सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिशों के अनुरूप वेतन और एरियर देने का वक्त जैसे-जैसे करीब आता जा रहा है, प्रिंट मीडिया के मालिकान इससे बचने की तरकीब बैठाने में बेहद खामोशी से जुट गए हैं।
मजीठिया मंच को ऐसी जानकारी मिली है कि कई अखबार मालिक खासकर जागरण समूह ऐसे समय पर पुनर्विचार याचिका (रिव्यू पिटिशन) दाखिल करने वाले हैं, जब सुनवाई लटक सकती है और तब तक मुख्य न्यायधीश और सरकार बदल जाएंगे। मालिकों को यकीन है कि तब नई परिस्थितियों में वे अपनी मनमानी करने का कोई न कोई रास्ता भी जरूर निकाल लेंगे, लेकिन मजीठिया मंच ऐसा हरगिज नहीं होने देगा। मंच ने अगली लड़ाई के लिए कमर कस ली है। इसके लिए मंच ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश की सत्यापित कॉपी प्राप्त कर ली है। साथ ही विधि विशेषज्ञों से विचार-विमर्श कर लिया गया है। अब मंच की ओर से वरिष्ठ वकीलों के जरिये सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने में कोई देर नहीं की जाएगी।
मजीठिया मंच से जुड़ने वाले सभी पत्रकार, गैरपत्रकार और प्रिंट मीडिया कर्मचारी व पूर्वकर्मचारी साथियों को मंच ने बधाई दी है और कहा है कि जिस उत्साह से लोगों ने एकजुटता दिखाई है, उससे अब यह लगने लगा है कि सभी लोग मालिकों की कर्मचारी विरोधी नीतियों का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तन, मन और धन से तैयार हैं। यह एक उत्साहवर्धक जानकारी है कि अन्य कारोबारों में उतर चुके कई पूर्व पत्रकारों ने अपनी ओर से मजीठिया मंच को आर्थिक सहयोग देने की पेशकश की है। इतना ही नहीं, अपने कथित संपादकों और प्रबंधन के दबाव के बावजूद फेसबुक पर कुछ ही दिनों में देश के विभिन्न भागों से लगभग 500 पत्रकार और गैर-पत्रकार मजीठिया मंच से जुड़ चुके हैं।
मंच ने लोगों की इस एकजुटता और बड़ी संख्या में मिल रहे अनुरोधों के मद्देनजर दैनिक जागरण के अलावा अन्य समाचार पत्रों के मौजूदा और पूर्व कर्मचारियों के लिए भी दरवाजा खोल दिया है। अब किसी भी अखबार का पत्रकार अथवा गैर पत्रकार कर्मचारी फेसबुक के माध्यम से मजीठिया मंच से जुड़ सकता है और अपने संस्थान में शोषण और उत्पीड़न की जानकारी शेयर कर सकता है। मंच से जुड़ने के लिए majithia.manch@rediffmail.com ईमेल करें या मोबाइल नंबर +91-9810159532 पर कॉल करें। हमसे फेसबुक https://www.facebook.com/majithia.manch पर जुड़ें। हमारा ट्विटर आइडी है:- @majithiamanch.