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इंडिया टीवी के रजत शर्मा का मोदी सरकार में प्रवेश, राज्यसभा का रास्ता साफ

rajat sharma india tv
रजत शर्मा,एडिटर-इन-चीफ,इंडिया टीवी

रमेश ठाकुर, विश्लेषक एवं युवा पत्रकार

रजत शर्मा को लेकर लोगों द्वारा की गईं भविष्यवाणी सच हो गई। रजत शर्मा भी सरकार का हिस्सा बन गए हैं।

मोदी सरकार ने देश के पहले प्रधानमंत्री पं0 जवाहरलाल नेहरू की 125वीं जयंती को सरकारी जयंती मनाने का निर्णय किया है। इसके लिए एक आयोजन समिति का गठन किया है। समिति में इंडिया टीवी के प्रमुख रजत शर्मा को भी शामिल किया गया है। उनका चैनल लोकसभा चुनावों से ही मोदी की खबरे प्रमुखता से दिखा रहा था। उसका ही उनको इनाम दिया गया है।

रजत शर्मा द्वारा संचालित इंडिया टीवी को लोग मोदीमय न्यूज चैनल भी कहने लगे थे। चुनावों से पूर्व जब नरेंद्र मोदी का एक प्रायोजित कार्यक्रम आपकी अदालत पेश हुआ तो रजत शर्मा पर कई आरोप लगे थे कि उन्होंने मोदी से वही सवाल पूछे, तो मोदी ने उनको पूछने को कहा था।

प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी एक प्रेस नोट में कहा गया है कि रजत शर्मा देश बड़े पत्र्रकारों में एक हैं। उनको समिति का प्रचार-प्रसार का काम सौंपा जा रहा है। मीडिया में काम करने वाले हम सभी पत्रकारों को इस बात अंदाजा पहले से ही था कि रजत शर्मा को जल्द ही केंद्र में मोदी सरकार में कोई न कोई भूमिका अदा करने का आॅफर जरूर दिया जाएगा।

रजत शर्मा के लिए इसके साथ ही राज्यसभा में जाने का भी रास्ता अब पूरी तरह से खुल गया है। समिति में पूर्व पत्रकार एवं भाजपा के प्रवक्ता एमजे अकबर को भी सदस्य बनाया गया है। दोनों हमारी तरफ से बधाई।

रजत शर्मा की अदालत में नरेंद्र मोदी
रजत शर्मा की अदालत में नरेंद्र मोदी

Contact : @ramesht2@gmail.com

टाइम्स नाउ पर कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया के अतुल अंजान को सुनकर बहुत हंसी आई

मनीष कुमार

कॉमरेड अब कमेडियन बन गए हैं..
टाइम्स नाउ पर कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया के नेता अतुल अंजान ने ऐसी बात कह दी कि जिसे सुनकर बहुत हंसी आई. यह पोस्ट इसलिए कर रहा हूं क्योंकि कई नासमझ या ज्यादा समझदार लोग भी इस तरह की कामेडी को सच मान लेते हैं. गंभीरता का नाटक करते हुए.. गहराए आवाज में अतुल अंजान कहा कि बीजेपी को महज 31 फीसदी वोट मिले हैं, बीजेपी के पास बहुमत नहीं है.. 70 फीसदी लोग बीजेपी के विरोध में हैं और देश के सेकुलरिज्म और देश को टूटने से बचाने के लिए सभी पार्टी अब एक होकर बीजेपी का विरोध करेगें.

इस तरह के बयान से अतुल अंजान ने अपने बारे में कई बातें बता दी. एक तो यह कि वो हर वामपंथी की तरह खुद को महाज्ञानी समझने की भूल कर रहे हैं और दूसरा उन्हें भारत के प्रजातंत्रिक प्रक्रिया पर भरोसा नहीं है और तीसरा कि वो निहायत ही जनविरोधी हैं.

