टीआरपी प्रणाली हमेशा से विवादों के घेरे में रही है। लेकिन हाल के दिनों में जिस तरह से टीआरपी घोटाले का मामला सामने आया, उसे देखते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने देश में पारदर्शी टीआरपी व्यवस्था के लिए गाइडलाइंस की समीक्षा करने का निर्णय लिया है।
इसके लिए मंत्रालय ने चार सदस्यीय कमेटी गठित की है। यह कवायद टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) की सिफारिशों और भरोसेमंद टीआरपी व्यवस्था बनाने के मद्देनजर की गई है।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर से गठित होने वाली कमेटी मौजूदा टीआरपी प्रणाली का मूल्यांकन करेगी और समय-समय पर अधिसूचित ट्राई की सिफारिशों की समीक्षा करेगी। इसके अलावा टीआरपी सिस्टम से जुड़े सभी हितधारकों की जरूरतों के बारे में भी जानेगी। कमेटी एक मजबूत, पारदर्शी तथा जवाबदेह व्यवस्था के लिए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से सिफारिशें करेगी।
प्रसार भारती के सीईओ शशि एस वेंपति की अध्यक्षता में गठित होने वाली इस कमेटी में आईआईटी कानपुर के स्टैटिक्स के प्रोफेसर डॉ. शलभ, सी-डॉट के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर राजकुमार उपाध्याय और डिसीजन साइसेंस सेंटर फार पब्लिक पॉलिसी के प्रोफेसर पुलक घोष सदस्य के तौर पर शामिल हैं।
यह कमेटी पूर्व की व्यवस्था का अध्ययन करने के साथ ट्राई की सिफारिशों को भी देखेगी। यह कमेटी किसी को एक्सपर्ट के तौर पर भी विशेष आमंत्रित सदस्य के तौर पर अपने साथ जोड़ सकती है। यह कमेटी दो महीने में सूचना एवं प्रसारण मंत्री को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। (एजेंसी)









