आज विजयादशमी है और सभी न्यूज़ चैनल अपने-अपने तरीके से विजयादशमी दिखा रहे हैं. इसी कड़ी में ज़ी न्यूज़ के संपादक सुधीर चौधरी ने भी कुछ अलग हटकर किया और जा पहुँचे सियाचिन का DNA टेस्ट करने.
मकसद जवानों के साथ विजयादशमी मनाना और दर्शकों को भारतीय सेना के शौर्य से परिचित कराना था जिसमें सुधीर सफल भी रहे.
लेकिन वहां से भी जेएनयू राष्ट्रद्रोह मामले पर चोट करने से वे पीछे नहीं हटे. अंत में राष्ट्रगान पर दर्शकों को खड़े होने की अपील भी की गयी.
सुनने में आया कि एनडीटीवी सेंसरशिप के साये में खबरनवीसी कर रहा है. तो उसने अपनी लकीर छोड़ी और इधर एंकरों के जाने का भी सिलसिला शायद शुरू हो गया. एनडीटीवी के एक प्रमुख एंकर सुशांत सिन्हा ने चैनल को अलविदा कह दिया है. वे एनडीटीवी से किस चैनल में जाएंगे,इस बारे में अबतक कोई खबर नहीं मिली पायी.एनडीटीवी इंडिया से पहले सुशांत न्यूज़24 और लाइव इंडिया में काम कर चुके हैं.मूलतः बिहार के रहने वाले सुशांत को नई पीढ़ी के प्रतिभावान एंकरों में से एक माना जाता है.
सुशांत ने खुद सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी दी. उन्होंने लिखा – एनडीटीवी के साथ पांच साल का सफ़र ख़त्म हो रहा है।शुक्रिया सभी का। 🙂 नई पारी की जानकारी भी जल्द साझा करूंगा। 😊
इंडिया टीवी के खिलाफ आजकल सोशल मीडिया पर #IndiaTVExposed हैशटैग चल रहा है. इंडिया टीवी के एक पूर्व रिपोर्टर इमरान शेख की चिठ्ठी के आधार पर आरोप है कि वहां चैनल के रिपोर्टरों पर मोदी के पक्ष में रिपोर्टिंग करने के लिए बाकायदा निर्देश दिए जाते हैं. इमरान शेख ने प्रधानमंत्री को लिखी अपनी चिठ्ठी में लिखा है कि उन्हें प्रधानमंत्री मोदी के पक्ष में False and Fabricated खबरें करने को कहा गया.इससे परेशान होकर उन्होंने चैनल छोड़ दिया. हालाँकि इंडिया टीवी के मैनेजिंग एडिटर ने इसे दुष्प्रचार कहकर खारिज कर दिया है.उन्होंने लंबा – चौड़ा सफाईनामा देते हुए लिखा –
अजीत अंजुम
इमरान शेख मुंबई में एक साल पहले तक इंडिया टीवी के क्राइम/लोकल रिपोर्टर थे और क्राइम रिपोर्टर का पीएम और केन्द्र सरकार की खबरों से कोई लेना-देना नहीं होता. मुंबई का क्राइम रिपोर्टर पीएम के पक्ष में न तो कई खबर कर सकता है, न ही उसे करने को कहा जा सकता है.इसलिए उनकी मंशा संदिग्ध है.
अजीत अंजुम की बात में कितनी सच्चाई है इसके बारे में फिलहाल कुछ तो कहना तो संभव नहीं है लेकिन ऐसा ही मिलता-जुलता आरोप वरिष्ठ पत्रकार कमर वहीद नकवी ने भी अप्रैल 2014 में इंडिया टीवी पर लगाया था. ये इल्जाम तब उन्होंने लगाया जब वे वहां काम कर रहे थे और इंडिया टीवी पर मोदी के फिक्स इंटरव्यू का आरोप लगाकर उन्होंने इस्तीफा दे दिया था. उस समय वे इंडिया टीवी के एडिटोरियल डायरेक्टर के रूप में काम कर रहे थे.दरअसल उस वक्त नरेंद्र मोदी का इंटरव्यू इंडिया टीवी के लोकप्रिय कार्यक्रम ‘आप की अदालत’ में चला था. कमर वहीद नकवी का आरोप था कि ये इंटरव्यू महज दिखावा था, पहले से सवाल-जबाव फिक्स थे. अब एक बार जब फिर आरोप लगा है तो नए सिरे से इंडिया टीवी को लेकर सवाल उठना लाजमी है कि क्या वाकई में इंडिया टीवी में ख़बरों को लेकर पक्षपात किया जाता है और मोदी के पक्ष में सिर्फ सकारात्मक ख़बरें ही चलाई जाती है. बहरहाल नीचे वो पुराना लिंक चस्पा किये जाते हैं जिसमें कमर वहीद नकवी ने इंडिया टीवी पर आरोप लगाया था –
विजयदशमी असत्य पर सत्य की विजय, हिंसा पर अहिंसा की विजय और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। भगवान राम ने इसी दिन लंका के राजा रावण का वध किया था। तभी से अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को दशहरा या विजयदशमी मनाई जाती है। दशहरा भारत के कोने-कोने में धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन भारत के हर क्षेत्र में रावण रुपी पुतले का दहन किया जाता है। विजयदशमी ऐसा पर्व है जो हमें सिखाता है कि ईमानदारी, अच्छाई के रास्ते पर चलने वाले लोग हमेशा विजयी होते हैं। आज के दिन हिन्दू समाज में क्षत्रिय लोग अपने शस्त्रों की पूजा करते हैं और ब्राह्मण लोग अपने शास्त्रों की पूजा करते हैं।
