बिहार के मुजफ्फरपुर स्थित लंगट सिंह कॉलेज(एल एस कॉलेज) का अपना एक विशिष्ट स्थान रहा है.लेकिन गुजरते वक्त के साथ शैक्षिक जगत में इसकी चमक फीकी पड़ती गयी और इसके संस्थापक बाबू लंगट सिंह को भी भूला दिया गया. लेकिन कुछ जागरूक युवाओं ने उन्हें फिर से याद करने की ठानी और दिल्ली के गांधी शांति प्रतिष्ठान में उनकी स्मृति में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया.
रविवार 19अप्रैल को गाँधी शांति प्रतिष्ठान, नई दिल्ली में बिहार में सामाजिक-शैक्षणिक आंदोलन के अग्रदूत और उत्तर बिहार के हॉवर्ड माने जाने वाले प्रतिष्ठित लंगट सिंह महाविद्यालय के संस्थापक बाबू लंगट सिंह की स्मृति में “बिहार की वर्तमान शैक्षणिक व्यव्स्था की सम्भावना एवं चुनौतियाँ ” विषयक संगोष्ठी का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का उद्घाटन केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री एवं राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के अध्यक्ष माननीय उपेन्द्र कुशवाहा ने किया.
बाबू लंगट सिंह को याद करते हुए श्री कुशवाहा ने कहा की सीमित संसाधनों के बावजूद उत्तर बिहार में शिक्षा के सबसे बड़े केंद्र के रूप में उन्होंने लंगट सिंह कॉलेज की स्थापना की थी, लेकिन आज उसकी स्तिथि काफी दयनीय हैं…श्री कुशवाहा ने बिहार की शिक्षा व्यवस्था और लंगट सिंह कॉलेज की बदहाली को दूर करने के लिए यथासंभव मदद करने का भरोसा दिया….
कार्यक्रम की अध्यक्षता रालोसपा के प्रदेश अध्यक्ष और सांसद डॉ अरुण कुमार ने की..डॉ अरुण कुमार ने कहा की आज शैक्षणिक अराजकता का दौर है…जिसमे शिक्षको की प्रतिष्ठा खतम हो गयी है , यहाँ दिल्ली में जो नौजवानों ने काम किया है उसके लिए वे इतिहास में याद किये जायेंगे…
मुजफ्फरपुर में जनता की समस्याओं पर संघर्षरत समाजवादी नेता डॉ हरेन्द्र कुमार ने कहा की सरकारों की उपेक्षा के कारण लंगट सिंह कॉलेज की प्रतिष्ठा और भवन दोनों को नुकसान हो रहा है.. वर्तमान पीढ़ी के ऊपर यह जिम्मेवारी है की वे इसकी प्रतिष्ठा की पुन्राप्राप्ति के लिए अभियान चलावे..वर्त्तमान पीढ़ी को बाबू लंगट सिंह के कार्यो से अवगत होना बहुत जरूरी है…श्री कुमार ने मांगे की कॉलेज को विश्व विरासत सूची में शामिल किया जाये….आयकर अधिकारी अजय कुमार ने कहा की लंगट बाबू के सपनो के कारण ही आज मेरे जैसा गरीब परिवार का आदमी बड़ा अधिकारी बन सका …लंगट बाबू की ज्योति को जलाये रखना है….
इ टी वी के राष्ट्रीय संपादक अशित कुणाल ने कहा की आज दिल्ली या अन्य जगहों पर शिक्षा की बदौलत जिन लोगो ने सफलता पाई है उनका प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से लंगट सिंह कॉलेज से सम्बन्ध रहा ही है लेकिन आज इसकी स्तिथि जर्जर है…एक बड़े आन्दोलन की जरुरत है, जो लंगट सिंह कॉलेज को इसकी खोयी प्रतिष्ठा दिला सकें..
कार्यक्रम का आयोजन लंगट बाबू स्मृति समिति के बैनर तले किया गया..समिति के अध्यक्ष ब्रजेश कुमार ने सरकार से मांग की बाबू लंगट सिंह के नाम पर छात्रवृति दी जाए…लंगट सिंह कॉलेज को डीम्ड विश्वविद्यालय का दर्जा दिया जाये तथा कॉलेज परिसर में स्तिथ प्रसिद्ध तारामंडल जीर्णोधार के लिए फंड आवंटित किया जाए….समिति के उपाध्यक्ष और आई. आई. टी. दिल्ली के छात्र अनुपम कुमार ने मांग की बिहार के विश्वविद्यालयों में बाबू लंगट सिंह चेयर की स्थापना की जाए, ताकि शैक्षणिक जाग्रति के अग्रदूत को श्रधांजलि दी जा सकें..कार्यक्रम में ऐश्वर्या सिंह, अमितेश आनन्द, अरूण कुमार, विशाल तिवारी, रणजीत कुशवाहा, प्रियेश राय आदि क्षत्रो ने भी अपने विचार रखे…कार्यक्रम में बड़ी संख्या में दिल्ली में रहने वाले बिहार के लोगो ने शिरकत की….
(प्रेस विज्ञप्ति)