अज्ञात कुमार
पार्थ उपाध्याय नाम के लेखक का एक लेख आज इकठ्ठे दो अखबार में एक साथ प्रकाशित हुआ है.इसे दैनिक जागरण और जनवाणी अखबार ने अपने संपादकीय पृष्ठ पर छापा है. दरअसल ऐसे लेखक संपादकों की आंख में धूल झोंककर चालाकी से एक ही लेखक को कई जगह प्रकाशित करवा लेते हैं। लेकिन इससे अखबारों और उनके संपादकों के काम-काज पर प्रश्नचिंह लगता है। दैनिक जागरण एक प्रतिष्ठित अखबार है। इनके संपादक राजीव सचान और त्रिपाठभ् जी है। लगता है दोनों संपादक अखबार के मालिक कैप्टन संजय गुप्ता का नाम डूबोना चाहते हैं। ऐसे संपादकों से बचना चाहिए। (एक पाठक की प्रतिक्रिया)