आज़ादी के सत्तर साल बाद भी 70 हज़ार की आबादी वाले गांव को बिजली की मांग करनी पड़ जाए, तो इससे बड़ी विडंबना और क्या हो सकती है? बिहार के सबसे बड़े गांव यजुआर में कुछ ऐसा ही हो रहा है. सत्तर साल से बिजली नहीं आई है और 40 साल से खड़े बिजली के खंबे केंद्र और राज्य सरकार को मुंह चिढ़ा रहे हैं. बिहार में सरकार बदली, समीकरण बदले लेकिन यजुआर गांव की किस्मत नहीं बदली. डिजिटल इंडिया के युग में वहां के ग्रामीणों को अब भी बिजली का इंतज़ार है. लेकिन इस इंतज़ार का कोई अंत नहीं दिखता. इसीलिए आज दिल्ली के जंतर-मंतर पर यजुआर की बिजली समस्या को लेकर बड़ी संख्या में बिहार के जागरूक लोग इकट्ठा हुए और धरना-प्रदर्शन किया. इसमें यजुआर गांव के लोग भी शामिल हुए और बिजली के अभाव में हो रही समस्याओं को सामने रखा.
यजुआर में बिजली समस्या को लेकर आंदोलन छेड़ने वाले मुज़फ़्फ़रपुर के विकास ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी डिजिटल इंडिया की बात करते हैं, मगर यजुआर गांव में जब बिजली ही नहीं है, तो डिजिटल इंडिया का सपना कैसे साकार होगा. वहीं इस आंदोलन को दिशा देने वाले गैर राजनीतिक संगठन ‘वॉयस ऑफ़ मुज़फ़्फ़रपुर’ के ‘ब्रजेश कुमार’ ने राज्य सरकार को घेरते हुए यजुआर की बिजली समस्या को लिए राज्य सरकार को दोषी ठहराया. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अरबों रुपये प्रकाशोत्सव और मानव श्रृंखला का रिकॉर्ड बनाने में खर्च करती है, लेकिन यजुआर में बिजली के लिए फंड की व्यवस्था नहीं करती. ये राज्य सरकार की नियत में खोट को दर्शाती है और यदि 30 अप्रैल तक यजुआर में बिजली नहीं आती है, तो 1 मई को मुज़फ़्फ़रपुर में जनाक्रोश रैली का आयोजन किया जाएगा.
वहीं यजुआर के किसान विमिलेश राम ने ग्रामीणों की समस्याओं का ज़िक्र करते हुए बताया कि कैसे अंधेरे की वजह से उनके भतीजे को सांप ने काट लिया, जिससे उसकी मौत हो गई. यदि यजुआर गांव में बिजली होती, तो इस हादसे को टाला जा सकता था.
वॉयस ऑफ़ मुज़फ़्फरपुर द्वारा आयोजित इस धरने-प्रदर्शन को बिहार के अलावा दिल्ली, उत्तर प्रदेश और हरियाणा के बुद्धिजीवियों का भी सहयोग और समर्थन मिला. इस प्रदर्शन में वरिष्ठ पत्रकार मनीष ठाकुर, अविनाश, शंकर पंडित, उमा शंकर सिंह भी उपस्थित थे. इसके अलावा मनीष राज, अमितेष आनंद, जय प्रकाश, उमेश राम, विमिलेश राम, रवि शंकर झा, सुमन पाठक, सुभाष ठाकुर, अश्विनी कु. चौधरी, अर्जुन राम, उमेश सहनी, समीर सौरव, गौरव कुमार, अरुण कुमार, जितेंद्र कुमार, सोनू ठाकुर, दीपक, सुजीत, रंजन झा, जगदानंद झा, संतोष ठाकुर, विनोद, मोहन, पप्पू, सुमित, अशोक, सुनील, श्यामल ठाकुर, जय ठाकुर, जतिन स्वामी, प्रवीण लांबा, आशुतोष, संजीत, संदीप, मनीष राज, अजीत राम, विजय, प्रमेश, विरेंद्र राम, संजीव सहनी, भावेश ठाकुर आदि उपस्थित थे. (प्रेस विज्ञप्ति)