सुयश सुप्रभ
प्रधानमंत्री जी, अभी वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की वेबसाइट देख रहा था। ‘क्ररार’, ‘भारत्’, ‘बंग्लादेश्’, ‘सूचनाऐ’, ‘सग्युक्त’ जैसी वर्तनियाँ देखकर मरते-मरते बचा।
सीसैट के आंदोलनकारियों पर लाठी चलवाने से अच्छा यह होगा कि आप उन्हें ज़बरदस्ती अपनी सरकारी वेबसाइटें दिखाइए। आंदोलन करना तो दूर की बात है, वे सदमे से बाहर आने में ही महीनों लगा देंगे।
वैसे आप जिस हिंदी से प्यार करते हैं उसका इतना बुरा हाल हो सकता है तो जिससे आपकी दुश्मनी होती होगी उसका क्या होता होगा? जिज्ञासु प्रवृत्ति का हूँ, इसलिए सवाल करता रहता हूँ।
(स्रोत-एफबी)