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पटाखे और स्वास्थ्य को लेकर डॉ.हर्षवर्धन का रवैया बीजेपी से कितना अलग है

एनडीटीवी इंडिया पर डॉ. हर्षवर्धन
एनडीटीवी इंडिया पर डॉ. हर्षवर्धन
अच्छा लगा कि डॉ हर्षवर्धन ने पटाखे और स्वास्थ्य को लेकर जो बात कही वो उनकी ही पार्टी बीजेपी के रवैये और सोच से अलग है..हर्षवर्धन ने जिस शांत अंदाज़ में किन्तु मजबूती से पटाखे का विरोध किया..साबित करता है कि किसी का किसी पार्टी से जुड़ने क मतलब ऊपर से नीचे उसके रंग में अपने को पोत लेना नहीं होता है..अपनी समझ, आवाज़ और असहमति को बचाए रखना भी होता है..हम डॉ हर्षवर्धन की राजनितिक समझ से असहमत होते हुये भी इस सन्देश का सम्मान करते हैं..नहीं तो इसी पार्टी के सुप्रीमो खुलेआम पटाखे जलाने की बात करते देखे गये.

(स्रोत-एफबी)

बरखा दत्त से बात करते अरुण जेटली बड़ी ईमानदारी से यूपीए की तारीफ करते नजर आये

देवेन्द्र सुरजन

आज बरखा दत्त से बात करते वित्त और रक्षामंत्री अरुण जेटली बडी इमानदारी और साफगोई से यूपीए की तारीफ़ करते नजर आये. पेट्रोल डीजल गैस को बाजार रेट से जोड़ने की बात हो या उसकी सब्सिडी को आधार लिंक कर सीधे बेंक में जमा करने की रीति फिर चालू करने बात हो या कोयला पालिसी हो या कालाधन वापिसी की पालिसी या नाम उजागर करने की बात हो या फिर पाक चीन के लगातार हो रहे सीमालन्घन हर बात पर यह स्वीकार करने में उन्होंने यूपीए व्यवस्थाओं को श्रेय देने में कोई कंजूसी नही की और खुल कर माना की उन नीतियों से बेहतर कोई विकल्प नहीं था .

मोटे तौर पर देश यह पांच माह से देख ही रहा है की नमो सरकार ने अब तक कोई निर्णायक कदम नही उठाया है और वह उन्ही कार्यक्रमों को आगे बढ़ा रही है जो यूपीए ने अपने काल में शुरू किये थे लेकिन भाजपा की घनघोर आलोचना के चलते ध्वस्त हो गए थे. जितने नमो ने फीते काटे हैं उनकी योजनायें भी यूपीए काल में बुनियाद रूप में रखी गई थी.

जिन्हें मौका मिले वे यह कायर्क्रम दोबारा प्रसारित होने पर जरूर देखे और अरुण जेटली की इमानदार छवि का जायजा लें भले ही उनके प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी फेंकने में चाहे रिकार्ड बना चुके हों. भाजपा के पास जब एक साफ़ दिल वाला अरुण जेटली था तो क्या मजबूरी थी कि गुजरात के मुख्यमंत्री को सीधे प्रधानमन्त्री बना दिया गया ? जो प्रधानमन्त्री कम हिटलर अधिक जान पड़ते हैं !
(स्रोत-एफबी)

गूगल की गूगली से दुनिया भर में कोहराम

नई दिल्ली। गूगल इस्तेमाल करने वालों के लिए गूगल की सर्विस परेशानी का शबब बन गयी है क्योंकि तकनीकी गडबड़ी की वजह से गूगल की कई सेवायें ठीक से काम नहीं कर पा रही है.जिसकी वजह यूजर्स को खासी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। गूगल के मुताबिक उसकी 8 सर्विसेस ठप पड़ गई हैं और इन्हें अभी तक ठीक नहीं किया जा सका। गूगल प्लस व इससे जुड़ी सर्विसेस के साथ दिक्कतें महसूस की जा रही हैं, इमसें हैंगआउट्स और यूट्यूब कमेंट्स शामिल है।

गूगल का हैंगआउट एप मैसेज भेजने पर एरर बताता रहा, जबकि यूट्यूब एप और इसकी डेक्सटॉप साइट पर किसी वीडियो में कमेंट्स लोड होते नहीं दिखे। गूगल के मुताबिक इसकी कई सर्विसेस के साथ गड़बड़ी हुई है। कोई भी दिक्कत होने पर यह गूगल के एप्स स्टेटस डैशबोर्ड में दिख जाता है। यहां किसी सर्विस के सामने नारंगी रंग का निशान दिखने का मतलब है कि उस सर्विस में गड़बड़ी है।

गूगल के मुताबिक इसके जीमेल, गूगल कैलेंडर, गूगल टॉक, गूगल ड्राइव, गूगल साइट्स, गूगल ग्रुप्स, एडमिन कंसोल और गूगल हैंगआउट्स में दिक्कतें सामने आई हैं।

वेस्ट नो फूड के लिए 16 वर्षीय किरण को ग्लोरिया बैरॅन प्राइज फॉर यंग हीरोज

कैलिफोर्निया में रहने वाला एक भारतीय अमेरिकी किशोर इस साल के प्रतिष्ठित ‘ग्लोरिया बैरॅन प्राइज फॉर यंग हीरोज’ पुरस्कार से सम्मानित होने वालों में शामिल हैं।

कैलिफोर्निया के 16 वर्षीय किरण को यह पुरस्कार वेब आधारित सेवा ‘वेस्ट नो फूड’ शुरू करने के लिए दिया गया। यह एक मुफ्त वेब सेवा है जो अन्न दान करने वालों को उन परमार्थ संस्थानों :चैरिटीज़: से जोड़ती है जो भूखे लोगों को खाना खिलाते हैं।

(भाषा)

पाकिस्तान में प्रतिबंधित न्यूज चैनल को बहाल करने की अपील

अमेरिका में पत्रकार अधिकार समूह ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से उनके देश में एक निजी न्यूज चैनल का निलंबन वापस लेने की अपील की है।

सीपीजे :कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स: ने शरीफ को लिखित अपील में कहा है कि वह एआरवाई न्यूज का निलंबन रद्द करें। इस न्यूज चैनल पर देश की न्यायपालिका के खिलाफ ‘अपमानजनक’ कार्यक्रम प्रसारित करने का आरोप है।

चैनल को 15 दिन के लिए निलंबित कर दिया गया था और उसपर 1 करोड़ पाकिस्तानी रूपयों का जुर्माना लगाया गया था।

(एजेंसी)

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