नदीम एस.अख्तर
मोदीराज में दो बड़े पत्रकारों ने अपनी साख गंवाई है। एमजे अकबर और अर्णब गोस्वामी। अकबर समझदार थे, उनके पास तुरंत-फुरत रंग बदलने का अनुभव था, सो झट चोला बदल राज-नेता बन गए।
अर्णब महीन खिलाड़ी हैं और पहला इम्तिहान पास कर लिया है। पर दिक्कत ये है कि वो चौथे खम्भे में रहके पहले खंभे के लिए बैटिंग करना चाहते हैं। क्लीन बोल्ड होना तय मानिए।