16 दिसंबर,2012 की रात,दिल्ली में हुए सामूहिक बलात्कार की शिकार 23 वर्षीया युवती.आख़िरकार 29 दिसंबर,2012 को जीवन से जंग लड़ते-लड़ते सिंगापुर में मौत से हार गयी,जिसका नाम सिर्फ दिल्ली पुलिस और सरकार जानती है,बावजूद इसके पीड़िता के मौत पर हम सवाल उठा रहे हैं.अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर महिला अधिकार,आजादी और न्याय के लिए कार्यरत संस्थाओं से जबाब मांगते हुए,इस पूरे प्रकरण की निम्नलिखित बिंदुओं पर अंतर्राष्ट्रीय न्यायिक जाँच की मांग करते हैं…
1. पीड़िता युवती जब अस्पताल पहुंची,किस हालत में थी…?
2. प्राथमिक उपचार में कौन-कौन सी दवा दी गयी और मेडिकल जाँच की गयी.जरुरत क्या थी,किया क्या गया…?
3. इण्डिया (भारतीय नहीं) के डाक्टरों ने उसके कितने आपरेशन किये गये और क्यों..?
4. किस अवस्था में पीड़िता ने जूस पीया,टहली और बयान दर्ज करायी.क्या वह इस अवस्था में थी…?
मैं हूँ बलात्कारी हन्नी सिंह के गाने पर एफआईआर दर्ज होना हास्यास्पद
“मैं हूं बलत्कारी” हन्नी सिंह के इस गाने को लेकर माहौल गर्म है और जो टीवी चैनल कल तक जया बच्चन के आंसू को बॉलीवुड संवेदना का घोषणापत्र के रुप में प्रोजेक्ट कर रहे थे, अब सवाल कर रहे हैं क्या सिर्फ दिखावे के आंसू से काम चल जाएगा ? देखें तो इससे पहले हम दिक्कत होने पर लंपट को पिल्स खाने की सलाह देकर पल्ला झाड़ चुकनेवाले गाने चुपचाप पचा गए हैं. और इससे पहले भी डार्लिग के लिए बदनाम होनेवाली मुन्नी और शीला की जवानी को. जिगरमा बड़ी आग है पर न जाने कितने वर्दीधारियों ने नोटों की गड्डियां उड़ायी होंगी ? अब खबर है कि हन्नी सिंह पर एफआइआर दर्ज हो रहा है..कितना हास्यास्पद है न..सवाल हमारी अचर-कचर को लेकर बढ़ रही हमारी पाचन क्षमता पर होनी चाहिए तो ह्न्नी सिंह को प्रतीक प्रदूषक बनाकर मामला दर्ज हो रहा है..आप रोजमर्रा के उन सांस्कृतिक उत्पादों का क्या कर लेंगे जो पूरी ताकत को इस समाज को फोर प्ले प्रीमिसेज में बदलने पर आमादा है. आप उस मीडिया का क्या करेंगे जो बहुत ही बारीकी से छेड़खानी,बदसलूकी और यहां तक कि बलात्कार के लिए वर्कशॉप चला रहा है. हम प्रतीकों में जीनेवाले और गढ़नेवाले लोग क्या कभी उस चारे पर सवाल उठा सकेंगे जो दरअसल अपने आप में दैत्याकार अर्थशास्त्र रचता है.