भारतीय जनसंचार संस्थान में दीक्षांत समारोह, स्वर्ण जयंती समारोह लाँच
सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है कि भारतीय संचार संस्थान को ‘संचार विश्वविद्यालय’ के रूप में उन्नत किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रक्रिया शुरू करने के कदम उठाए जाएंगे तथा सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय शीघ्र रोडमैप तैयार करेगा। जावड़ेकर ने आम लोगों विशेषकर नई पीढ़ी के लोगों से सुझाव मांगते हुए कहा कि ऐसे सुझावों के लिए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की वेबसाइट पर अलग स्थान विकसित किया जाएगा और मंत्रालय इन सुझावों पर आगे कार्रवाई करेगा। पूरी प्रक्रिया प्रधानमंत्री की संचार दृष्टि का हिस्सा है और इसका जोर भागीदारी मूलक संचार प्रक्रिया पर है ताकि मीडिया समुदाय सहित सभी हितधारक जुड़ सकें। जावड़ेकर ने आज यहां भारतीय जनसंचार के 47वें दीक्षांत समारोह में भाषण और स्वर्ण जयंती समारोह लॉन्च करते हुए यह जानकारी दी।
जावड़ेकर ने कहा कि प्रेस की स्वतंत्रता जिम्मेदारी से जुड़ी है। पूरे इतिहास में प्रेस की जिम्मेदारी विभिन्न अवसरों पर दिखी है। उन्होंने डिप्लोमा प्रदान किए गए विधार्थियों से कहा कि वह हर कीमत पर समाचारों को सनसनीखेज बनाने से बचें और पेड न्यूज़ की बुराई से लड़े। उन्होंने कहा कि एक युवा पत्रकार को बिना कमीशन के लगन और करुणा के साथ काम करना चाहिए। उन्होंने विधार्थियों से कहा कि वे विभिन्न मीडिया स्रोतों से मिली सूचनाओं के बीच संतुलन बनाएं। इन स्रोतों में नई और परंपरागत मीडिया भी है। उन्होंने कहा कि यह पक्ष भविष्य में नीति सम्मत पत्रकारिता का आधारभूत ढांचा तैयार करेगा।
जावड़ेकर ने कहा कि देश में हुए हाल के चुनाव निर्वाचन व्यवहारों तथा मतदाताओं के व्यवहार पर अध्ययन करने का सटीक विषय प्रस्तुत करते हैं। उन्होंने भारतीय जनसंचार संस्थान से चुनाव संबंधी संचार प्रक्रिया तथा निर्वाचन प्रणाली के विभिन्न पक्षों को समझने के लिए अध्ययन कार्यक्रम चलाने का आग्रह किया। सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने आईआईएमसी की स्वर्ण जयंती समारोह पर एक नया लोगो जारी किया। उन्होंने आईआईएमसी की दो भाषाओं वाली वेबसाइट का भी उद्घाटन किया।
आईआईएमसी पत्रकारिता, मीडिया तथा जनसंचार शिक्षण, प्रशिक्षण और अनुसंधान के क्षेत्र में उत्कृष्ट केन्द्र के रूप में जाना जाता है। नई दिल्ली तथा ढेनकनाल स्थित आईआईएमसी के छह केन्द्रों तथा मिजोरम के आईजोल, महाराष्ट्र के अमरावती, जम्मू-कश्मीर के जम्मू तथा केरल के कोट्यम स्थित नए क्षेत्रीय केन्द्रों के 341 विधार्थियों को डिप्लोमा प्रदान किया गया। पी.जी.डिप्लोमा उपाधि हिन्दी एवं अंग्रेजी पत्रकारिता, विज्ञापन एवं जनसंपर्क, उड़ीया तथा उर्दू पत्रकारिता में दिया गया। सभी पाठ्यक्रमों की विभिन्न श्रेणियों में 31 विधार्थियों को विशेष पुरस्कार दिए गए।