इस देश को इज़रायल बनाने की कोशिश हो रही है। शायद वो ही अकेला देश है जहां मीडिया को आर्मी से जुड़ी खबरें लोगों को बताने से पहले आर्मी को ही दिखानी पड़ती है।
हमारे रक्षा मंत्रालय ने मीडिया को कहा है कि आर्मी से जुड़ी खबर दिखाने से पहले खबर को आर्मी से ही वैरीफाई कराया जाए।
दरअसल इंडियन एक्सप्रेस ने डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल रनबीर सिंह के उस दावे को खारिज करते हुए खबर छापी कि उरी के हमलावरों की बंदूकों और सामान पर पाकिस्तानी मार्किंग मिली हैं।
ऱक्षा मंत्रालय का दावा है कि डीजीएमओ ने कभी ऐसा कुछ कहा ही नहीं और भविष्य में आर्मी से जुड़ी खबरें चलाने से पहले आर्मी को दिखाई जाएं।
कमाल ये है कि जिस दिन डीजीएमओ हमलावरों के इस्तेमाल किए गए सामान पर पाकिस्तानी मार्किंग की बात दर्जनों कैमरों पर कह रहे थे.. तब वो देशभर के सामने लाइव थे।
मैंने भी उन्हें ये बात कहते साफ सुना था.. लेकिन सरकार उनके झूठ के खुलने की खीझ मीडिया पर उतार रही है।
एक तो पहले ही आधा मीडिया चुटकुलों को खबर बना कर चला रहा है, और अगर कहीं वो ठीक काम कर बैठे तो सरकार बौखलाने लगती है।
खैर, मीडिया को नसीहत देने पर रक्षा मंत्रालय की बहुत जगह थू-थू हुई है।
(नीतिन ठाकुर के एफबी वॉल से)