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45वें भारत अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव, 2014 के भारतीय पेनोरमा में फीचर और गैर-फीचर फिल्मों का चयन

गोवा में होने वाले 45वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह में दिखायी जाने वाली भारतीय पेनोरमा, 2014 की फीचर और गैर-फीचर फिल्मों की घोषणा कर दी गई है। जाने-माने फिल्म निर्माता श्री ए.के.वीर की अध्यक्षता में फीचर फिल्मों के लिए जूरी ने कुल 181 फिल्मों में से 26 फिल्मों का चयन किया है।

भारतीय पेनोरमा, 2014 की फीचर फिल्म जूरी ने एलिजाबेथ एकादशी फिल्म को ओपनिंग फिल्म के रूप में चुना है। इसका निर्देशन परेश मोकाशी ने किया है।

आईआईएमसी को ‘’संचार विश्वविद्यालय’’ के रूप में उन्नत किया जाएगा: प्रकाश जावड़ेकर

IIMC JNU
आईआईएमसी

भारतीय जनसंचार संस्थान में दीक्षांत समारोह, स्वर्ण जयंती समारोह लाँच

सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है कि भारतीय संचार संस्थान को ‘संचार विश्वविद्यालय’ के रूप में उन्नत किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रक्रिया शुरू करने के कदम उठाए जाएंगे तथा सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय शीघ्र रोडमैप तैयार करेगा। जावड़ेकर ने आम लोगों विशेषकर नई पीढ़ी के लोगों से सुझाव मांगते हुए कहा कि ऐसे सुझावों के लिए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की वेबसाइट पर अलग स्थान विकसित किया जाएगा और मंत्रालय इन सुझावों पर आगे कार्रवाई करेगा। पूरी प्रक्रिया प्रधानमंत्री की संचार दृष्टि का हिस्सा है और इसका जोर भागीदारी मूलक संचार प्रक्रिया पर है ताकि मीडिया समुदाय सहित सभी हितधारक जुड़ सकें। जावड़ेकर ने आज यहां भारतीय जनसंचार के 47वें दीक्षांत समारोह में भाषण और स्वर्ण जयंती समारोह लॉन्च करते हुए यह जानकारी दी।

जावड़ेकर ने कहा कि प्रेस की स्वतंत्रता जिम्मेदारी से जुड़ी है। पूरे इतिहास में प्रेस की जिम्मेदारी विभिन्न अवसरों पर दिखी है। उन्होंने डिप्लोमा प्रदान किए गए विधार्थियों से कहा कि वह हर कीमत पर समाचारों को सनसनीखेज बनाने से बचें और पेड न्यूज़ की बुराई से लड़े। उन्होंने कहा कि एक युवा पत्रकार को बिना कमीशन के लगन और करुणा के साथ काम करना चाहिए। उन्होंने विधार्थियों से कहा कि वे विभिन्न मीडिया स्रोतों से मिली सूचनाओं के बीच संतुलन बनाएं। इन स्रोतों में नई और परंपरागत मीडिया भी है। उन्होंने कहा कि यह पक्ष भविष्य में नीति सम्मत पत्रकारिता का आधारभूत ढांचा तैयार करेगा।

जावड़ेकर ने कहा कि देश में हुए हाल के चुनाव निर्वाचन व्यवहारों तथा मतदाताओं के व्यवहार पर अध्ययन करने का सटीक विषय प्रस्तुत करते हैं। उन्होंने भारतीय जनसंचार संस्थान से चुनाव संबंधी संचार प्रक्रिया तथा निर्वाचन प्रणाली के विभिन्न पक्षों को समझने के लिए अध्ययन कार्यक्रम चलाने का आग्रह किया। सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने आईआईएमसी की स्वर्ण जयंती समारोह पर एक नया लोगो जारी किया। उन्होंने आईआईएमसी की दो भाषाओं वाली वेबसाइट का भी उद्घाटन किया।

आईआईएमसी पत्रकारिता, मीडिया तथा जनसंचार शिक्षण, प्रशिक्षण और अनुसंधान के क्षेत्र में उत्कृष्ट केन्द्र के रूप में जाना जाता है। नई दिल्ली तथा ढेनकनाल स्थित आईआईएमसी के छह केन्द्रों तथा मिजोरम के आईजोल, महाराष्ट्र के अमरावती, जम्मू-कश्मीर के जम्मू तथा केरल के कोट्यम स्थित नए क्षेत्रीय केन्द्रों के 341 विधार्थियों को डिप्लोमा प्रदान किया गया। पी.जी.डिप्लोमा उपाधि हिन्दी एवं अंग्रेजी पत्रकारिता, विज्ञापन एवं जनसंपर्क, उड़ीया तथा उर्दू पत्रकारिता में दिया गया। सभी पाठ्यक्रमों की विभिन्न श्रेणियों में 31 विधार्थियों को विशेष पुरस्कार दिए गए।

कौन बनेगा करोड़पति में आजतक के सईद अंसारी !