विजयदशमी पर्व आपसी भाईचारे को बढ़ाता है। भारतीय संस्कृति में विजयदशमी का अपना ही धार्मिक और सामजिक महत्व है। धार्मिक आधार पर विजयदशमी हिन्दू धर्म में भगवान राम की विजय के रूप में मनाया जाता है। सामजिक आधार पर भी दशहरा हमें सत्य, अहिंसा, अच्छाई के रास्ते पर चलने का सन्देश देता है। आज के दिन मनुष्य को अपने अंदर के दस प्रकार के पापों- काम, क्रोध, लोभ, मोह मद, मत्सर, अहंकार, आलस्य, हिंसा और चोरी का परित्याग करना चाहिए। आज हमारे समाज में अस्वच्छता रुपी रावण आम बात है। लोग स्वच्छता की और ध्यान नहीं देते हैं। हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधीजी का विश्वास था कि स्वच्छता में ही ईश्वर का वास होता है। वास्तव में कहा जाए तो यहाँ साफ-सफाई होती है वहाँ ईश्वर का वास होता है। यहाँ स्वच्छता होगी वह बीमारियां नहीं फैलेंगी और स्वस्थ्य लोग होंगे। अस्वच्छता भी हमारे अंदर की एक बुराई है। जिस दिन प्रत्येक व्यक्ति अपने अंदर से इस बुराई का खात्मा कर देगा उस दिन अस्वच्छता रुपी रावण का नामोनिशान नहीं बचेगा। आज सभी को विजयदशमी के दिन अपने अंदर स्वच्छता अपनाने का संकल्प लेना चाहिए। जिस दिन भारत का नागरिक प्रत्येक सड़क, प्रत्येक मार्ग, प्रत्येक कार्यालय, प्रत्येक घर, प्रत्येक झोपड़ी, प्रत्येक नदी और अपने ईद-गिर्द हवा का प्रत्येक अंश स्वच्छ करने का संकल्प लेगा, उस दिन अपने-आप अस्वच्छता रुपी रावण का दहन हो जाएगा।
आज विश्व में आतंकवाद रुपी बुराई भी अपने पैर पसार रही है। आतंकवाद एक प्रकार का माहौल है, जो कि हिंसात्मक विचारधारा का अनुकरण करता है। आतंकवाद का मकसद सिर्फ और सिर्फ समाज में हिंसा फैलाना है। और बेगुनाह लोगों का खून खराबा उनका पेशा है। आतंकवाद आज विश्व समाज के लिए एक चुनौती के रूप में उभरा है। इससे निपटने के लिए विश्व समुदाय को एक होना होगा और आतंकवादी रावण का सामूहिक रूप से दहन करना होगा। लेकिन आज के समय में पाकिस्तान जैसे देश आतंकवाद के प्रायोजक बने हुए हैं। जो कि दूसरे देशों में आतंकियों को निर्यात करते हैं। आये दिन पाकिस्तान द्वारा निर्यात किये हुए आतंकवादी भारत देश सहित अन्य देशों में दहशतगर्दी फैलाते हैं। आये दिन पाकिस्तान द्वारा भारत के जम्मू-कश्मीर बाॅर्डर पर आतंकियों कि घुसपैठ कराई जाती है और उरी जैसे हमले किये जाते हैं। लेकिन अब हमारी बहादुर भारतीय सेना ने भी पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर मेें घुसकर लक्षित हमलों द्वारा आतंकी कैम्पों को नेस्तनाबूद कर आतंक को पोषित करने वाले देश पाकिस्तान को सख्त संदेश दे दिया है। हमारी बहादुर सेना ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर मे आतंकी कैम्पों पर लक्षित हमला कर पूरी दुनिया में भी अपनी मजबूती का लोहा मनवा लिया। आज जरूरत है विश्व समुदाय को अच्छे और बुरे आतंकवाद में फर्क करना छोड़ना होगा। आतंकवाद चाहें अच्छा हो या बुरा आतंकवाद, आतंकवाद होता है। और हमेशा हिंसा और कट्टरता को बढ़ावा देता है। जो की संपूर्ण विश्व के लिए घातक ह।ै इसके लिए जरुरत है विश्व के सभी जिम्मेदार देश मिलकर आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त अभियान चलाकर आतंकवादियों को पूरे विश्व से नेस्तनाबूद करें। जब सभी जिम्मेदार देश मिलकर आतंकवाद के खिलाफ अभियान चलाएंगे तभी इस आतंकबाद रुपी रावण का दहन हो सकेगा।
विजयदशमी सिर्फ बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक ही नहीं है, बल्कि आपसी सद्भाव का उत्कृष्ट उदाहरण भी है। विजयदशमी के दिन प्रत्येक नागरिक को अपने अंदर मानवीय मूल्यों का संचार करने का संकल्प लेना चाहिए और समाज में ऐसा माहौल बनाने कि कोशिश करनी चाहिए जहां हमेशा शांति और भाईचारा हो। आज के दिन प्रत्येक व्यक्ति को शांति और सांप्रदायिक सद्भाव को मजबूत बनाने का संकल्प लेना चाहिए, जो देश के विकास और समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण है। विजयदशमी के दिन भारत सहित समस्त विश्व समुदाय को अस्वच्छता, आतंकवाद सहित तमाम सामाजिक बुराइयों के रावण रुपी दहन का संकल्प लेना चाहिए। तभी विजयदशमी पर्व का मनाया जाना सार्थक होगा।