इन वामपंथियों को पता होना चाहिए कि हमारे देश में फर्स्ट पास्ट द पोस्ट सिस्टम के तहत जिसे सबसे ज्यादा वोट मिलता है. वो चुनाव जीत जाता है. अब अगर यही भारत की संवैधानिक व्यवस्था है तो इस पर सवाल उठाने का मतलब तो यही है कि आपको इस पर भरोसा नहीं है.. वैस भी भारत कोई कम्यूनिस्ट या भूतपुर्व कम्युनिस्ट राज्य नहीं है जहां फर्जी लोकतंत्र, फर्जी चुनाव और फर्जी मिल्टी पार्टी सिस्टम हो… दुनिया भर में यह सिर्फ कम्युनिस्ट सिस्टम के तहत ही संभव है कि सरकार चलाने वाली पार्टी को 98 फीसदी वोट मिलता हो.. ये सिर्फ कम्युनिस्ट सिस्टम के तहत ही संभव है कि हर बार कम्युनिस्ट पार्टी ही चुनाव जीतती है.. दूसरी कोई पार्टी चुनाव जीतने की सोचती भी नहीं है.. और ये महाज्ञानी टीवी पर बैठ कर परसेंटेज का ज्ञान दे रहे हैं.. उन्हें शायद पता न हो कि कम्युनिस्ट तंत्र के तहत रुलिंग पार्टी के खिलाफ इस तरह का बयान देने वाले स्टूडियो के अंदर ही गिरफ्तार कर लिए जाते हैं. यही वामपंथियों की पीपुल्स डेमोक्रेसी की हकीकत है. उपर वाले का शुक्र है कि यह भारत है जहां वामपंथ अप्रचलित और अप्रसंगिक हो चुका है.

अब वामपंथियों के दूसरी दलील पर गौर करते हैं.. ठीक है.. बीजेपी को 31 फीसदी वोट मिले हैं.लेकिन कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया को कितना वोट मिला है…महज 0.78%… मतलब एक फीसदी से भी कम… लेकिन लेक्चर ऐसे देते हैं कि मानों अगली सरकार बनाने वाले हों… अतुल अंजान फिर ये कहते हैं कि 70 फीसदी लोग बीजेपी के विरोध में हैं… अगर य़ही दलील उन पर लगा दी जाए तो फिर 99.2% लोग कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया के खिलाफ हुए.. ये लंबा लंबा भाषण देने वाले अतुल अंजान की पार्टी पूरे 542 में सिर्फ 1 सीट जीत पाई जिसके लिए उन्हें शर्म आनी चाहिए. दरअसल, इन वामपंथियों की सिर्फ हेकड़ी बची है..लोकसभा चुनाव में उनसे ज्यादा वोट निर्दलीय को मिला है..

इस तरह के बयान देने का मतलब यही है कि ये वामपंथी नामक जंतु स्वयं को सबसे ज्यादा अकलमंद और देश की जनता को मूर्ख समझते हैं और तो और वो अपनी हार के लिए जनता को ही दोषी मानते हैं… यही उनके अगले दलील का आधार है.. अतुल अंजान कहते हैं कि देश को बचाने केलिए.. देश की एकता और सेकुलरिज्म को बचाने के लिए सभी पार्टी को एकजुट होना होगा. वैसे.. वामपंथियों की अकल की दाद देनी पड़ेगी.. कुछ भी बोल देते हैं.. खुद ही सेकुलरजिस्म के ठेकेदार बन बैठे.. इनको पता होना चाहिए कि भारत अगर सेकुलर है तो वो राजनीतिक दलों की वजह से नहीं बल्कि देश की जनता की वजह से है.

दरअसल, नेताओं को घुमा फिरा कर बात करने की आदत है… बात बस इतनी है.. महाराष्ट्र और हरियाणा के कल नतीजे आने वाले हैं.. और यह पता चल गया है कि वामपंथी या दूसरी पार्टियां अकेले नरेंद्र मोदी का मुकाबला नहीं कर सकती हैं इसलिए उन्हें एकजुट होना पड़ेगा.. साफ साफ बोलने के पैसे लगते हैं क्या? या जनता समझती नहीं है? सबको ये हकीकत पता है फिर भी ये वामपंथी राजनीति की जगह कमेडी करने में लगे हैं.

