब्लैकमेलर का पक्ष लेकर पुण्य प्रसून वाजपेयी ने अपनी ही साख पर बट्टा फेर दिया.पिछले 20 सालों की कमाई गयी इज्जत मिट्टी मे मिल गयी.लेकिन 27 नवंबर के बुलेटिन के बाद सेपुण्य प्रसून वाजपेयी ने जी न्यूज़ सेइस्तीफा दे दिया.
अरे भाई अगर इस्तीफा ही देना था तो पहले ही दे देते ……. उन भ्रष्ट,ब्लैकमेल र पत्रकारों पक्ष लेने के बाद क्यूँ इस्तीफा दिया?????
(स्रोत-एफबी)