सईद अंसारी,एंकर,आजतक
सईद अंसारी,एंकर,आजतक

हरीशचन्द्र बर्णवाल

सईद अंसारी,एंकर,आजतक
सईद अंसारी,एंकर,आजतक
प्रिय मित्र और बड़े भाई सईद अंसारी जी, टेलीविजन इंडस्ट्री के उन चुनिंदा लोगों में हैं, जिनकी विनम्रता के आगे कोई भी नतमस्तक हो सकता है। लेकिन इनकी एक बडी़ खासियत ये है कि आज तक जीवन में जो भी बड़ा काम किया, यहां तक कि जो भी बड़े अवॉर्ड मिले… कुछ भी सहेज कर नहीं रखा। इनका साफ मानना है कि जीवन में जो भी मूल्यवान चीज है… वो खुद आप हैं… आपका व्यवहार है… बाकी कुछ भी काम नहीं आता। मैं ये सब इसलिए कह रहा हूं कि क्योंकि आज से लगातार चार दिनों तक रात में आने वाले अमिताभ बच्चन के शो – कौन बनेगा करोड़पति – में ये भी एक अतिथि के तौर पर होंगे। अगर आप नहीं देख पाए तो यकीन मानिए सईद जी से आपको इनकी तस्वीर भी नहीं मिलेगी। या फिर वीडियो देखने के लिए चैनल वालों से गुजारिश करनी होगी। सईद जी को “कौन बनेगा करोड़पति” में एक गुणी बनने के लिए मुबारकबाद। सईद जी की एक और खासियत ये है कि ये सोशल मीडिया से पूरी तरह से दूर हैं। न फेसबुक अकाउंट है और न ही ट्वीटर एकाउंट। इसलिए आप चाहें तो उन्हें यहीं से मुबारकबाद दे सकते हैं। आपके मैसेज मैं उन तक पहुंचा दूंगा।

रिलेक्स मूड में एंकर सईद अंसारी
रिलेक्स मूड में एंकर सईद अंसारी

(स्रोत-एफबी)

मोदी और राहुल बाबा की यूएसपी

मोदी और राहुलबाबा दोनों की अपनी अपनी यूएसपी है। मोदी के पास सकारात्मक यूएसपी है। तो राहुलबाबा के पास नकारात्मक यूएसपी। मोदी की विचारधारा को लेकर १०१ % नहीं १००१% मतभेद हो सकते है। किन्तु इसमें सभी की एक राय है की मोदी बेहतर कम्युनिकेटर है। ऑरटर है। आत्मविश्वास के लबरेज है। आइडियाज का भण्डार है। नई तकनीकी का भरपूर इस्तेमाल करते हैं। युवाओ का मूड बेहतर समझते है। प्रधानमंत्री रहते हुए भी संघटन को अहमियत देते है।

राहुलबाबा के पास नकारात्मक यूएसपी है। अधिकतर समय विदेश में बिताते है। संगठन के तरफ ध्यान नहीं है। आइडियाज नहीं है। बेहतर वक्ता नहीं है। युवाओ को संगठन से जोड़ने की कोशिश नहीं करते। तकनीक का इस्तमाल कम करते है। रोजगार की बात आती है तो राहुलबाबा बंधुआ मजदूर पैदा करने वाली स्कीम मनरेगा से आगे बात नहीं करते। पुरानी डफली बजाते है।

कोई कहेगा राहुलबाबा ने तो देश के लिए अपने खून के रिश्ते खोये है ?
नेहरू-गांधी परिवार से ताल्लुक रखते हैं। देश के लिए अपने पिता खोये है। लेकिन यह भावनात्मक राजनीति का एक पहलु है।

सुजीत ठमके
पुणे – ४११००२
(Source FB Wall)

