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मिर्जापुर का क्रेज देखकर जब कालीन भैया हुए दंग !

pankaj tripathi kalin bhaiya mirjapur
मिर्जापुर में कालीन भैया के दमदार किरदार में पंकज त्रिपाठी

मिर्जापुर’ का ज़बरदस्त क्रेज़ देखकर पंकज त्रिपाठी हुए दंग : साल 2018 में, मिर्जापुर ने अमेज़न प्राइम वीडियो के साथ वेब-सीरीज़ की दुनिया में अपना कदम रखा था और तभी से यह सभी के दिलों में छाया हुआ है। यह जल्द ही भारत में एकमात्र वेबसीरीज बन गयी, जिसने प्रशंसकों को बीच इस तरह का पागलपन देखा है। इतना ही नहीं, फैन्स ने दूसरे सीज़न के लिए मांग उठाना शुरू कर दिया।

एक्टर पंकज त्रिपाठी ने एक दिलचस्प घटना साझा करते हुए बताया, “मैं ग्लासगो, यूके में 83′ फिल्म की शूटिंग कर रहा था। शूटिंग के दौरान लोग उस जगह के आसपास इकट्ठा हो गए और मैंने सोचा कि शायद यह इसलिए है क्योंकि वे एक भारतीय फिल्म की शूटिंग देखने के लिए उत्साहित हैं। वह भीड़ सिर्फ भारतीयों की नहीं थी, विदेशी भी वहाँ जमा हो गए और शूटिंग पूरी करने के बाद जब मुझे उनसे मिलने का मौका मिलता था, तो वे केवल एक ही सवाल पूछते थे कि- कालीन भैया, आप स्क्रीन पर कब वापस आएंगे?”

“मैं मिर्जापुर के विशाल फैनडम को देखकर दंग रह गया, जिसने ब्रिटेन तक अपना रास्ता तय कर लिया है। जब मैं अन्य परियोजनाओं के लिए भी शूटिंग कर रहा था, तब भी क्रू मेंबर्स और आसपास के सभी लोग मिर्जापुर के बारे में जानने के लिए उत्सुक रहते थे।”

हम वास्तव में सोचते हैं कि मिर्जापुर का जादू दर्शकों पर इस कदर शुमार था कि उन्होंने कभी भी सीज़न 2 की मांग उठाना बंद नहीं किया। अमेज़ॅन प्राइम वीडियो का सोशल मीडिया अकाउंट और सभी कलाकारों के सोशल मीडिया अकाउंट्स पर सिर्फ एक सवाल के साथ बमबारी की गई – सीज़न 2 कब आएगा?

मिर्जापुर का दूसरा सीज़न 23 अक्टूबर 2020 को आ चुकी है जिसे अपेक्षा के अनुरूप खूब देखा-सुना जा रहा है।

दूरदर्शन पर नया धारावाहिक लाल रेखा !

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कमलाश्री फ़िल्म्स के बैनर तले, निर्माता -निर्देशक दिलीप सोनकर के निर्देशन में दूरदर्शन के राष्ट्रीय चैनल और दूरदर्शन अरूणप्रभा के लिए बनाये गए स्वतंत्रता संग्राम की पृष्ठभूमि पर आधारित धारावाहिक “लाल -रेखा ” असम राज्य के उन गुमनाम क्रांतिकारियों के शौर्य की गाथा को दर्शाएगा जिन्होंने देश की आज़ादी में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया था। धारावाहिक का प्रसारण 31 अक्टूबर से प्रत्येक शनिवार और रविवार शाम 7 बजे से किया जाएगा।

इस धारावाहिक का पोस्टर और प्रोमो मुम्बई में लॉन्च किया गया। इस अवसर पर आतिथियो में प्रसिद्द लेखक और निर्माता श्री महेश पांडेय, पियूष गुप्ता, दौलत सिंह रावत , संतोष गायकवाड़, राकेश कुमार यादव , सुरेश तिवारी ,प्रमोद सिंह ,हिमांशु तिवारी, मोहम्मद रफ़ी, ज्ञान सिंह और दिव्य ज्योति भराली आदि फ़िल्मी दुनिया से जुड़ी हस्तियों ने अपनी मौजूदगी दर्ज कराई। धारावाहिक के निर्माता -निर्देशक दिलीप सोनकर ने बताया कि ‘लाल रेखा’ असम की वादियों में जन्मी एक ऐसी प्रेम कहानी है, जिसके मुख्य पात्र लाल और रेखा, सच्चे देश भक्त और क्रांतिकारी हैं।

धारावाहिक में गुवाहाटी के जीवितेष मजूमदार ने मुख्य पात्र लाल की भूमिका निभाई हैं वही असम में पली- बढ़ी सुदीप्ता बंदोपाध्याय रेखा की भूमिका में नज़र आएँगी।इसके साथ ही बॉलीवुड और असम के नामचीन कलाकारों से युक्त धारावाहिक में अरुण बख्शी, मुकुल नाग (साईं बाबा फेम ), अनुपम श्याम ओझा, बीरबल आदि की अहम भूमिका है।

