अजीत अंजुम, प्रबंध संपादक, न्यूज़24
स्टेटस 1 : जय मोदी ,जय मोदी करिए तो ठीक …लेकिन किसी ने मोदी की थोड़ी भी आलोचना की तो मोदीवादी फेसबुकिए और टुवीटरिए मां- बहन पर उतारु हो जाते हैं . टिड्डी दल की तरह छा गए हैं इस वर्चुअल स्पेस में …चुनाव तो वोटिंग से होगा लेकिन ये सब मोदी को पीएम चुन चुके हैं और थोड़ी भी असहमति की गुंजाइश खत्म कर चुके हैं . मोदी की जय बोलो या मां- बहन की गालियां सुनो . बिके हुए होने का इल्जाम झेलो …..गालियों और आरोपों की ऐसी ऐसी किस्में इन लोगों ने इजाद की है कि पूछिए मत . न्यूज 24 के फेसबुक पेज पर हजारों की तादाद में ये मोदीवादी टूट पड़ते हैं . इनका वश चले तो किसी को बुलडोज करके दफन कर दें . फर्जी फोटो और फर्जी नामों से भी हजारो मोदीवादी सक्रिय हैं . जिनकी काम है मोदी की जयकार न करने वालों को गालियां देना. तो मोदी की जय बोलो …जो बोले सो निहाल ….जो न बोले वो बिका हुआ माल
स्टेटस 2 : आडवाणी जी के जरिए गृहमंत्री पटेल और प्रुधानमंत्री नेहरु के रिश्तों की कहानियां पढ़ने को मिल रही है …अलग अलग किताबों के हवाले से आडवाणी साबित करने में जुटे हैं कि पटेल की नेहरु से बिल्कुल नहीं पटती थी . आडवाणी जी पटेल को अपनी विचारधारा के करीब साबित करने की होड़ में लगे हैं …अच्छी बात है , एक बहस तो हो रही है …और अच्छा होता अगर आडवाणी जी अपने और वाजपेयी के मतभेदों के बारे में भी यूं ही बेबाकी से बताते …हम ये भी जानना चाहते हैं कि कैसे कई बार गृह मंत्री आडवाणी और प्रधानमंत्री वाजपेयी के बीच गहरे मतभेद हुए …कारगिल , आगरा वार्ता और कंधार से लेकर गुजरात दंगे तक …कहां – कहां वाजपेयी झुके …कहां -कहां आडवाणी झुके …कब -कब आडवाणी रुठे ..कब -कब वाजपेयी रुठे …कब वाजपेयी को संघ ने दबाया , कब आडवाणी ने संघ ने उठाया…न टायर्ड , न रिटायर , आडवाणी जी नेतृत्व में प्रस्थान….. कहने वाले वाजपेयी बीमार हैं , कुछ बता नहीं सकते , कम से कम आडवाणी जी ही कुछ बताएं …. आडवाणी ने अपनी किताब My country, My life में इस बारे में लिखा कम , छिपाया ज्यादा है …….
(स्रोत – एफबी)