अनुरंजन झा
ऐसी न जाने कई रिपोर्टस मीडिया में तैर रही हैं …सरासर गलत .. ऐसी खबर लिखने वाले किसी भी रिपोर्टर ने सुशील से बात नहीं की। हिंदुस्तान टाइम्स, न्यूज २४ ऑनलाइन, जी न्यूज ..वगैरह वगैरह मीडिया का विभत्स चेहरा है यह।
दरअसल सुशील के एक मित्र (तथाकथित) ने पिछले दिनों कुछ पैसा कहीं खर्च करने की बात की, सुशील ने मना कर दिया और कहा यार अभी तो हमारे पास नौकरी भी नहीं है, बस उसी बात को बतंगड़ बनाकर उस शख्स ने फेसबुक पर छाप दिया..वहां से अखबार के दफ्तर .. फिर वहां से “न्यूड” चैनलों के वेब सेक्शन पह पहुंच गया।
मेरी भी नजर इस खबर पर पड़ी हमने तुरंत सुशील को फोन किया कि आखिर उसने किसे क्या कह दिया कि ऐसी खबर छप गई तो उसने सारी दास्तान बताई। अभी वो एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने मध्यप्रदेश के रास्ते में हैं।
सुशील जमीन से जुड़ा हुआ और सुलझा हुआ इंसान है। इसी महीने चंपारण के एक नक्सल प्रभावित इलाके में बच्चों के लिए पुस्तकालय शुरु करने जा रहा है.. हम भी उनके साथ हैं। और हां यह सुशील के बुद्धि की जीत है … सरस्वती के रास्ते लक्ष्मी को घर लाना बड़ा कठिन होता है और सुशील ने उसे सिद्ध किया है।
सुशील से जुड़ी कुछ और खबरें जल्द पोस्ट करुंगा.. सुशील को शुभकामनाएं
@fb
(लेखक कई चैनलों के संपादक रह चुके हैं. वे देश के पहले मेट्रीमोनियल चैनल ‘शगुन टीवी’ के सीईओ भी थे)