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इरफान हबीब के बयान पर हैरान अजीत अंजुम

अजीत अंजुम,प्रबंध संपादक,इंडिया टीवी

अजीत अंजुम,मैनेजिंग एडिटर, इंडिया टीवी

अखबारों पर मोदी का सर्जिकल अटैक
अखबारों पर मोदी का सर्जिकल अटैक

ऐसे वक्त में जब भारतीय सेना की जांबाजी से देश का सिर ऊंचा हुआ हो..पाकिस्तान के घर में घुसकर आतंकी ठिकानों के नेस्तानाबूद करने की खबरों पर देश जश्न मना रहा हो , इतिहासकार इरफान हबीब का चौंकाने वाला बयान आया है…इरफान हबीब ने कहा है ‘अच्छा होता अगर हम लोग इंटरनेशऩल गाइड लाइन का पालन करते ..ये तो उसी तरह का काम है , जैसा पाकिस्तान ने किया है..ये अच्छी बात नहीं ..गलत काम का जवाब गलत काम से नहीं दिया जा सकता.

इरफान हबीब जाने माने वामपंथी इतिहासकार हैं , पद्म भूषण समेत कई सम्मानों से सम्मानित हैं . बतौर इतिहासकार उन्होंने कई किताबें भी लिखी हैं . दुनिया भर में उनका नाम भी है लेकिन पाक के आतंकी ठिकानों पर भारतीय सेना के हमले के बाद ऐसी नसीहत गले से नहीं उतरती . इंटरनेशनल गाइड लाइन का पालन करना चाहिए और भारत करता भी रहा है लेकिन पाकिस्तान अब तक क्या करता रहा है, ये हबीब साहब भी जानते हैं और दुनिया भी जानती है. अगर देश के कुछ दुश्मनों को मौत के घाट उतारकर सेना ने जाबांजी की मिसाल कायम की है तो ये वक्त पीठ थपथपाने का है..नुक्ताचीनी का नहीं…सारे कायदे कानून का पालन करते हुए भी कभी कभी दुश्मनों को ठिकाने लगाने के लिए युद्ध के नियम बदलने पड़ते हैं.. सरकार और सेना ने वो कर दिखाया है , जिसका देश इंतजार कर रहा था… तो हबीब साहब , मौके की नजाकत को समझिए और जन भावनाओं की कद्र करिए …गर्व करिए उन जाबांजों पर , जिन्होंने जान पर खेलकर आंतकियों को मार गिराया और सही -सलामत लौट आए….

पाकिस्तान आतंकियों का रहनुमा है और हाफिज, लखवी, सलाउद्दीन से लेकर डी कंपनी तक का घोषित सरपरस्त. फिर अगर इस पाकिस्तान के साथ दशकों से चल रही बातचीत और मेल मिलाप की कोशिशों का अंजाम ये हो कि कभी मुंबई हमले में पौने दो सौ बेकसूर मारे जाएं तो कभी ट्रेनों और बाजारों में बम धमाकों में दर्जनों जानें चली जाए..कभी संसद पर हमला हो तो कभी उड़ी में सेना के कैंप पर हमला हो जाए और हर बार तमाम सबूतों को झुठलाकर पाक खुद को पाक साफ घोषित कर दे तो उसके साथ कभी – कभी ऐसा भी सलूक होना चाहिए ..कौन नहीं जानता कि देश के सबसे बड़े दुश्मनों का ठिकाना पाक है. उनके पते हैं . उनके खिलाफ सबूत हैं. उनके अड्डों की तस्वीरें हैं ..लेकिन पाक उनके खिलाफ कार्रवाई करने की बजाय उनका इस्तेमाल करके भारत के खिलाफ दशकों से साजिश करता रहा है..तो फिर अगर उनके घर में घुसकर 40-50 को मार आए तो क्या गलत किया ? ये संदेश तो जाना ही चाहिए कि हम इतने कमजोर नहीं है कि सरहद पार से कभी भी , कहीं भी कोई आंतकी दाखिल होकर हमारे जवानों को सिर काट ले या उन्हें मौत की नींद सुला दे या बेकसूरों को बम से उड़ा दे और हम सिर्फ सहते रहें ..पाक को घेरने और दुनिया भर में उसे बेनकाब करने की लंबी रणनीति के साथ साथ ऐसी दूरगामी योजना पर काम होना चाहिए कि युद्द की नौबत भी न आए और हमारे घर में आतंकी भेजने की हिमाकत से भी वो बाज आए.हां, इसमें कोई शक नहीं कि युद्ध से कभी किसी देश का भला नहीं होता…युद्ध और युद्धोन्माद देश हित में नहीं है…

