ब्रह्मानंद राजपूत-
जिस प्रकार से भारतीय सेना ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर मेें घुसकर आतंकी कैम्पों को नेस्तनाबूद किया है। यह काबीलेतारीफ है। उरी हमले के बाद जिस प्रकार से पीएम नरेंद्र मोदी ने इस हमले की निंदा करते हुए उन्होंने अपने ट्वीट में उरी में हुए हमले की निंदा की थी, और देश को आश्वासन दिया था कि इस हमले के पीछे जो भी लोग हैं उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।’’ उससे अंदाजा हो गया था की मोदी सरकार जल्द ही पकिस्तान को ईंट का जवाब पत्थर से देगी। यह लक्षित हमला उसी का परिणाम था। कहा जाए तो उरी हमले के शहीदों का बदला था। पकिस्तान को एहसास कराने के लिए भी ये कार्यवाही जरूरी थी। भारत भी अमेरिका या अन्य देशों की तरह लक्षित हमलों को अंजाम दे सकता है, और हमारी बहादुर सेना ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर मे आतंकी कैम्पों पर लक्षित हमला कर पूरी दुनिया में भी अपनी मजबूती का लोहा मनवा लिया।
आतंकवादियों के खिलाफ इस लक्षित हमले के दौरान सेना ने आतंकवादियों को तो नुकसान पहुंचाया ही साथ ही साथ उनको समर्थन देने वाले पाक सैनिको को भी नहीं बख्शा। क्योंकि पाक सेना के नेतृत्व में ही आतंकवादियों को प्रशिक्षित किया जाता है। पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में लक्षित हमला आतंकवादियों को निष्क्रिय करने के उद्देश्य से अंजाम दिया गया। जिसमे भारतीय सेना कामयाब भी हुयी। और दर्जनों आतंकियों को ढेर कर दिया। जिन आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया गया वे नियंत्रण रेखा से दो से तीन किलोमीटर के दायरे में स्थित थे और इन ठिकानों पर एक सप्ताह से अधिक समय से नजर रखी जा रही थी। सेना और इस हमले के रणनीतिकारों ने पूरी रणनीति के तहत इस हमले को अंजाम दिया। इसकी जितनी तारीफ की जाये उतनी कम है। आतंकवादियों और उनके आकाओं के खिलाफ की गयी यह सैन्य कार्रवाई हेलीकाप्टर सवार और जमीनी बलों का समिश्रण था। जिसको उन्होने बिना जान-माल की हांनि के बखूबी अंजाम दिया।
भारतीय सेना ने म्यांमार जैसी कार्रवाई कर आतंक को पोषित करने वाले देश पाकिस्तान को सख्त संदेश दे दिया है। जिस तरह से जून 2015 में उग्रवादियों ने म्यांमार बॉर्डर से सटे मणिपुर के चंदेल में आर्मी जवानों को ले जा रहे ट्रक पर हमला किया था। इसमें हमारे 18 बहादुर जवान शहीद हुए थे। हमले के दो दिन बाद मोदी सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के प्लान के तहत आर्मी ने सर्जिकल कमांडो ऑपरेशन चलाया और म्यांमार बॉर्डर के अंदर घुसकर उग्रवादियांे को मार गिराया था। कहा जाये तो यह लक्षित हमला उसी का प्रतिरुप है। लम्बे समय से देश ऐसे हमले की बाट जोह रहा था। जिसे जन आकांक्षाओं के मुताबिक अंजाम दिया गया। पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर मेें सेना द्वारा किये गये लक्षित हमले से पूरे देश में जश्न का माहौल है। जिस प्रकार से पकिस्तान अलगाववादियों के सहयोग से जम्मू-कश्मीर बॉर्डर द्वारा आतंकियों कि घुसपैठ कराता है, इस हमले के बाद इसमें काफी हद तक रोक लगेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री मनोहर पर्णिकर, राष्टीªय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल सहित सेना के आला अधिकारियों ने जिस तरह से इस लक्षित हमले की रणनीति बनायी, वह काबिलेतारीफ है। वास्तव में प्रधानमंत्री ने अपना 56 इंच का सीना दिखा दिया। नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा की गयी इस कार्यवाही का उनके विरोधियों ने भी समर्थन किया है। भारतीय सेना ने इस गुप्त हमले को अंजाम देकर अपनी ताकत दिखा दी और बता दिया कि पकिस्तान की सोच यहाँ खत्म होती है, हिंदुस्तान की सोच वहां से शुरू होती है।
सीमा पार भारतीय सेना द्वारा किए गए आतंकी कैम्पों पर सर्जिकल ऑपरेशन के लिए कांग्रेस सहित सभी राजनैतिक पार्टियों ने सेना द्वारा की गयी कार्यवाही का जोरदार समर्थन किया है। और सन्देश दिया है कि किसी भी आपात स्थिति मैं सभी राजनैतिक पार्टियां एकजुट हैं। ल्क्षित हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ने से पंजाब और जम्मू-कश्मीर में बॉर्डर से सटे 10 किलोमीटर दायरे के 1000 गांव खाली करा लिए गए हैं। पाक से पिछली दो जंग में सबसे ज्यादा नुकसान झेलने वाले पंजाब में हाई अलर्ट है। आर्मी और बीएसएफ के जवानों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। अगर पाकिस्तान पलटवार करता है तो भारतीय सशस्त्र बल किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।