हिंदी में ब्लॉगिंग का जब स्वर्णकाल बीत चुका है तब इसके अवशेषों पर अमृत की कुछ बूँदें गिराकर उसे पुनर्रजीवित करने की मंशा से डायचे वैले पुरस्कार देने की शुरुआत कर रहा है.
डॉयचे वेले बॉब्स अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार के तहत बेस्ट ऑफ ब्लॉग्स के तहत ये पुरस्कार दिए जायेंगे. इसके जूरी मेंबर लोकप्रिय टेलीविजन एंकर रवीश कुमार होंगे. अबतक ये पुरस्कार अंग्रेजी समेत दूसरी भाषाओँ में दिए जाते थे लेकिन इस बार से हिंदी ब्लॉग्स को भी इसमें शामिल किया गया.
6 मार्च 2013 तक दुनिया भर के इंटरनेट यूजर्स 14 भाषाओं में अपनी तरफ से उम्मीदवारों को नामांकित कर सकेंगे. इसमें उन वेबसाइटों को नामांकित किया जा सकेगा जो सोशल मीडिया और नेटवर्किंग के जरिए इंटरनेट में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बढ़ावा देती हैं और जनता को भागीदारी के लिए प्रेरित करती हैं.
अंतरराष्ट्रीय ज्यूरी सदस्य बॉब्स के विजेता तय करते हैं और इसके बाद वेबसाइटों की ऑनलाइन वोटिंग होती है. 15 ज्यूरी सदस्य छह सार्वजनिक श्रेणियों में विजेताओं को तय करते हैं.
34 श्रेणियों में इंटरनेट यूजर्स जनता पुरस्कार को तय करते हैं. 2012 में 3,000 से ज्यादा वेबसाइटों को नामांकित किया गया और 60,000 लोगों ने इंटरनेट के जरिए अपने वोट दिए. इस साल से हिंदी और यूक्रेनी सहित तुर्की बॉब्स की तीन नई भाषाओं में से है.
कुछ सालों से मराठी में लिख रहा हूँ. (२०० अधिक पोष्ट एवं १३०,०० अधिक वाचक). अब हिंदी में भी लिखना शुरू किया है. मुख्य विषय- कविता, कहानी एवं सामाजिक विषयों पर लेख.