(लेखक के एफबी वॉल से साभार)

ज़ी न्यूज़ के एंकरों के नाम हाफिज सईद का पैगाम

ज़ी न्यूज़ के एंकरों के नाम हाफिज सईद का पैगाम
ज़ी न्यूज़ के एंकरों के नाम हाफिज सईद का पैगाम

ज़ी न्यूज़ के एंकरों के नाम हाफिज सईद का पैगाम
ज़ी न्यूज़ के एंकरों के नाम हाफिज सईद का पैगाम
ज़ी न्यूज़ का राष्ट्रवाद दर्शकों के बीच लोकप्रिय है.पाकिस्तान को लेकर चैनल की आक्रमकता से भी सब भलीभांति परिचित है. अपने इसी रवैये के कारण भारत तो भारत चैनल अब पाकिस्तान में भी लोकप्रिय हो गया है. यही वजह है कि उसे अब पाकिस्तान से धमकी भी मिल रही है.

ज़ी न्यूज़ ने आज एक वीडियो जारी किया है जिसमें हाफ़िज़ सईद को ज़ी न्यूज़(ज़ी टीवी) का नाम लेते हुए देखा जा सकता है. इस वीडियो में आतंकवादी हाफिज सईद ज़ी का नाम लेते हुए कहता है –

“ज़ी टीवी वालों ने इंशाअल्लाह तुम्हे पता चलेगा कि सर्जिकल स्ट्राइक क्या होती है.

ये जो इनके एंकर मजे ले ले कर ख़बरें बता रहे थे लेकिन ज़ी टीवी और इंडिया के चैनल वालों तुम्हें पता चलेगा कि सर्जिकल स्ट्राइक क्या होती है.पाकिस्तान के फौजी बताएँगे कि इंतकाम कैसे लेते हैं?

देखिये वीडियो –

ज़ी न्यूज़ ने अपनी वेबसाईट पर जो रिपोर्ट प्रकाशित की है वो इस तरह से है –

नई दिल्ली : आतंकवादी संगठन जमात-उद-दावा प्रमुख और 26-11 के साजिशकर्ता हाफिज सईद ने शुक्रवार को ज़ी न्यूज को धमकी दी है। हाफिज सईद ने ज़ी टीवी का नाम लेकर धमकी दी कि ‘ज़ी वालों हम बताएंगे कि सर्जिकल स्ट्राइक क्या होती है।’ हाफिज ने कहा कि अब पता चलेगा कि पाकिस्तान के फौजी किस तरह इंतकाम लेते हैं। एक सामने आए वीडियो में हाफिज ने ज़ी न्यूज को धमकी दी है।
गौरतलब है कि उरी हमले के बाद ज़ी समूह ने अपने मनोरंजन चैनल ‘ज़ी जिंदगी’ पर पाकिस्तानी कंटेट न दिखाने का फैसला किया है।

उरी आतंकी हमले का बदला लेने के लिए भारतीय फौज के पैरा कमांडो ने मंगलवार रात नियंत्रण रेखा के पार स्थित आतंकी शिविरों पर सर्जिकल हमले किए जिनमें आतंकवादियों को भारी नुकसान पहुंचा।

