संतोष सिंह
बिहार राष्ट्रपति शासन की और बढ रहा है ये खबर आपको थोड़ असहज कर दे।।। लेकिन पिछले 10 दिनों से जिस तरीके से राजनैतिक घटनाक्रम रोजना बदल रहा है उससे यह सिद्द हो गया है कि नीतीश कुमार का खेमा अब जीतनराम मांझी को एक मिनट भी मुख्यमंत्री के कुर्सी पर देखना नही चाहता है।
आज हद हो गयी एस0के0एम में शिक्षा विभाग का कार्यक्रम था जिसका मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी थे और उसके अलावे शिक्षा मंत्री वृषिण पटेल,श्याम रजक, श्रवण कुमार,सम्राट चौधरी,और मंत्री बैजनाथ सहनी अतिथि के रुप में आमंत्रित थे।
लेकिन मुख्यमंत्री अपने निर्धारित समय पर एस0के0एम पहुंच गये लेकिन कोई मंत्री नही पहुंचा।।।स्थिति समझ सकते हैं ऐसा तो कभी नीतीश कुमार के समय सोच नही सकता था।कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने अपनी व्यथा भी व्यक्त ही दिया कि मैं बहुत कम दिनो के लिए मुख्यमंत्री रह गये हैं।
वही दूसरी और भाजपा नेता सुशील मोदी ने कहा की मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के दमाद का मामला मीडिया में नीतीश के इशारे पर लिक किया गया है हलाकि इस बात में दम भी है जिस अधिकारी ने जीतनराम मांझी से जुड़े पत्र को मीडिया में लिक किया है वो पूर्व राजा के करीबी रहा है जो कही ना कही मोदी के बयान को पुष्ट कर रहा है।।।।।
24 नवम्बर को राज्यपाल पाटील का कार्यकाल पूरा हो रहा है नरेन्द्र मोदी को भी बिहार से बहुत कुछ हिसाब चुकता करना है ऐसे में बिहार का अगला राज्यपाल कोई दबंग पिछड़ा होगा जो नीतीश को परेशान तो कर ही देगा।
वही मांझी को हटाने की कोशिश हुई तो मांझी का विद्रोह करना भी तय माना जा रहा है ऐसे में सरकार बनना सम्भव नही है तो फिर भाजपा के लिए राष्ट्रपति शासन से बेहतर विकल्प और क्या होगा।
(स्रोत-एफबी)