दिलीप खान
यो यो हनी सिंह सलाईरिंच है। बीजेपी के प्रवेश वर्मा का भी प्रचार कर रहा है और कांग्रेस के अजय माकन का भी। पहली बार चुनाव में एक ही प्रचारक को एक ही राज्य में दो विरोधी पार्टियों का एक साथ प्रचार करते देख रहा हूं।
ये उसी तरह का मामला है कि किसी फ़िल्म में क़ादर ख़ान अनुपम खेर का बाप बन जाए और अगली किसी फ़िल्म में अनुपम खेर क़ादर ख़ान का।
कमर्शियलाइज़ेशन इसे कहते हैं। चुनाव को सिर्फ़ राजनीति तक ही मत देखिए। गरदन झटकिए और इसके अर्थशास्त्र और विज्ञापनलोक पर भी नज़र मारिए।
(स्रोत-एफबी)