ज़ी न्यूज पिछले कुछ समय से कश्मीर पर ग्राउंड जीरो से रिपोर्टिंग कर रहा है। इस रिपोर्टिंग में कश्मीरी लोगों की असलियत सामने आई है जबकि अलगाववादी और पत्थरबाज बेनकाब हुए हैं। ज़ी न्यूज की रिपोर्ट्स से साफ हुआ है कि कश्मीर में हिंसा और अशांति के लिए पाकिस्तान जिम्मेदार है।

अखबारों पर मोदी का सर्जिकल अटैक

अखबारों पर मोदी का सर्जिकल अटैक
अखबारों पर मोदी का सर्जिकल अटैक

उड़ी हमले के जवाब में भारत के सर्जिकल अटैक से जहाँ एक तरफ पाकिस्तान थर्रा उठा तो दूसरी तरफ मोदी और भारतीय सेना का जयघोष पूरे देश में गूंजने लगा. देश की तमाम विपक्षी पार्टियों ने भी सरकार के कदम की तारीफ़ की और भारतीय सेना के इस कदम को सही ठहराया. देश तो देश अफगानिस्तान और बांग्लादेश जैसे पड़ोसियों ने भी भारत के इस कदम की सराहना की. इससे भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कद पहले से कहीं अधिक ऊँचा उठ गया तो ये लाजमी ही था कि टीवी स्क्रीन के बाद अखबारों की सुर्ख़ियों में भी सिर्फ वे और वे होंगे. पेश है आज की प्रकाशित अख़बारों की तस्वीर जो हमें हेमराज चौहान के सौजन्य से प्राप्त हुआ.सर्जिकल हमले को लेकर अलग-अलग अख़बारों की दिलचस्प हेडलाइन :




अखबारों पर मोदी का सर्जिकल अटैक
अखबारों पर मोदी का सर्जिकल अटैक




आतंकवाद के खिलाफ भारत का 56 इंच का सीना

भारत आतंकवाद के खिलाफ है किसी देश के नहीं
भारत आतंकवाद के खिलाफ है किसी देश के नहीं

” वक्त आने दे बता देंगे तुझे ऐ आसमाँ ,
हम अभी से क्या बताएँ क्या हमारे दिल में है ।”

डॉ नीलम महेंद्र
डॉ नीलम महेंद्र

29 सितंबर रात 12.30 बजे भारत के स्पेशल कमान्डो फोर्स के जवान जो कि विश्व का सबसे बेहतरीन फोर्स है , Ml-17 हेलिकॉप्टरों से LOC के पार पाक सीमा के भीतर उतरते हैं 3 किमी के दायरे में घुस कर भिंबर , हाँट स्प्रिंग ,केल और लीपा सेक्टरों में सर्जीकल स्ट्राइक करके 8 आतंकवादी शिविरों को नष्ट करते हैं।

इस हमले में न सिर्फ वहाँ स्थित सभी आतंकवादी शिविर और उसमें रहने वाले आतंकी नष्ट हुोते हैं बल्कि उन्हें बचाने की कोशिश में पाकिस्तान सेना के दो जवानों की भी मौत हो जाती है और 9 जवान घायल हो जाते हैं।

भारत आतंकवाद के खिलाफ है किसी देश के नहीं
भारत आतंकवाद के खिलाफ है किसी देश के नहीं

सभी भारतीय जवान इस ओपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम देकर कुशलतापूर्वक भारतीय सीमा में लौट आते हैं।भारतीय सेना की ओर से पाक डीजीएनओ को इस बारे में सूचित किया जाता है  पाकिस्तानी सेना का बयान आता है , ” भारत की ओर से कोई सर्जीकल स्ट्राइक नहीं हुई है, यह सीमा पार से फाइरिंग थी जो पहले भी होती रही है।”