इस अवसर पर धारावाहिक बॉलीवुड के प्रख्यात संगीतकार मोंटी शर्मा ने कहा कि इस धारावाहिक में उन्हें कुछ अलग करने को मौका मिला है। पार्श्व संगीत असलम सुरती (इस्माइल दरबार के भांजे ) ने तैयार किया है। कहानी मशहूर उपन्यासकार देवकीनंदन खत्री के परपोते विवेक खत्री ने लिखी है। संवाद धीरज कुमार और रंजीत भट्टाचार्य के हैं।

निर्माता दिलीप सोनकर और संयुक्त निर्माता रणजीत कवाले का कहना है कि धारावाहिक को अत्यंत रोमांचक, रुचिकर और शिक्षाप्रद बनाया गया है ताकि वर्तमान नई पीढ़ी इस धारावाहिक को देखकर कठिन संघर्ष के उपरांत मिली आज़ादी का अच्छी तरह मूल्यांकन कर सके। ये ही इस धारावाहिक का मुख्य लक्ष्य है।

डमी चैनलों के रिपोर्टरों से परेशान हैं नालंदा के पत्रकार

dummy channels reporter

बिहारशरीफ। नालंदा में तथाकथित डमी मीडिया चैनल वाले पत्रकारों की प्रतिष्ठा गिरा रहे हैं : नालंदा जिला मुख्यालय बिहारशरीफ में इन दिनों अवैध चैनल की भरमार हो गई है। इनके घटियापन की झलक विधानसभा चुनाव में नामांकन के समय देखने को मिल रही है। जैसे ही प्रत्याशी नामांकन कर बाहर निकलते हैं अवैध चैनल वाले माइक वाला लोगो लेकर दौड़ पड़ते हैं जिससे प्रिंट मीडिया एवं रजिस्टर्ड चैनल के पत्रकारों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है ।

बिहार में विधानसभा चुनाव चल रहा है। नालंदा में भी द्वितीय चरण के अंतर्गत 3 नवंबर को मतदान होना है। इन दिनों विभिन्न दलों के प्रत्याशी नामांकन के लिए बिहारशरीफ विभिन्न विधानसभा के रिटर्निग अफसर के यहां जा रहे हैं ।

जब नामांकन के बाद प्रत्याशी बाहर निकलते हैं, तो अवैध चैनल वाले लोग उन पर टूट पड़ते हैं ।अपना- अपना नाम वाला लोगो प्रत्याशी के मुंह पर सटा देते हैं जिससे प्रिंट मीडिया के पत्रकारों को अपने अखबार के लिए एक फोटो ले पाना भी मुश्किल हो जाता है। प्रिंट मीडिया के साथ-साथ रजिस्टर्ड चैनल वाले पत्रकारों को कवरेज करने में बहुत मुश्किल हो जाता है।

अवैध चैनल वाले ही प्रत्याशी के इंटरव्यू के बाद खर्चा पानी मांगने चले जाते हैं। प्रत्याशी रुपया दे भी देता है, यह कह कर कि सब लोग बांट लीजिएगा। अवैध चैनल वाले प्रत्याशी से रुपया ले लेते हैं और गिरोह के लोग आपस में बांट लेते हैं। प्रत्याशी कहता है कि मीडिया को इतना पैसा दिया। प्रत्याशी तो पूरे पूरे मीडिया जगत के बारे में अपना राय बना लेता है कि सब बिकाऊ है ।अवैध चैनल वाले रुपए वसूल रहा है । पूरे अखबार जगत माले लोगों की बदनामी हो रही है।

जानकार यह कहते हैं कि जो प्रशासन को इन पर लगाम लगाना चाहिए। वहीं प्रशासन अपने गुणगान करवाने के लिए इन्हें बजात्ता जनसंपर्क विभाग द्वारा सरकारी कार्यक्रमों सें संबंधित समाचार हेतु व्हाट्सएप ग्रुप में नाम जोड़ देती है। कहा तो यहां तक जाता है कि इन लोगों को चुनाव आयोग द्वारा पास तक भी उपलब्ध करवाई जाती है। आखिर इन काली कमाई वाले अवैध चैनलों के खिलाफ कार्रवाई कौन करेगा?

(नालंदा से संजय कुमार की रिपोर्ट)

रिपब्लिक टीवी के कर्मचारियों के खिलाफ मुंबई पुलिस की एफआईआर!

fir against republic tv

एक बड़े घटनाक्रम में, मुंबई पुलिस ने शुक्रवार को रिपब्लिक टीवी न्यूज चैनल के कई कर्मचारियों के खिलाफ मानहानि और पुलिस विभाग को बदनाम करने के आरोप में एफआईआर दर्ज की है। अधिकारियों ने कहा कि एनएम जोशी मार्ग पुलिस स्टेशन ने विशेष शाखा-1 (स्पेशल ब्रांच) के पुलिस उप-निरीक्षक शशिकांत पवार की शिकायत के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की है।

