राजीव रंजन झा
मैं एक टेलीविजन ऐंकर हूँ। टेलीप्रॉम्प्टर मेरे लिए रोजमर्रा के इस्तेमाल की चीज है। मगर नरेंद्र मोदी ने जब से वाइब्रैंट गुजरात में टेलीप्रॉम्प्टर का इस्तेमाल किया और उसके बाद मोदी-विरोधियों ने इसे मजाक में यूँ पेश किया कि देखो-देखो मोदी को अंग्रेजी बोलना नहीं आता, तब से मुझे डर लग रहा है कि कहीं लोग मुझे भी न बोल दें — देखो देखो राजीव को हिंदी बोलना नहीं आता! @fb
मूल खबर –
PM मोदी के फर्राटेदार अंग्रेजी भाषण का खुला रहस्य!
नई दिल्ली: गुजरात के गांधीनगर में रविवार सेे शुरू हुए तीन दिवसीय ‘गुजरात वाइब्रेंट समिट-2015’ के उद्घाटन अवसर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फर्राटेदार अंग्रेजी में ऐसा भाषण दिया कि सुनने वाले भी मंत्रमुग्ध हो गए। 11 पन्नों की इस स्पीच को सुन लोगों को लगा कि पीएम कोई लिखी हुई स्पीच नहीं दे रहे है, बल्कि अपने खुद अपनी तरफ से बोल रहे है। हालांकि इसके पीछे वास्तविकता कुछ और ही थी।
दरअसल, पीएम मोदी के इस भाषण के पीछे एक अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी का कमाल था। इस टेक्नोलॉजी का नाम ‘स्पीच टेलीप्रॉम्प्टर’ है। इसमें स्पीच देने वाले व्यक्ति के सामने ग्लास को इस तरह सेट किया जाता है कि वह दर्शकों को दिखाई नहीं देता। जबकि सामने खड़े शख्स को इसमें स्पीच के शब्द दिखाई देते हैं। इस स्पीच को एक व्यक्ति ऑपरेट करता है, जो ग्लास में दिखाई दे रहे शब्दों के बोले जाने के साथ-साथ उन्हें आगे बढ़ाता जाता है। बता दें कि इस टेक्नोलॉजी का उपयोग अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा तक करते हैं।