इससे बड़ी सफलता किसी देश के लिए क्या होगी कि वह छाती ठोक कर हमला करके सामने वाले देश को अधिकारिक तौर पर सम्पूर्ण विश्व के सामने स्वीकार कर रहा है कि हाँ हमने तुम्हारेी सीमा में 3 किमी तक घुस कर हमला किया है और अपने काम को अंजाम देने के बाद चुपचाप वापस आ गए हैं ।लेकिन सामने वाला देश हमले से ही इंकार कर रहा हो ! यह पाक के लिए कितनी बड़ी विडम्बना है कि बेचारा जब स्वयं आतंकवादियों द्वारा हमला करता है तो भी इंकार करता है और जब हम बदला लेने के लिए उस पर हमला करते हैं तो भी उसे इंकार करना पड़ता है।

जब पूरा देश चैन की नींद सो रहा था भारतीय फौज ने वो काम कर दिया जिसकी प्रतीक्षा पूरा भारत 18 सितंबर से कर रहा था। यह एक बहुत प्रतीक्षित कदम था जैसा कि हमारी सेना ने पहले ही कहा था कि हमारे सैनिकों के बलिदान का बदला अवश्य लिया जाएगा लेकिन समय, स्थान और तरीका हम तय करेंगे ! और वह उन्होंने किया।

किसी भी देश के लिए इस प्रकार के हमलों का सबसे कठिन पहलू होता है अन्तराष्ट्रीय दबाव, लेकिन भारत ने यहाँ भी बाजी मार ली है।

अपने प्रधानमंत्री बनने के बाद से ही मोदी जी ने पाकिस्तान की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाने के लिए जो कदम उठाए थे और जिस प्रकार की सहशीलता का परिचय उन्होंने दिया था आज उनकी यही कूटनीति अन्तराष्ट्रीय समुदाय को भारत का साथ देने के लिए विवश कर रही है। यह प्रधानमंत्री मोदी की विदेश नीति , राजनीति और कूटनीति की सफलता ही है कि आज विश्व भारत के साथ है और पाकिस्तान अलग थलग पड़ चुका है।
अमेरिकी अखबार वाॅल स्ट्रीट जर्नल ने लिखा है , “मोदी संयम बरत रहे हैं , पाक इसे हल्के में न ले। पाक सहयोग नहीं करता है तो अलग थलग पड़ जाएगा। अगर पाकिस्तानी सेना सीमा पार हथियार और आतंकी भेजना जारी रखता है तो भारत के पास कारवाही करने के लिए मजबूत आधार होगा ”

