मणिकांत ठाकुर ने केक काटकर कहा, अलविदा बीबीसी
रामदत्त त्रिपाठी के बाद अब मणिकांत त्रिपाठी ने भी बीबीसी को अलविदा कह दिया. कल उनका भी बीबीसी में आखिरी दिन था. इस संबंध में वे खुद एफबी पर लिखते हैं –
“बीबीसी हिंदी सेवा के साथ मेरे अठारह वर्षों के यादगार संबंध का आज (23/08/13) अंतिम दिन था । इस उदास मौक़े को मेरे बेटे (अंशल ठाकुर) ने एक ‘सेलिब्रेशन’ में बदल दिया । उस ने मेरे लिए जो केक लाया, उस पर लिखा था – enjoy d life.”
फेसबुक पर उनकी इस टिप्पणी पर ढेरों कमेंट आए और अपने- अपने तरीके ‘मणिकांत ठाकुर,बीबीसी पटना को याद किया. इनमें से कुछ टिप्पणियाँ :
Sonu Mishra Patna se Manikant Thakur ……………. 1999 se 2007 tak Lagatar BBC ka shrota tha.. uske baad kabhi kabhar online sunliya karta tha… or aapko Sunane ka hamesh intazar rahata tha…
Vikash Kumar Singh don’t know why u leaving BBC, but ur name is synonymous with the reporting on Bihar… will miss u on BBC… but hope to connect with u in future . all the best sir.
Dhananjay Kumar बीबीसी में भले ही आज आपका अंतिम दिन हो, लेकिन पत्रकारिता के क्षेत्र में आपने जो काम किया है, वह सदा याद किया जाएगा…आपकी सेवा पत्रकारिता को आगे भी मिलता रहेगा, यह मुझे मालूम है….शुभकामनाएँ!!!
रजनीश के झा बिहार में बीबीसी को पहचान ही मणिकांत ठाकुर नाम से था, खैर निसंदेह अब एन्जॉय करने का समय आ गया है, और इस एन्जॉय में भी कलम अनवरत अपनी धार दिखाता रहेगा। प्रसन्नता आनदमय जीवन के लिए अनन्य असंख्य अशेष शुभकामना !!!
Om Singh “”मणिकांत ठाकुर, बीबीसी, पटना ….”” आप भले ही बीबीसी छोड़ दें लेकिन ये शब्द लाखों लोगो को आजीवन याद रहेंगे ….
Kamlendu Yadavendu यह तो एतिहासिक है पर बीबीसी से अलग होना मेरे लिए काफी दुखद होगा आपकी आवाज ने मुझे जिन सिखाया / जब से मैंने होश संभाला आपकी आवाज की मुरीद हो गया /आप के दर्शन की तीव्र लालसा है .देखें कब पूरी होती है
Pramod Chaturvedi सर, एक ये एक बेहतर पारी ही नही है ……..ये एक मिसाल है हमारी पीढी के पत्रकारों के लिए…..आप की नज़र से ना जाने कितनी रिपोर्ट हमने बीबीसी पर सुनी…….सीखा और अपनी रिपोर्टों में उसको उतारने की कोशिश भी की। बीबीसी के गिने चुने लोकप्रिय हिन्दुस्तानी चेहरों में आप शुमार होते है। हमारी पीढी के लोगों को तो बीबीसी के महज़ कुछ ही नाम याद है। मणिकांत ठाकुर, रामदत्त त्रिपाठी, कुर्बान अली, सीमा चिश्ती, मानव गुप्ता………..
Kundan Kumar महाशय ,आपको बचपन से ही सुनता आ रहा था ,जब हमारे पिताजी रेडियों पर बीबीसी को सुना करते थे . अकसर मेरे कानों तक सुनाई देता था .”हमारे विशेष संवाददाता मणिकांत ठाकुर की रिपोर्ट ………………. ”. हालाँकि इन दिनों मै बीबीसी नहीं सुन पा रहा था . लेकिन अब नहीं सुन पाने का अफ़सोस रहेगा . आने वाले कल के लिए शुभकामनाएं सर .
Firoz Mansuri Bachpan se hi bbc ko suna khbron ke matalab ko jana yahi janun patna tak khench layi parwez alam achla didi madhukar upadhyay mamta gupta rehan fazal jaise ratno me hamare manikant thakur v hen sayed mere journalism ke pahle ustad aj bbc se ap bhale wida huwe magar mai kahunga dawe ke sath bbc ke srotawon ke dil se ap kabhi wida nahi ho sakte. I love u manikant thakur i love u.
Nikhil Anand बिहार की राजधानी पटना से मणिकांत ठाकुर की आवाज…… आपके लिये जान है तो जहान है नही कहूंगा…….ये बेहतर होगा अगर कहूँ कि… इज्जत-ईमान है तो जिन्दगी में सुकून है। मीडिया की नई प्रचलित भांट-चारण-दलाली, चाटुकारिता-चापलूसी-दुकानदारी संस्कृति के बीच पाक-साफ रहने का सुकून कम से कम आपको होना चाहिये। आगे के लिये शुभकामनायें। बहुत कुछ हुआ है और अभी बहुत कुछ बाकी है।
Samir Gupteshwar Singh बिहार से समाचार के लिए मणिकांत ठाकुर और उत्तर प्रदेश से राम दत्त त्रिपाठी की आवाज नए समाचार व विश्लेशंके लिए अब उपलब्ध नहीं होगी यह जानकार मन में उदासी आ गई,दोनों व्यक्तियों का जो शानदार कैरियर रहा है उसके लिए बहुत बहुत बधाई ।
Akhil Kumar Gautam “मणिकांत ठाकुर बीबीसी पटना” ये आपकी बोलने का लहजा मुझे बहुत पसंद रहा है …..लेकिन आज ना जाने किस बात को लेकर दुखी सा महसूस कर रहा हूँ…….