एफआईआर में नामजद आरोपी रिपब्लिक टीवी चैनल के स्टाफ एग्जीक्यूटिव एडिटर निरंजन नारायणस्वामी, डिप्टी न्यूज एडिटर्स सागरिका मित्रा और शवन सेन, एंकर/सीनियर एसोसिएट एडिटर शिवानी गुप्ता, डिप्टी एडिटर शवन सेन के साथ ही अन्य संपादकीय (एडिटोरियल) स्टाफ और न्यूज रूम प्रभारी हैं।

प्राथमिकी में भारतीय दंड संहिता और पुलिस अधिनियम, 1922 के विभिन्न खंड शामिल हैं।

इस कार्रवाई पर प्रतिक्रिया देते हुए, रिपब्लिक टीवी ने इसे मुंबई पुलिस की ओर से ‘चौंकाने वाली’ कार्रवाई करार दिया है। इसके साथ ही न्यूज चैनल ने इसे ‘मीडिया अधिकारों पर एक चौंकाने वाला हमला’ बताया है।

शिकायतकर्ता पवार ने कहा कि चैनल और उसके कर्मचारियों ने गुरुवार (22 अक्टूबर) को कुछ रिपोटरें को प्रसारित किया, जिसमें अन्य बातों के अलावा, मुंबई पुलिस और पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह को जानबूझकर बदनाम करने की कोशिश की गई थी।

रिपब्लिक टीवी की रिपोर्ट में कथित तौर पर दावा किया गया है कि मुंबई पुलिस के अधिकारी पुलिस आयुक्त के खिलाफ बगावत के कगार पर हैं। इसमें सूत्रों का हवाला देते हुए कहा गया है कि अधिकारी उनके आदेशों की अवहेलना कर रहे हैं, जिसने मुंबई पुलिस की छवि को खराब कर दिया है।

चैनल ने अपनी रिपोर्ट में कुछ चीजों का हवाला दिया है, जिन्हें एफआईआर में भी शामिल किया गया है। इसमें कहा गया है, “रिपब्लिक को विशेष जानकारी है कि मुंबई पुलिस के भीतर शीर्ष पुलिस के खिलाफ बगावत अब बढ़ रही है।” (एजेंसी)

पॉर्न हब बनकर रह गए हैं स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म – कंगना रनौत

Kangana Ranaut streaming plateform

बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत ने अब ओटीटी प्लेटाफॉर्मो पर निशाना साधते हुए उन्हें अश्लीलता का ठिकाना कहा है। उनका यह बयान नवरात्रि के मौके पर इरॉस नाउ द्वारा किए गए एक पोस्ट के मद्देनजर आया है, जिसमें रणवीर सिंह, सलमान खान और कैटरीना कैफ की तस्वीरों के साथ कुछ मीम्स तैयार किए गए हैं। इरॉस को टैग करते हुए कंगना अपने सत्यापित ट्विटर अकांउट से लिखती हैं, “हम समुदायों को सिनेमाघरों में दिखाने लायक फिल्मों का संरक्षण करना चाहिए। व्यक्तिगत तौर पर देखने के लिए विषय-सामग्री को अश्लील बनाना और कला का प्रदर्शन करना आसान हो गया है, जबकि इनकी तुलना में दर्शकों को बड़े पैमाने पर आकर्षित करना काफी कठिन हो गया है। ये सभी स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म कुछ नहीं, बल्कि पॉर्न हब बनकर रह गए हैं। शर्मनाक।”

अपने एक अलग ट्वीट में वह लिखती हैं, “और यह सिर्फ स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म की गलती नहीं है, जब आप अकेले बैठकर, कानों में हेडफोन लगाकर कोई कंटेंट देखते हैं, तो आपको तात्कालिक संतुष्टि चाहिए रहती है। फिल्मों को पूरे परिवार, बच्चों, आस-पड़ोस के लोगों के साथ देखे जाने की आवश्यकता है। मूल रूप से यह एक सामुदायिक अनुभव होना चाहिए।”

वह आगे यह भी लिखती हैं, “इससे हममें सर्तकता बढ़ती है। जब हमें पता रहता है कि जो हम देख रहे हैं, उसे कोई और भी देख रहा है, हम वही बनने की कोशिश करते हैं, जो हम दूसरों की नजरों में खुद को दिखाना चाहते हैं। हम चीजों को लेकर काफी सजग हो जाते हैं। अपने दिमाग, भावनाओं और अपनी अंतरात्मा पर भी लगाम कसना जरूरी है।”

कंगना की बातों को लोगों का भरपूर समर्थन मिला है। सोशल मीडिया यूजर्स ने भी माना कि इन स्ट्रामिंग प्लेटफॉर्म से भारत की संस्कृति और लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंची है।

सोशल मीडिया पर लोगों को एकजुट देखते हुए इरॉस ने अपने इस पोस्ट को डिलीट कर दिया है और साथ ही गुरुवार को अपने आधिकारिक ट्विटर अकांउट पर एक माफीनामा भी जारी किया है।

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