नदीम एस.अख्तर,वरिष्ठ पत्रकार-
ईवीएम पर चलिए बहुत हुआ हंसी-मजाक. अब कुछ गंभीर बात. विज्ञान का विद्यार्थी रहा हूं. पता है EVM Machine दुनिया में कहीं भी और कहीं भी Tamper Proof नहीं है. ये इतना खतरनाक है कि जर्मनी जैसे विकसित देश ने तो ईवीएम मशीन को अपने देश में असंवैधानिक घोषित कर रखा है. दुनिया के और भी कई देशों ने चुनाव में ईवीएम मशीन पे रोक लगा दी है. ईवीएम पर लाखों डॉलर खर्च करने के बाद भी. मुझे टाइम नहीं मिल रहा वरना अभी रिसर्च करके ऐसे-ऐसे तरीके बता दूंगा कि कहां से ईवीएम की चाबी घुमाई जा सकती है.
तब कांग्रेस सत्ता में थी और तमाशा देख रही थी. उसने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद चुनाव में VVPAT system लगाने के लिए कोई ठोस पहल नहीं की. उम्मीद करता हूं कि उनकी नीयत बहुत साफ होगी क्योंकि सारे कांग्रेसी गाय के दूध से धुले हैं. झक सफेद. बीजेपी परेशान थी.आज बीजेपी सत्ता में है और चुनाव हारे कांग्रेस समेत बाकी दल परेशान हैं. वक्त बदलते देर नहीं लगता. इसीलिए मैं अपनी पिछली पोस्ट में ये पूछ रहा था कि कांग्रेस 10 साल तक सत्ता में रही. ईवीएम के बल पे उसने कितने चुनाव जीते ??!! ये आरोप तो बीजेपी उन पे लगा ही सकती है. अगर उसे पता था तो उसने ईवीएम की गड़बड़ी दूर करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश को जमीन पे क्यों नहीं उतारा ??!!
ईवीएम इतनी खतरनाक व्यवस्था है कि गड़बड़ी करके इससे देश के पूरे लोकतंत्र को बंधक बनाया जा सकता है. बहुत आसानी से. इस देश का नागरिक होने के नाते मुझे लगता है कि या तो हमें कई अन्य पश्चिमी देशों की तरह ईवीएम की जगह बैलेट यानी हाथ से ठप्पा मार के वोट देने वाले सिस्टम पर जाना चाहिए या फिर ईवीएम के वोटों को सुरक्षित बनाने के लिए तुरंत के तुरंत VVPAT सिस्टम को ईवीएम मशीन से जोड़ना चाहिए.
वरना जनता नेताओं के छल-कपट के आगे लुटती रहेगी. कोई भी राजनीतिक पार्टी दूध की धुली नहीं है. ये देश की जनता को तय करना होगा कि उसके वोट से खिलवाड़ ना हो. सुप्रीम कोर्ट ने तो फैसला दे दिया है. सरकार को जल्द से जल्द चुनाव आयोग के मार्फत इसे लागू करवाना चाहिए. तभी इस देश का लोकतंत्र बचा रहेगा.