समाचार चैनलों की दुनिया में इंडिया टीवी मनोहर कहानियां है तो इसे प्रमाणित करने का कोई भी मौका वह नहीं चूकता. मातमी माहौल में भी वह कोई – न – कोई रास्ता निकाल ही लेता है.
सामूहिक दुष्कर्म की पीड़ित अनामी लड़की के मामले में भी नहीं चूका. पहले उस अनामी लड़की का काल्पनिक नाम ‘दामिनी’ रख दिया जिसकी कतई जरूरत नहीं थी. वह एक प्रतीक है और प्रतीक को किसी काल्पनिक नाम की जरूरत नहीं होती.
लेकिन नाम रखने से तमाशा करने की गुंजाइश बढ़ जाती है, सो इंडिया टीवी ने नाम रख दिया. बहुत सारे दर्शक अब उसे दामिनी के नाम से ही जानते हैं और उसे असली भी मानते हैं.
बहरहाल सामूहिक दुष्कर्म मामले में भी जब टीआरपी की जंग जीतनी हो तो ऐसे तमाशे तो होंगे ही.
इंडिया टीवी मातम में भी कैसे रास्ता निकाल लेता है इसका नमूना आज फिर से इंडिया टीवी ने पेश किया जब दुष्कर्म पीड़ित अनामी लड़की की मौत के बाद शोक प्रकट करने के लिए चैनल पर 7.58 मिनट पर दो मिनट का मौन रखा.
लेकिन शोक में मौन के ठीक पहले धड़ाधड़ कमर्सियल ब्रेक कुछ इस अंदाज़ में लिया गया जैसे उस दो मिनट की भरपाई की जा रही हो.
ख़ैर नीयत समय पर अनामी लड़की की मौत के शोक में इंडिया टीवी पर मौन रखा गया. इंडिया टीवी पर प्रसारण रुक गया और घड़ी की टिक – टिक के साथ शोक का मौन शुरू.
लेकिन इंडिया टीवी के इस मौन में टिक – टिक का तमाशा था जो उसके मौन को तोड़ता हुए इंडिया टीवी के मौन के तमाशे की पोल खोल रहा था.
काश इंडिया टीवी एक ऐसा शोक का मौन उन खबरों की मौत के लिए भी रखता जिसके गैंगरेप से लेकर हत्या तक के लिए वो जिम्मेदार है.
न जाने कितनी खबरों के साथ उसने बलात्कार किया और बार – बार बलात्कार कर जीते जी दफ़न किया. उन खबरों के लिए भी इंडिया टीवी शोक रखे.
श्रद्धांजलि दे और हो सके तो तर्पण भी कर दे. शायद खबरों के बलात्कारी इंडिया टीवी का अपराध कुछ कम हो जाए?
( दर्शक की नज़र से )
इंडिया टी.वी.को तो बैन कर देना चाहिए , मगर कौन करेगा बैन ? इस चैनल ने समाचार के नाम पर गन्दगी की हद कर दी है ! १२ मिनट से कहीं ज़्यादा के विज्ञापन दिखाता है और हर खबर को पैसे के लिहाज़ से तैयार करता है ! इस चैनल को बैन , भारत सरकार कब करेगी , देखना बाकी है !