डॉ.प्रवीण तिवारी
महाराष्ट्र सदन की तस्वीरें लाइव इंडिया और हमारे मराठी चैनल मी मराठी के पास ही थी। आज सारे चैनलों ने इन्हीं दो चैनलों के visuals इस्तेमाल किेए। हांलाकि ये एक संवेदनशील मसला है और मुझे लगता है कि इन तस्वीरों के मायने सांप्रदायिक नजर से ना निकालकर, सांसदों की अभद्रता और खाने की घटिया क्वालिटी तक सीमित रखना चाहिए।
जिन लोगों को इन तस्वीरों की जानकारी नहीं उन्हें बताना चाहूंगा कि ये मामला महाराष्ट्र सदन का है जहां घटिया खाना परोसे जाने से शिवसेना के सांसद नाराज हो गए। नाराज सांसद ने खाना खिलाने की जिम्मेदारी सौंपे जाने वाले एक वालिंटियर को जबरदस्ती रोटी खिलाने की कोशिश की.. ये कहते हुए कि तुम जरा खा कर दिखाओ… बाद में पता चला कि उसका fast था।
इस मसले पर हमने संजय राउत से बात की उन्होंने नाराजगी और विरोध को जायज बताया और कहा कि किसी के माथे पर नहीं लिखा होता कि उसका मजहब क्या है। इस घटना को सांप्रदायिक रंग न दिया जाए। मैं उनकी इस बात से पूरी तरह सहमत हूं लेकिन साथ ही सांसद जैसी जिम्मेदार कुर्सी पर बैठे होने के बावजूद किसी से भी इस तरह की जबरदस्ती को कोई भी ठीक नही मानेगा।
(स्रोत -एफबी)