टेलीविजन की खबरों को अदभूत अंदाज में पेश करती है एंकर नवज्योत रंधवा

एंकर नवज्योत रंधवा
एंकर नवज्योत रंधवा

बुलेटिन की हेडलाइन्स और दबी सी मुस्कान टेलीविजन पर दिखाई दे तो समझ जाइए टेलीविजन का जाना-पहचाना चेहरा नवज्योत रंधवा है। वर्ष २००० के बाद खबरों की दुनिया पूरी तरह से बदली है। वर्ष २००० के पहले न्यूज़ चैनेलो में अवसर काफी कम थे। न्यूज़ चैनलों में करियर बनाना या यूँ कहे अवसर भी मिलना बड़ी चुनौती थी। उस दौर में न्यूज़ चैनलों में ग्लैमर, फेम, नेम तो था किन्तु पैसा नहीं था। अवसर भी कम थे। उस दौर में अगर कोई बेटा, बेटी अपने माँ – बाप को यह कहे कि वो न्यूज़ चैनलों में करियर बनाना चाहता / चाहती है तो माँ बाप दो टूक शब्दों में मना कर देते थे।

दूरदर्शन में काम मिलने का मतलब बड़ी पैरवी। न्यूज़ का टाइम स्लॉट भी फिक्स्ड था। वर्ष २००० के बाद न्यूज़ चैनलों का दायरा ही बदला। निजी न्यूज़ चैनलों की दस्तक से खबरों के मायने ही बदल दिए। बड़े-बड़े कॉर्पोरेट उद्यमियो ने इस सेक्टर में आने के बाद टेलीविज़न न्यूज़ चैनलों की दुनिया ही बदली। तुलनात्मक आज न्यूज़ चैनल में काम मिलना बहुत आसान है। आज हमारे देश में न्यूज़ से जुड़े लगभग ४०० चैनल है। जिसमे हिंदी, अंग्रेजी, चैनल, बिज़नेस, लाइफस्टाइल आदि आदि बाजार में है। हर न्यूज़ चैनल को देखने वाला एक दर्शक है। हर एंकर को फॉलो करने वाला भी एक दर्शक है। न्यूज़ चैनलों की दुनिया में प्राइम टाइम बुलेटिन पढ़ने वाले एंकर हो। करेंट अफेयर्स प्रोग्राम को होस्ट कर रहे एंकर। डिबेट हो। इंटरव्यू बेस्ड प्रोग्राम हो। हार्ड टॉक। टॉक शो। राजनीति। मनोरंजन जगत। लाइफस्टाइल। सोशल इश्यू। बिज़नेस। विदेश नीति। आदि-आदि विषयो से जुड़े कार्यक्रम प्रस्तुत करने वाले टेलीविजन के कुछ चेहरे है जो दर्शको के बीच पैठ बनाये हुए है। नवज्योत रंधवा इन्ही नामो में से एक है ।

नवज्योत आज तक जैसे पुराने ब्रांड में रह चुकी है। नवज्योत को टेलीविजन की परिपक्व पत्रकार तो नहीं कहेंगे। किन्तु वो परफेक्ट न्यूज़ प्रेजेंटर जरूर है। खबर राजनीतिक उठापठक से जुडी हो, बॉलीवुड की गॉसिप, आतंकवाद, नक्सलवाद, संघ, लोकसभा या किसी राज्य के विधानसभा चुनाव, जम्मू- कश्मीर में आतंकियों की घुसपैठी, आतंकी हमला, करेंट अफेयर्स, सामाजिक सरोकार, क्राइम जगत, लाइफ स्टाइल, या फिर किसी देश, दुनिया, प्रदेश से छनकर निकलने वाली ब्रेकिंग न्यूज़। रंधावा को हर खबर को पढ़ने का अंदाज निराला है। अद्भुत है।

नवज्योत टेलीविजन की परिपक्व पत्रकार नहीं है बावजूद एक बड़ा युवा तबका नवज्योत के ट्वीट को फॉलो करता है। न्यूज़ चैनलों के दर्शको में से कुछ ख़ास दर्शक है जो नवज्योत रंधवा के एंकरिंग के मुरीद है। न्यूज़ चैनल कोई भी हो। नेटवर्क कोई भी हो। प्राइम टाइम बुलेटिन में जाना पहचाना चेहरा नवज्योत रंधवा का चेहरा ना दिखाई दे तो दर्शक मायूस जरूर होते है। ब्रेकिंग न्यूज़ का फोन- इन हो। कोई घटना से जुडी पल पल की अपडेट। या फिर स्टूडियो में किसी गेस्ट को सवाल पूछने का तरिका। टेलीविजन की परिपक्व न्यूज़ प्रेजेंटर की सारी खूबियाँ नवज्योत रंधवा में है। इसीलिए न्यूज़ के दर्शको में ख़ास यूएसपी भी रखती है नवज्योत रंधवा।

सुजीत ठमके
पुणे – ४११००२

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