ब्रजेश कुमार
मुसीबत की मारी, ओला की सवारी ! ओला की मुसीबत की सवारी एक पैसेंजर की जुबानी
गाँव से एक भाई अपने बच्चे का इलाज कराने के लिए एम्स आए हैं. इस कार्य के सन्दर्भ में हमने आवागमन के साधन के रूप में ‘ओला’ का चुनाव किया मगर ओला ने जो अनुभव दिए, वो भूलने लायक नहीं है
केस नंबर : 1
दिंनाक 25 सितम्बर को वसुंधरा सेक्टर 15 ग़ाज़ियाबाद से मुनिरका (दिल्ली) के लिय “मिनी” बुक किया तो मारुती eccho एकदम खटारा गाडी भेज दी, जिसका नतीजा रहा है की सामान्य समय से ज्यादा समय लिया, नतीजा ज्यादा पैसा देना पड़ा !
केस नंबर : 2
दिनांक 25 सितम्बर को मुनिरका(दिल्ली) से वसुंधरा सेक्टर 15 के लिय 2 गाडी बुक की एक के बाद एक कहने लगे सर मेरा हरियाणा नंबर गाडी है मैं ग़ाज़ियाबाद नहीं जायूँगा, नहीं मैं कैंसिल करूँगा ! अंततः तीसरी गाडी लेनी पड़ी जो UP नंबर की थी ! तबतक वो।बीमार बच्चा और बीमार हो चूका था !
केस नंबर :3
आज दिनांक 26 सितम्बर को वसुंधरा सेक्टर 15 से हौज खास के लिय बुक किया जिसका किराया आप निचे देख सकते है ! बिहारी समझ के ये भी दिल्ली के ऑटो वाले के तरह लूट लिया और 300 रूपये टोल टैक्स के रूप में ले लिया ! नतीजा किराया आपके सामने है !
और अंततः दिल्ली के मुख्यमंत्री माननीय #ArvindKejriwal के डंडे के बाबजूद भी ये ऐप बेस्ड सवारी गाडी वाले दुगने, तिगुने किराये वसूलने से पीछे नहीं हट रहे है !
गाँव से आया भाई तो ओला के नाम से ही अब डरने लगा है !
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