अमिताभ श्रीवास्तव,टेलीविजन पत्रकार
मोदी की दौड़ पटेल के नाम-
मोदी की दौड़ पटेल के नाम- आजतक का शीर्षक – इशारों इशारों में बहुत कुछ कह गया। मोदी मंच से कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कह गये कि पटेल के साथ अन्याय हुआ है , लेकिन इंदिरा गांधी की शहादत के बारे में नहीं कहा। आप इंदिरा गांधी और कांग्रेस केसमर्थक हों या विरोधी कुछ भी हो, ये कैसे भूल सकते हैं कि इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री के पद पर रहते हुए मारी गयीं थीं। एकता की इस दौड़ के आयोजन का विश्लेषण करते हुए आज तक पर रामकृपाल जी की टिप्पणी अहम थी-जिस राष्ट्र को पटेल ने एकता के सूत्र में बाँधा, इंदिरा गांधी ने अपनी जान देकर उसकी रक्षा की। सच है, आप पटेल को मानें या इंदिरा को या किसी और को, बड़े मौक़ों पर पूर्वाग्रह से ऊपर उठकर आचरण करना ही बड़प्पन की निशानी है। कांग्रेस को भी श्रद्धांजलि समारोह के लिए मोदी को औपचारिक निमंत्रण भेजना चाहिए था। आख़िर वो देश के प्रधानमंत्री हैं और इस नाते सम्मान की औपचारिकता का निर्वाह होना ही चाहिए ।
सरदार पटेल पर आज तक की एक रिपोर्ट –
अद्भुत,अकल्पनीय,अविश्वसनीय। आज तक पर दस्तक में एक रिपोर्ट देखी। सरदार पटेल के नाम पर एकता के लिए दौड़ने वालों में से कई ने उन्हें बीजेपी का नेता बताया,एक लड़की ने कहा वो ब्रिटिशर्स से लड़े और ख़ुद को आख़िरी गोली मार ली (पटेल की जगह चंद्रशेखर आजा़द की कहानी से भ्रमित ), कुछ लोग गोल मोल बातें करते और बग़लें झाँकते भी दिखे। तो क्या इन्हीं अधकचरी, ग़लत और गोलमाल जानकारियाँ से लैस सिपहसालारों के भरोसे देश में एकता क़ायम होगी । रिपोर्ट देखते समय तो हँसी आ रही थी लेकिन बाद के असरात सोच सोच कर डर भी लग रहा है।
(स्रोत-एफबी)