वेद विलास उनियाल
दे्हरादून में पहाड़ियों का प्रेस क्लब। अभी किसी ने फोन पर बताया खूब कंटीली झांडियां उग गई हैं वहां। शमशान की तरह लगता है। विजय बहुगुणा, निशंक खण्डूडी हरीश रावत की कई कमियां हो सकती हैं ।
पर इतना जरूर है कि प्रेस क्लब इन नेताओं ने बंद नहीं करवाया। प्रेस क्लब नौकरशाहों ने भी बंद नहीं करवाया।
प्रेस क्लब बंद करने में हम पत्रकारों की आला दर्जे की मूर्खता है। दूसरे राज्यों में प्रेस क्लब के कई फायदेे और उपयोग हो रहे हैं। हम पहाड़ी अपने इगो में ही रह गए। अपनी मूर्खताओं में रह गए। इसीलिए कहते हैं कि कभी नहीं सुधरेंगे पहाड़ी। इसीलिए दिल्ली में तीस लाख की आबादी के बाद भी राजनीतिक पार्टियां टिकट नहीं देती। यहां तक कि आप पार्टी भी घास नहीं डालती। पहाड़ी कभी नहीं सुधरेंगे। एक प्रेस क्लब था उसे भी नहीं संभाल पाएं। @fb