दिल्ली.आगामी 2 फरवरी को पूर्व रेलमंत्री एवं मिथिलांचल के सबसे बड़े राजनेताओं में सुमार स्व0 ललित नारायण मिश्र की जयंती ‘ललित दिवस’ के रुप मे धुम-धाम से दिल्ली में मनाया जायेगा। इस ‘ललित दिवस’ का आयोजन मिथिलालोक फाउन्डेशन द्वारा किया जा रहा है।
सीता की जन्मस्थली मिथिलांचल के सर्वांगीण विकास को समर्पित एवं ‘पाग बचाउ अभियान’ चलाकर देश-विदेश में चर्चित संस्था मिथिलालोक फाउंडेशन अपने स्थापना काल से ही विभिन्न विषयों को लेकर लोगों के बीच जागरूकता फैलाने का हरसंभव प्रयास करती आ रही है।
‘ललित दिवस‘ की घोषणा करते हुए मिथिलालोक फाउंडेशन के अध्यक्ष एवं प्रख्यात शिक्षाविद् डा0 बीरबल झा ने कहा कि ललित बाबू का मिथिलांचल के विकास में जो योगदान रहा है, वह अविस्मरणीय है। डा झा ने सम्पूर्ण मिथिलावासी से आग्रह किया है कि 2 फरवरी को ‘ललित दिवस’ के रुप में मनाएं एवं मिथिला के आन वान-शान के लिए काम करें।
2 फरवरी, 1923 को जन्मे स्व0 मिश्र के प्रयास का ही परिणाम है कि मिथिला पेंटिंग को विश्व स्तर की पहचान मिली। मिथिला विकास महापरुष स्व0 ललित नारायण मिश्र के योगदान की चर्चा करते हुए डा0 झा ने कहा कि बिहार में रेलवे के विकास के लिए कई योजनायें लाकर उन्होंने मील का पत्थर स्थापित करने का कार्य किया। स्व0 ललित बाबू के योगदान को मिथिलांचल कभी भी भूल नहीं सकता है। विदित है कि अपनी संदेहास्पद हत्या के समय भी वर्ष 1975 में स्व0 मिश्र रेलवे की योजना का ही शिलान्यास कर रहे थे। स्व0 मिश्र एक दूरदर्शी राजनेता थे जिनके मन में मिथिलांचल के प्रति गहरा लगाव था और वे इसे एक विकसित क्षेत्र बनाना चाहते थे।
मिथिला को देश के एक प्रमुख सांस्कृतिक केन्द्र के रूप में परिणत करने हेतु महत्वाकांक्षी सीता मंदिर के निर्माण एवं इसके विकास हेतु विभिन्न योजनाओं पर कार्य कर रहे डा0 झा ने कहा कि स्व0 ललित बाबू जैसे विराट व्यक्तित्व वाले राजनेता की कमी आज चार दशक बाद भी खल रही है। डा झा ब्रिटिश लिग्वा बैनर तले देश मे ‘इंगलिश फाॅर सोशल जस्टिस’ के लिए लगभग दो दसक से काम कर रहें है। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार सहित विभिन्न दलों के राजनेताओं एवं समाज के विभिन्न वर्गों के प्रतिनिधियों को इस अवसर पर आमंत्रित किया गया है।
(प्रेस विज्ञप्ति)