पी7 न्यूज़ चैनल में चल रहा कर्मचारियों का आन्दोलन अपने अगले पड़ाव पर पहुँच चुका हुआ है. जैसा कि आपको ज्ञात है कि पहले पी7 करीब 450 कर्मचारियों में से केवल 153 लोगों के सेटलमेंट की बात कर रही थी वो अब आन्दोलनकारियों के सामने झुकती नज़र आ रही है. कल सभी कर्मचारी नोएडा सिटी मजिस्ट्रेट के पास ज्ञापन देने गए थे और वहां उन्होंने सिटी मजिस्ट्रेट से धरना पर भी जाने की अनुमति मांगी. लेकिन सिटी मजिस्ट्रेट ने आन्दोलनकारियों से दो दिनों का वक़्त माँगा है. उनका कहना है कि मैं खुद प्रबंधन और निदेशक से बात कर आपका मामला सुलझाता हूँ और उम्मीद है कि आपको धरना करने की नौबत नहीं आने दूंगा. उन्होंने मामला सुलझाने का पूर्ण आश्वासन दिया है. इतना ही नहीं, प्राप्त जानकारी के अनुसार सिटी मजिस्ट्रेट ने पी7 के निदेशक केसर सिंह को अपने यहाँ तलब भी किया है.
दूसरी ओर प्राप्त जानकारी के अनुसार आन्दोलनकारियों के दबाव कारण कल शाम में बहुत लोगों की नवम्बर कि सैलरी रिलीज़ कर दी गयी है. लेकिन अभी तक बहुत से कर्मचारी/श्रमिक जिन्हें प्रबंधन रिटेनर की लिस्ट में रखें हैं उनकी अक्टूबर की भी सैलरी नहीं आई है. साथ ही प्रबंधन फुल एंड फाइनल के सेटेलमेंट में भी चाल चलने की कोशिश कर रहा है. गौरतलब हो कि 21 नवम्बर को सिटी मजिस्ट्रेट सहित कई पदाधिकारियों के समक्ष प्रबंधन का एक समझौता हुआ था जिसमे साफ़ तौर पर लिखा गया था कि संस्थान के सभी कर्मचारियों/श्रमिकों को अगले तीन महीने का कम्पनसेशन दिया जाएगा. लेकिन संस्थान अब रिटेनर एवं कुछ अन्य कर्मचारियों को कम्पनसेशन देने से पीछे हट रही है. इसलिए आन्दोलन कर रहे कर्मचारियों का साफ़ कहना है कि हर किसी को बराबर हक़ मिलना चाहिए और हर एक व्यक्ति का हक़ जबतक उसे वापस ना मिल जाए तबतक हम लड़ते रहेंगे.
ज्ञात हो कि जब कल आन्दोलनकारी सिटी मजिस्ट्रेट के पास अपनी व्यथा ले कर पहुंचे तो सिटी मजिस्ट्रेट मामला सुनकर हतप्रभ रह गए. क्यूंकि उन्हें पी7 प्रबंधन और पिछला आन्दोलन कर रहे मुकुंद शाही ने ये बताया था कि केवल 153 लोग ही वहां से अलग होना चाहे हैं. बांकी बचे हुए सभी कर्मचारी चैनल के साथ हैं और चैनल अभी भी सुचारू रूप से चल रहा है. जबकि कल जैसे ही प्रबंधन को ये जानकारी मिली कि कर्मचारी धरना दे सकते हैं उन्होंने अपने मैं गेट पर ताला जड़ दिया.
21 नवम्बर को हुए समझौते की कॉपी (बड़े आकार में देखने के लिए तस्वीर पर क्लिक करें)