यह मोदी की ही विशेषता है कि उन्होंने पाक को घेरने के लिए केवल सैन्य कार्यवाही का सहारा नहीं लिया बल्कि उसे चारों ओर से घेर लिया है। अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर एक तरफ इसी महीने पाक में होने वाला सार्क सम्मेलन निरस्त होने की कगार पर है चूँकि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा इस सम्मेलन में भाग लेने से इनकार करने के बाद बांग्लादेश अफगानिस्तान और भूटान ने भी इंकार कर दिया है वहीं दूसरी ओर हमारी विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने यूएन में पाक को दो टूक सुनाते हुए उसे सबसे बड़े अन्तराष्ट्रीय मंच पर बेनकाब किया और सम्पूर्ण विश्व को आतंकवाद पर एक साथ होने का आहवान करते हुए पाक को अलग थलग करने का महत्वपूर्ण कार्य किया ।
इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि अमेरिका और ब्रिटेन को भारत के इस कदम की पूर्व जानकारी थी।भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की 28 ता० को अमेरिकी सुरक्षा सलाहकार सुसेन राइस से फोन पर लम्बी बातचीत हुई थी और उन्होंने उरी हमले का विरोध किया था। इससे पहले यू एस सेकरेटरी आफ स्टेट जान कैरी की भी भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से दो दिन में दो बार बात हुई थी। यह सभी बातें इशारा कर रही हैं कि जो अमेरिका कभी पाकिस्तान का साथ खड़ा था आज वह आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई में कम से कम पाक के साथ तो नहीं है और यूएन के ताजा घटनाक्रम ने पाकिस्तान और आतंकवाद के बीच की धुंधली लकीर भी मिटा दी है।सम्पूर्ण विश्व आज जब आतंकवाद के दंश की जड़ों को तलाशता है, तो चाहे 9/11 हो , चाहे ब्रसेलस हो या फिर अफगानिस्तान सीरिया या इराक ही क्यों न हों , हमलावर लश्कर , जैश हिजबुल या तालीबान या कोई भी हों उसके तार कहीं न कहीं पाकिस्तान से जुड़ ही जाते हैं। आखिर विश्व इस बात को भूला नहीं है कि ओसामा बिन लादेन पाकिस्तान की धरती पर ही मारा गया था । भारत का मोस्ट वान्टेड अपराधी दाउद को भी पाक में ही पनाह मिली हुई है। आज यह भारत की उपलब्धि है कि वह विश्व को यह भरोसा दिलाने में कामयाब हुआ है कि इस प्रकार की सैन्य कार्यवाही किसी देश के खिलाफ न होकर केवल आतंकवाद के खिलाफ है। जो बात आज़ादी के 57 सालों में हम दुनिया को नहीं समझा पाए वह इन 2.5 साल में हमने न सिर्फ समझा दी बल्कि कर के भी दिखा दी।

इतना ही नहीं द्विपक्षीय स्तर पर भी भारत ने सिंधु जल संधि पर आक्रमक रख दिखाया है और साथ ही उससे एम एफ स्टेट अर्थात् व्यापार करने के लिए मोस्ट फेवरेबल स्टेट का दर्जे पर भी पुनर्विचार करने का मन बना लिया है।

इस प्रकार चारों ओर से घिरे और अन्तराष्ट्रीय स्तर पर भी अकेले पड़ चुके पाक को इससे बेहतरीन जवाब दिया भी नहीं जा सकता था। हम सभी भारत वासियों की ओर से भारतीय सेना को बहुत बहुत बधाई आज एक बार फिर हमारी सेना ने सम्पूर्ण विश्व के सामने भारत का मान बढ़ा दिया है , जैसे हमारा हर सैनिक कह रहा हो,
” है लिए हथियार दुश्मन ताक में बैठा उधर
और हम तैयार हैं सीना लिए अपना इधर “

अंजना कश्यप के साथ ट्विटर पर अभद्रता, ऋचा अनिरुद्ध ने कहा आयरन लेडी

अंजना ओम कश्यप से खफा केजरीवाल
अंजना ओम कश्यप से खफा केजरीवाल
अंजना कश्यप के साथ ट्विटर पर अभद्रता
अंजना कश्यप के साथ ट्विटर पर अभद्रता

सोशल मीडिया पर नामचीन हस्तियों के साथ अभद्रता कोई नई बात नहीं. प्रख्यात न्यूज़ एंकर अंजना ओम कश्यप के साथ भी हाल ही में ट्विटर पर ऐसा ही हुआ जब एक शख्स ने उनके लिए बेहद आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग किया. इसपर अंजना कश्यप ने उसे रीट्वीट करते हुए लिखा –

अंजना ओम कश्यप पर इस अभद्र टिप्पणी के बाद उनके समर्थन में ट्विटर पर जमकर लोगों ने ट्वीट किया. पूर्व न्यूज़ एंकर ऋचा अनिरुद्ध ने इस अभद्र टिप्पणी पर रोष जताते हुए लिखा –

ऋचा ने अंजना की तारीफ़ करते हुए लिखा –

बहरहाल शिकायत के बाद ट्विटर इंडिया ने इस एकाउंट को बंद कर दिया है.

सोशल मीडिया पर मीडिया खबर

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