अरविंद केजरीवाल दिल्ली से ज्यादा आजकल कराची/लाहौर/इस्लामाबाद में प्रसिद्ध हो गये हैं. वहां के न्यूज़ चैनल तो उनपर कुछ इस तरह फ़िदा हैं मानों खुदा ही मिल गया हो. लेकिन इस खुदा की खुदाई का राज सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर दिए वीडियो में छुपा है.अरविंद केजरीवाल ने सर्जिकल स्ट्राइक पर जो वीडियो जारी किया था उसमें बड़ी होशियारी से तारीफ़ करते हुए सरकार को घेरने की कोशिश की गयी थी. बस पाकिस्तान के टीवी चैनलों को सर्जिकल स्ट्राइक पर भारत को घेरने का एक बहाना मिल गया. आलम ये रहा कि आज पाकिस्तान में ट्विटर के टॉप ट्रेंड में #PakStandsWithKejriwal आ गया. अब तो लोग मजाक में ये तक कहने लगे हैं कि केजरीवाल इतने लोकप्रिय हो गए हैं कि पाकिस्तान में कहीं से भी चुनाव लड़कर जीत सकते हैं.
लेकिन पाकिस्तान में अपनी बढ़ती लोकप्रियता केजरीवाल को रास नहीं आ रही क्योंकि पंजाब चुनाव सर पर है और आम आदमी पार्टी को अपनी सरकार बनने की संभावना भी नज़र आ रही.ऐसे में इसका वहां के चुनाव में उल्टा असर पड़ेगा. दरअसल सर्जिकल स्ट्राइक का पंजाब के चुनावों पर असर पड़ना तय है और इसका सबसे ज्यादा लाभ भाजपा को मिलेगा. अरविंद केजरीवाल इस तथ्य को बखूबी समझते हैं. यही वजह है कि वीडियो जारी कर उन्होंने चतुराई से सर्जिकल स्ट्राइक के मुद्दे पर एक तरफ सरकार को घेरा और दूसरी तरफ सेना की पीठ भी थपथपाई जबकि शुरुआत में सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर वे सरकार के खिलाफ दिख रहे थे.लेकिन बाद में जनता के बीच सर्जिकल स्ट्राइक के बढ़ते समर्थन को देखते हुए केजरीवाल साहब ने भी बहती गंगा में हाथ धोने का ईरादा किया और वीडियो संदेश जारी किया. लेकिन इस वीडियो संदेश में जो कूटनीति करने की उन्होंने कोशिश की उसमें खुद ही फंसते चले गए. लाख सफाई के बावजूद जनता मानने को तैयार नहीं और रही-सही कसर पाकिस्तानी चैनलों ने पूरी कर दी. इस तरह मियां केजरीवाल अपने ही जाल में बुरी तरह से फंस गए. एक तरह से तो कहिये कि ज्यादा सयाना बनने के चक्कर में उन्होंने सेल्फ गोल कर लिया. इसी मुद्दे पर मीडिया खबर के पाठक ‘अभय सिंह’ की एक त्वरित टिप्पणी
पाकिस्तान का हथियार बने केजरीवाल का सेल्फ गोल
सेना के सर्जिकल स्ट्राइक से पहले केजरीवाल ने सत्याग्रह डॉट कॉम (अपूर्वानंद द्वारा लिखित) के आर्टिकल को ट्वीट किया था जिसमे पाकिस्तान का कद बढ़ाने एवं भारत की विदेश नीति पर सवाल खड़े किये गए थे, प्रतिक्रिया स्वरुप उन्हें काफी गालियां पड़ी। गौरतलब है कि यही लेख वामपंथी और केजरीवाल के गुप्त सलाहकार ओम थानवी ने भी ट्वीट किया ।ये संयोग नहीं बल्कि वामपंथी विरोध का मोहरा बने केजरीवाल का सरकार विरोधी एजेंडा था और रही सही कसर उनके वीडियो ने पूरी कर दी।
कुछ दिन पहले सेना को सलाम करने वाले केजरीवाल ने सेना पर ही सवाल खड़े कर पाकिस्तान को भारत के खिलाफ बड़ा हथियार दे दिया है। आज केजरीवाल भारत से ज्यादा पाकिस्तान में लोकप्रिय हो चुके हैं। सत्य ही कहा गया है विनाशकाले विपरीत बुद्धि।
सर्जिकल स्ट्राइक हुआ या नहीं इस पर प्रश्न उठाने से पहले उन्हें देश के बारे में सोचना चाहिए था।नफरत में अँधा व्यक्ति खुद का अधिक नुकसान करता है यही केजरीवाल ने किया। क्या ओसामा बिन लादेन के खिलाफ कार्रवाई का अमेरिका ने वीडियो जारी किया,या कोई सबूत पेश किया या वहां की जनता ने सेना से कोई सवाल किया?
यदि सेना सर्जिकल स्ट्राइक का वीडियो जारी करती भी है तो पाकिस्तान उसे कोई न कोई बहाना बनाकर झूठा करार देगी जैसा की वो हमेशा से करते आये है । साथ ही अलगाव वादी, केजरीवाल ,वामपंथी,बुद्धिजीवी भी पाकिस्तान के सुर में ही बोलेंगे या मानवाधिकार का मुद्दा उठाएंगे या युद्ध की स्थिति को उत्पन्न करेंगे।
भारतीय सेना एवं सरकार सबूत जारी होने की स्थिति में भारत-पाक तनाव का आकलन करने व्यस्त है इसलिए राजनैतिक विरोध की जगह एकजुटता अधिक जरूरी है।
(अभय सिंह की एक त्वरित टिप्पणी)