(स्रोत-एफबी)

टेलीविजन पर शराब पीकर मौलवी साहब आए तो सोशल मीडिया पर ट्रेंड हुआ ‘ड्रंक मुल्ला’

टीवी शो में शराब पीकर बोलते मौलवी हाफ़िज़ ताहिर अशरफ़ी
टीवी शो में शराब पीकर बोलते मौलवी हाफ़िज़ ताहिर अशरफ़ी

टीवी शो में शराब पीकर बोलते मौलवी हाफ़िज़ ताहिर अशरफ़ी
टीवी शो में शराब पीकर बोलते मौलवी हाफ़िज़ ताहिर अशरफ़ी
पाकिस्तान के एक टीवी शो में अजीबोगरीब मामला सामने आया. मामला टीवी की बहस और मौलवी साहब के शराब पीने से संबंधित है. कहा जा रहा है कि मौलवी हाफिज ताहिर अशरफी टीवी पर एक लाइव सो के दौरान नशे में थे और इस वजह से स्पष्ट रूप से बोल भी नहीं पा रहे थे। उनके इस विडियो को 3 लाख से अधिक लोग देख चुके हैं। लोगों ने सोशल मीडिया पर भी इस घटना का काफी मजाक ‘ड्रंक मुल्ला’ ट्रेंड के जरिए उड़ाया है। हालांकि इन मौलवी का कहना है कि वह नशे में नहीं थे बल्कि पान चबा रहे थे और इसी वजह से उनकी आवाज लड़खड़ा रही थी। उन्होंने पाकिस्तान के विपक्षी नेता इमरान खान की पार्टी पर उन्हें निशाना बनाकर बदनाम करने का आरोप लगाया है।

हाफिज ताहिर अशरफी पाकिस्तान में इस्लामिक मामलों के जानकार माने जाते हैं। राजनेता भी इस्लामिक मामलों पर उनकी राय अक्सर लेते हैं। देर रात के एक शो के दौरान जब वह टीवी पर आए तो ऐसा लग रहा था कि वह नशे में थे। वह इमरान खान की आलोचना कर रहे थे लेकिन उनकी आवाज लड़खड़ा रही थी और बातें अस्प्ष्ट थीं। विडियो में उनकी इस स्थिति पर एक टीवी होस्ट किसी तरह अपनी हंसी रोकने की कोशिश करते दिख रहे हैं।

पाकिस्तान में यूट्यूब पर बैन है। लेकिन अन्य विडियो शेयरिंग साइट डेलीमोशन पर यह विडियो अगले ही दिन आ गया। उसके बाद लोगों ने अशरफी पर नशे में होने का आरोप लगाया। इस क्लिप को अब तक सवा तीन लाख से अधिक लोग देख चुके हैं। यह फेसबुक पर हजारों बार शेयर की गई है। ट्विटर और अन्य सोशल साइट्स पर अशरफी का मजाक उड़ाया जाने लगा। खासकर इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के समर्थकों ने जमकर अशरफी पर निशाना साधा।

इस बीच अशरफी ने इन आरोपों से इंकार किया है। उन्होंने बीबीसी को बताया- उनका कहना है कि वह नशे में नहीं थे बल्कि पान चबा रहे थे। उन्होंने कहा कि उन्हें इसलिए निशाना बनाया जा रहा है क्योंकि वह और उनका संगठन पाकिस्तान उलेमा काउंसिल इमरान खान और मौलाना ताहिर कादरी के नवाज शरीफ सरकार के खिलाफ चलाए जा रहे आंदोलन की आलोचना करते रहे हैं।

(एजेंसी)

‘लाइफ ओके’ की तैयारी,टॉप के चैनलों को देगा कड़ी टक्कर

लाइफ ओके
लाइफ ओके

लाइफ ओके
लाइफ ओके
टीवी नेटवर्क अपने हिंदी मनोरंजन चैनल की दूसरी शृंखला शुरू करने के लिए तैयार हैं। स्टार इंडिया का ढाई साल पुराना मनोरंजन चैनल ‘लाइफ ओके’ अगले चरण की तैयारी में जुटा हुआ है। चैनल अपनी प्रोग्रामिंग में कई बदलाव की पेशकश कर रहा है क्योंकि यह अपने दर्शकों के लिए दीवाली में विशेष पेशकश करेगा। दिसंबर 2011 में लॉन्च हुआ यह चैनल रेटिंग चार्ट पर चौथे पायदान पर बना हुआ है। पिछले हफ्ते ही लाइफ ओके ने बड़े पैमाने पर बालाजी टेलीफिल्म्स के धारावाहिकों के साथ अपनी दोबारा ब्रांडिंग की शुरुआत की है। इस प्रोडक्शन कंपनी ने दशकों तक सास-बहू से जुड़े धारावाहिकों का निर्माण किया लेकिन अब इसने नए विषयों पर कार्यक्रम बनाना शुरू कर दिया है जिसमें ‘सावधान इंडिया’ जैसे शो शामिल हैं। एकता कपूर (संयुक्त प्रबंध निदेशक और क्रिएटिव निदेशक) के टेली सीरियल ‘अजीब दास्तान है ये’ में बॉलीवुड अभिनेत्री सोनाली बेंद्रे भी हैं और छोटे पर्दे पर वह पहली बार अदाकारी दिखाएंगी। इसमें अपूर्व अग्निहोत्री और हर्ष छाया जैसे टीवी के शीर्ष स्तर के कलाकार हैं।

