किरन बेदी ने ऐसा क्या कर दिया कि उन्हें दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाया जाए ?

सुरेश त्रिपाठी,संपादक,रेलवे समाचार

आजकल फेसबुक और अन्य कुछ सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स पर कुछ लोगों द्वारा किरन बेदी को दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाए जाने के लिए हां या ना में सर्वे किया जा रहा है। इस पर मेरा व्यक्तिगत विचार यह है कि देश की पहली महिला आईपीएस होने के एकमात्र तमगे के अलावा सुश्री बेदी ने ऐसा खास क्या किया है कि उन्हें राजनीति और सरकार के ऐसे महत्वपूर्ण संवैधानिक पद की जिम्मेदारी सीधे सौंप दी जाए?

समस्या यह है कि अंधभक्तों की कोई कमी नहीं है इस देश में.. इसके अलावा जिस तरह मजबूत प्रोजेक्शन और लाॅबिंग के चलते पंजाब यूनिवर्सिटी के एक सामान्य प्रोफेसर को जाने कहां-कहां से उठाते हुए इस देश के एक चलते-फिरते पुतले की तरह प्रधानमंत्री पद तक पहुंचा दिया गया था, ठीक उसी तरह राजनीति का जीरो अनुभव रखने वाली सुश्री बेदी को दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाए जाने की लाॅबिंग शुरू हो गई है, ऐसा दिखाई दे रहा है।

मेरा मानना है कि किसी विषय विशेष पर अपने विचार प्रकट करना अथवा विचार देना या उस विषय पर आलोचना करना अलग बात है और उसी विषय पर खुद बेहतर कार्य करके दिखाना बिल्कुल अलग बात है। सुश्री बेदी यदि व्यवहार कुशल और कुशल प्रशासक होतीं, तो उन्होंने विपरीत परिस्थितियों में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने के बजाय स्थिति का डटकर मुकाबला किया होता। इसमें कोई शक नहीं है कि सुश्री बेदी ने पुलिस सर्विस में रहते कुछ बहुत अच्छे काम किए थे, मगर उनके वह ‘कुछ अच्छे काम’ राजनीति में उनकी सफलता की गारंटी नहीं हो सकते!

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