पत्रकारिता विश्वविद्यालय में प्रिंटिंग एवं पैकेजिंग के क्षेत्र में रोजगार पर विमर्श
प्रिंटिंग एवं पैकेजिंक के क्षेत्र में भविष्य में सर्वाधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। यह क्षेत्र भारतीयों के लिये रोजगार एवं स्वरोजगार की असीम संभावनाएँ पैदा कर रहा है। इस क्षेत्र के बढ़ते विस्तार के बावजूद कुशल एवं तकनीकी रूप से दक्ष मानव संसाधन की कमी है। आज इस क्षेत्र के लिये ऐसे पाठ्यक्रमों की आवश्यकता है जो प्रिंटिंग एवं उद्योग की मानव संसाधन की कमी को पूरा करे। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय द्वारा तैयार किया गया प्रिंटिंग एवं पैकेजिंग पाठ्यक्रम इस दिशा में एक सराहनीय कदम है। यह विचार भारतीय सूचना सेवा के वरिष्ठ अधिकारी एवं आल इंडिया रेडियो के भूतपूर्व केंद्र निदेशक प्रो.रामजी त्रिपाठी ने व्यक्त किये।
पत्रकारिता विश्वविद्यालय द्वारा 4 वर्षीय प्रिंटिंग एवं पैकेजिंग पाठ्यक्रम तैयार किया गया है। हाल ही में इस पाठ्यक्रम को विशेषज्ञों द्वारा तैयार किये गये नये सिलेबस को विद्यापरिषद में अनुमति प्रदान की है। विषय विशेषज्ञ के रूप में उपस्थित प्रो. रामजी त्रिपाठी ने कहा कि प्रत्येक उत्पाद या वस्तु आकर्षित प्रिंटिंग एवं पैकेजिंग के बाद ही अपने उपभोक्ता को प्रभावित कर सकती है। यदि उत्पाद बहुत अच्छी क्वालिटी का है परन्तु यदि उस पर की गई प्रिंटिंग एवं पैकेजिंग बेहतर नहीं है तो उपभोक्ता उसे क्रय नहीं करता है। अतः प्रत्येक कम्पनी यह प्रयास करती है कि आधुनिक प्रिंटिंग एवं पैकेजिंग से परिपूर्ण उत्पाद उपभोक्ता को प्रस्तुत किया जाए। प्रिंटिंग एवं पैकेजिंग के क्षेत्र में निजी एवं शासकीय स्तर पर भी रोजगार की अपार संभावनाएँ हैं। प्रिंटिंग एंव पैकेजिंग के पाठ्यक्रम को पूर्ण कर प्रोडक्शन अधिकारी] प्रिंटिंग मैनेजर] पैकेजिंग मैनेजर जैसे महत्वपूर्ण पदों पर ऊँचे वेतन के साथ रोजगार प्राप्त किया जा सकता है।
प्रिंटिंग एवं पैकेजिंग के क्षेत्र में रोजगार की संभावनाओं पर बोलते हुये इसरो के पूर्व संचार वैज्ञानिक प्रो. विनोद सी. अग्रवाल ने कहा कि प्रिंटिंग एवं पैकेजिंग के क्षेत्र में अब क्रांतिकारी बदलाव हो रहे हैं। परम्परागत प्रिंटिंग के स्थान पर अब डिजिटल प्रिंटिंग] 3डी प्रिंटिंग] बायो प्रिंटिंग] फूड प्रिंटिंग] नैनो प्रिंटिंग] स्कल्पचर प्रिंटिंग जैसे नये क्षेत्र भी आ रहे हैं। इन क्षेत्रों में भी रोजगार की अपार संभावनाएँ हैं। माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय द्वारा तैयार किया गया 4 वर्षीय बी.टेक.- प्रिंटिंग एवं पैकेजिंग पाठ्यक्रम में स्क्रीन प्रिंटिंग] आफसेट प्रिंटिंग के साथ-साथ प्रिंटिंग के उभरते हुए नये सभी क्षेत्रों को शामिल किया गया।
जैसा कि विदित है माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय ने हायर सेकेण्डरी उत्तीर्ण विद्यार्थियों के लिये 4 वर्षीय बी.टेक.- प्रिंटिंग एवं पैकेजिंग पाठ्यक्रम प्रारम्भ किया है। भौतिकी] गणित] रसायन विज्ञान/कम्प्यूटर विज्ञान से 12वीं कक्षा उत्तीर्ण विद्यार्थी प्रवेश ले सकते हैं। साथ ही प्रिंटिंग] पैकेजिंग एवं प्रिंटिंग एवं पैकेजिंग 3 वर्षीय पालेटेक्निक डिग्री पूर्ण कर चुके युवक-युवतियाँ लेटरल एंट्री के माध्यम से सीधे बी.टेक.- प्रिंटिंग एवं पैकेजिंग द्वितीय वर्ष में प्रवेश ले सकते हैं। इस पाठ्यक्रम का 4 वर्ष का शुल्क 99]280 रुपये है] जो कि विश्वविद्यालय द्वारा निर्धारित किश्तों में देय होता है। इस पाठ्यक्रम में प्रवेश हेतु विश्वविद्यालय के प्रवेश प्रकोष्ठ में सम्पर्क किया जा सकता है। अधिक जानकारी के लिये फोन नंबर- 0755&2554910 पर सम्पर्क किया जा सकता है अथवा विश्वविद्यालय की वेबसाईट www.mcu.ac.in पर लागआन कर प्रोसपेक्टस से जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
(डॉ. पवित्र श्रीवास्तव)