मंसूर अली खान ‘टाइगर’ पटौदी के विद्रोह का परिणाम शर्मिला टैगोर से शादी !

क्या आप जानते है कि मंसूर अली खान ‘टाइगर’ पटौदी ने समाज को लेकर अपने विद्रोह के चलते शर्मिला टैगोर से शादी की थी.

sharmila tagore and navab ali khan pataudi

निमिष कुमार, वरिष्ठ पत्रकार-

क्या आप जानते है कि मंसूर अली खान ‘टाइगर’ पटौदी ने समाज को लेकर अपने विद्रोह के चलते शर्मिला टैगोर से शादी की थी. 17-18 साल पहले एक अंग्रेजी अखबार को अपनी जिंदगी के सफरनामा को लेकर दिए इंटरव्यहू में मंसूर अली खान पटौदी ने बड़ी ही दिलचस्प बात बताई। उनके अब्बा के इंतकाल के बाद वो अपनी अम्मी के साथ अपने नाना, जो भोपाल रियासत के नवाब हुआ करते थे, के यहां आ गए। नाना के घर पहुंचते ही छोटा-सा नाती मंसूर दौड़कर नाना की गोद में बैठना चाहता था, लेकिन उसे नवाब साहब के स्टॉफ ने रोक दिया। बताया गया कि इस वक्त नवाब साहब दरबार में हैं और वहां आप इन कपड़ों में ऐसे नहीं जा सकते। छोटे से मंसूर को नहलाया गया, नवाबी तौर-तरीके सिखाए गए और फिर छोटा-सा मंसूर पूरी पोशाक में अपने ‘नवाब’ नाना से 7 गज की दूरी से ‘कोर्निश’ (घुटनों पर बैठकर झुकते हुए तीन बार सलाम करना) कर मिला। वो अटपटा था। लेकिन धीरे-धीरे मासूम मंसूर को ‘अजीबोगरीब’ रीति-रिवाजों से रुबरु होना पड़ा..वो अपनी बहनों से खुलकर हंस-बोल नहीं सकते थे। यहां तक की महल में महिलाओं की भीड़ में अपनी मां को पहचानना मुश्किल होता था, क्योंकि सब बुर्कानशीन होती थीं।..लेकिन धीरे-धीरे नन्हें मंसूर ने उन तौर-तरीकों को अपना लिया…

लेकिन एक दिन स्कूल जाते मंसूर को बताया गया कि उसे इंग्लैण्ड जाना होगा..क्योंकि उनके खानदान की यहीं परंपरा है..टाइगर लिखते है- इंग्लैंड के बोर्डिंग स्कूल का पहला दिन ही मेरे लिए ‘शॉक’ था..मेरी टीचर मेरे साथ टू-पीस में स्विमिंग पूल में तैर रहीं थी…अब मंसूर को फिर बदलना पड़ा..उसने फिर अंग्रेजों के तौर-तरीके सीखें…साल बीतते गए..मंसूर ने कॉलेज की पढ़ाई की..क्रिकेट खेला..

लेकिन युवा मंसूर जब वापस भारत लौटे, तो उन्हें फिर वहीं पुराने नवाबी अदब की तामील करने को कहा गया…टाइगर पटौदी की जिंदगी का यहीं वो लम्हा था- जब वो विद्रोही हो गए…आप दोनों हाथों में लड्डू नहीं रख सकते..और टाइगर ने अपनी जिंदगी खुद जीने का फैसला किया…

ये टाइगर का विद्रोह ही था कि उन्होंने ‘फिल्मों में काम करने वाली’ ‘एक बंगालन’ से शादी की। ये गुनाह था, और टाइगर पटौदी ने जानबूझकर किया..ये हिन्दुस्थान का वो वक्त था, जब फिल्मों में काम करनेवाली लड़कियों को अच्छी नजर से नहीं देखा जाता था…और बंगालन यानी बंगाल की महिलाओं को रुप का जादू करने वाली बताया जाता था..तब महिलाएं कहती थी कि अपने पतियों को कभी बंगाल मत भेजना, वरना वहां की महिलाएं तुम्हारें पतियों पर रुप का जादू कर देंगी।…ऐसे में टाइगर पटौदी ने शर्मिला टैगोर से ना सिर्फ प्यार किया, उनसे पूरी धूमधाम से शादी की…

शिक्षा/संदेश- समाज की बात मानोगे, तो समाज पूरी जिंदगी लेफ्ट-राइट करवाते रहेगा..इसीलिए टाइगर बनो..जो बनना हर किसी की औकात नहीं होती..मतलब, उसके लिए दम चाहिए..जो 99 फीसदी में नहीं होता..आमीन्

NIMISH KUMAR JOURNALIST
निमिष कुमार, वरिष्ठ पत्रकार

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