सोनी ने दूसरा हिंदी मनोरंजन चैनल ‘पल’ लॉन्च किया है और इसमें भी एकता कपूर की प्रोडक्शन कंपनी की प्रेम कहानी ‘ये दिन सुन रहा है’ दिखाया जा रहा है लेकिन यह इतने बड़े पैमाने का धारावाहिक नहीं है। ‘लाइफ ओके’ अगले तीन महीने में सात बड़े शो शुरू करने की तैयारी में है और हरेक में विभिन्न थीम दिखाया जाएगा और इससे उद्योग के कुछ मशहूर नाम जुड़े हैं। राजश्री प्रोडक्शंस के सूरज बडज़ात्या के एक शो ‘कॉमेडी क्लासेज’ और बॉलीवुड के निर्माता विपुल अमृतलाल शाह के एक शो के अलावा यह चैनल ‘महादेव’ के बाद अगला ‘पौराणिक शो’ दिखाएगा। लाइफ ओके के महाप्रबंधक अजित ठाकुर का कहना है, ‘हम बेहतर कंटेट की पेशकश करने की कोशिश कर रहे हैं और मार्केटिंग के क्षेत्र में भी हम सक्रिय हैं। यह एक तरह से मनोरंजन चैनल के शो और धारावाहिकों में नयापन लाने की कोशिश है जिसे हम सामान्यतौर पर एक साल में करते हैं लेकिन अब हमने इसे तीन महीने में करने का फैसला किया है। पिछले ढाई सालों के दौरान हम एक निश्चित स्तर पर पहुंच चुके हैं और अब हम अगले चरण तक जाना चाहते हैं। सामान्य मनोरंजन चैनल के बाजार में हमारी हिस्सेदारी 14 फीसदी है ऐसे में हम अलग तरह का कंटेंट मुहैया कराना चाहते हैं।’ चैनल में नए सिरे से लाए जा रहे बदलाव से जुड़े प्रचार-प्रसार का काम शुरू हो गया है और 18 अक्टूबर को पहली फिल्म का प्रीमियर भी होगा जो आलिया भट्ट और अर्जुन कपूर अभिनीत ‘2 स्टेट्स’ है। हालांकि ठाकुर का कहना है कि त्योहार के मौके की वजह से ऐसा किया जा रहा है और ‘लाइफ ओके’ पूरे साल फिल्म नहीं दिखाएगा। उनका कहना है, ‘दीवाली के लिए तैयारी की जा रही है। मेरा मानना है कि मनोरंजन चैनलों को सिर्फ धारावाहिक या रियालिटी शो तक ही सीमित रहना चाहिए। फिल्मों का प्रीमियर फिल्म चैनलों पर छोड़ा जाना चाहिए।’

लाइफ ओके ने रणनीतिक तरीके से कार्यक्रमों की योजना बनाकर वायाकॉम 18 के मनोरंजन चैनल ‘कलर्स’ को पछाड़ दिया और इस साल मई में यह रेटिंग के लिहाज से तीसरे पायदान पर बनी रही। ठाकुर का कहना है कि धारावाहिकों और रियालिटी शो में विविधता लाने की वजह से चैनल को कई आयु वर्ग और समाज के विभिन्न हिस्से के दर्शक मिले जिससे चैनल का दायरा बढ़ा। इस साल की शुरुआत में चैनल ने मासिक अवॉर्ड शो की शुरुआत की है। हर महीने के आखिरी रविवार को प्राइम टाइम में पुरस्कार समारोह का प्रसारण होगा।

(बिज़नेस स्टेंडर्ड से साभार)

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