समाचार चैनलों के संपादकों से ऐसी ही आशा थी

aaj tak rape chargesजीवन में कई ऐसे पल आते हैं जब समझौते नहीं किये जाते. नैतिकता के साथ – साथ भावुकता का महत्व अधिक होता है. सामूहिक दुष्कर्म की पीड़ित लड़की नहीं रही. देश में मातम का माहौल है. जंतर – मंतर पर प्रदर्शन चल रहा है.

देश के समाचार चैनल स्लो पेश के साथ खबरें दिखा रहे हैं. वैसे चैनलों की तरफ भी नज़रें लगी हुई थी कि किस तरह से मातमी माहौल के बीच वे खबरें दिखाते हैं और खबरों का क्या कलेवर रहता है.

उम्मीद थी कि वे इस मातमी माहौल में टीआरपी के मीटर को बंद कर देंगे और इंसानियत को तरजीह देंगे. ऐसा ही हुआ. न्यूज़ चैनलों ने फैसला किया है कि दिल्ली की उस अनामी लड़की की निजता को भंग न करते हुए , कोई भी चैनल उस लड़की के परिवार, उसके गांव, उसके अंतिम संस्कार की तस्वीरें नहीं दिखायेगा. बीईए के सदस्य और न्यूज़24 के मैनेजिंग एडिटर अजीत अंजुम ने ये सूचना अपने एफबी वॉल पर देते हुए लिखा –

सभी न्यूज चैनलों ने आपसी सहमति से ये फैसला किया है कि हम उस लड़की के परिवार, उसके गांव, उसके अंतिम संस्कार की तस्वीरें नहीं दिखाएंगे . हम नहीं चाहते कि जिस परिवार की बेटी के साथ इतना दर्दनाक हादसा हुआ है , उसकी निजता का उलंघन हो . न्यूज चैनलों की आपसी सहमति के बाद बीईए ने एक गाइडलाइंस तैयार की है …..

1.No OB and teams at the funeral or home town or airport

2.do not show the funeral.

3. Do not show shots of home or family.

4. No shot of arrival of body.

5.no shots of transportation of body. And if course no chasing of the funeral van .

6. No interview with any relative .

7. Info about arrival of body and funeral should be given. However, location of funeral should not be given.

8. The above guidelines are exhaustive. There could be situations not covered in above points. In such cases, pl follow the guiding principle of protecting the IDENTITY , DIGNITY and PRIVACY of the girl.

 

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