जगदीश्वर चतुर्वेदी,प्रोफेसर,हिन्दी विभाग,कलकत्ता विश्वविद्यालय
हमारे युवा इंटरनेट के दीवाने हैं और उनको बताया जा रहा है कि इंटरनेट से क्या -क्या लाभ हैं , हम कभी यह भी सोचें कि इंटरनेट से हमारी किस तरह की हानि हो रही है ।इंटरनेट समग्रता में देखें तो नौकरी देने नहीं छीनने वाला माध्यम है। इंटरनेट के कारण सारी दुनिया में किस तरह नौकरियां चली गयी हैं इन पर भी हम ठंडे दिमाग से सोचें।
मसलन्, यदि ई-कॉमर्स सफल रहता है तो उससे सीधे जमीनी स्तर पर काम करने वाले लाखों लोगों का धंधा चौपट हो जाएगा। डाकतार सेवाओं में काम करने वाले हजारों -लाखों लोगों की यह माध्यम नौकरी खा चुका है। ऑनलाइन चौर्यकर्म के कारण अखबारों-पत्रिकाओं में लेखों का दुरुपयोग हो रहा है, समस्त किस्म की सर्जनात्मकता पर इसका बुरा असर पड़़ रहा है.
लेकिन हम कभी रुककर सोच ही नहीं रहे हैं। प्रेस में इंटरनेट ने बड़े पैमाने पर नौकरियां खाई हैं।खासकर रि्पोर्टर-फोटोग्राफर की नौकरियां प्रभावित हुई हैं। इसके अलावा और भी क्षेत्र हैं जिन पर सोचने की जरुरत है।
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