Sanjay Prasad ठाकुर जी…बीबीसी हिन्दी के श्रोताओं के दिलों में हमेशा रहेंगे…
Bhaskar Singh मैं मणिकांत ठाकुर नहीं जानता… उनकी आवाज को जानता हूं..बिहार के श्रोताओं की तरफ आपकों ढेरों आभार व्यक्त कर रहा हूं….मैं भी एक जर्निलिस्ट हूं …दिल्ली के एक न्यूज चैनल में कार्यरत हूं….पर आप से बहुत प्रभावित रहा हूं….सबसे खास बात तो ये हैं कि आपकी आवाज का नकल भी बारिकी से करता हूं…खासकर उस वक्त की जब पटना हाईकोर्ट में चारा घोटाला मामले में लालू की पेशी के बाद आपने दिया था…वैसे ढेरों ऐसे क्षण हैं…जिसे मैं अपने दिल से भुला नहीं पाता हूं….मेरा घर भी सहरसा हैं ..मैं पंछगछिया का रहनेवाला हूं….घर आता हूं तो आपसे इस बार जरुर मिलूंगा…भास्कर सिंह
Swati Arjun Sir…..sorry to say but there is nothing to like in this post. With stalwarts like you and ramdutt ji leaving the organisation this seems to be the end of an era. But fondness for u in heart will grow in leap and bounds. Always luking frwrd to meet u in person…..All the best.
Keshav Madhav ठाकुर जी, इंतजार रहता था कि कब बिहार के न्युज मेँ आपकी चिरपरिचीत आवाज कानोँ मेँ पहुँचेगी.. लेकिन अब हमसब बनगाँव वासी आपकी कमी महसूस करेगेँ..
अभिनव आलोक वैसे तो बीबीसी की हिंदी सेवा लगभग बंद ही हो चुकी है , और आप भी जा रहें हैं … मगर कानों में अभी भी गूंजता है आपकी खास शैली में … मणि कान्त ठाकुर बीबीसी पटना … बचपन से सुनते आयें हैं आपकी आवाज को … लन्दन के रेडियो प्रसारण में अपने घर गाँव राज्य का समाचार आपकी आवाज में सुनना कितना उत्तेजना वाला पल होता था …सब लोग रेडियो के और करीब आ जाते थे …
Nawal Kishor Yadav मणिकांत ठाकुरजी की आवाज बी.बी.सी.रेडियो पर किसने नहीं सुना है, जिसने नहीं सुना है उसका दुर्भाग्य है। हमलोग तो रेडियो सुनकर ही बड़े हुये हैं मणिकांत जी। आप अच्छे, ईमानदार,निष्पक्ष पत्रकार रहे हैं। आपको हम सबने सुना है। आप अपने मिशन व मुहिम में लगे रहें, यही मेरी शुभकामनायें आपके लिये और आपके परिवार,मित्रों,शुभचिंतकों,प्रशंसकों के लिये है।
Sitare Hind आज मणिकांत ठाकुर जी (संवाददाता,बी.बी.सी,बिहार)के वाल से सूचना मिली कि आज (23/08/13) बी.बी.सी,सेवा में उनका अंतिम दिन था।ये सूचना सचमुच भावुक कर गई।जहाँ तक मुझे याद है सात-आठ वर्षों का था तभी से बी.बी.सी. सुनता था,पिता जी रोज रेडियो बजाया करते थे मणिकांत जी की आवाज पता नहीं क्यों अपने कस्बे की ही नहीं अपने गाँव और शहर की ही नहीं अपनी आवाज सी लगती थी काफी हिंदी सीखी.। .पिछले दिनों ‘समकालीन जनमत’ में उनका आलेख पढ़ा था। मणिकांत जी को पढ़ते सुनते बड़ा हुआ हूँ। पत्रकारिता के सामाजिक सरोकार,पत्रकार की नैतिकता समेत कई बाते उनसे सीखी जा सकती हैं। कुछ माह पहले सुना था कि पटने में आयोजित एक कार्यक्रम में वो बतौर वक्ता शामिल होने आ रहे हैं लेकिन पहली बार अपने पसंदीदा संवाददाता से मिलने का मौका हाथ से निकल गया क्योंकि उसी दिन पटना से मेरी ट्रेन थी……
Mangesh Kumar Well, it was expected after leaving Achala Sharma, Shiv Kant and so on. BBC Hindi has already changed now and even lost the value. BBC London was really memorable and it will be through-out the life. All The Best to Mr.Manikant Thakur…..!!!
Devendra N Tiwari मणि सर मुझे आज भी याद है, हाजीपुर के चाय दुकान पर आपकी खास रिपोर्ट! आपके बीबीसी पटना से विदा लेने से जो शून्यता उपजी है उसे कभी नहीं भरा जा सकता है!
बिन “मणि” सब सून!!!
Alok Kumar manikant sir BBC main 8th class se sun raha hoon subah hoti thee aapki aawz sunkar aur rat k 10.30 baje aapki aawaz sunkar sota tha tab aur ab dunia kitni badal gayi ab main gaon se delhi men hoon..BBC v badal gayi shayad uski v kuchh mazboori rahi hogi ..lekin manikant sir Aap hamare dil men aaj ek khash jagah rakhte ho bbc se aur bbc k saare anchor se mera khash lagav hai..aap jaha rahen chamakte rahen mani ki tarah…god bless u sir