अरुण चौधरी की किताब ‘इंडियन एडवर्टाइजिंगः लाफ्टर एंड टियर्स’ का विमोचन

अरुण चौधरी की किताब ‘इंडियन एडवर्टाइजिंगः लाफ्टर एंड टियर्स’ का विमोचन
अरुण चौधरी की किताब ‘इंडियन एडवर्टाइजिंगः लाफ्टर एंड टियर्स’ का विमोचन

प्रेस विज्ञप्ति

अरुण चौधरी की किताब ‘इंडियन एडवर्टाइजिंगः लाफ्टर एंड टियर्स’ का विमोचन
अरुण चौधरी की किताब ‘इंडियन एडवर्टाइजिंगः लाफ्टर एंड टियर्स’ का विमोचन
नई दिल्ली। कॉरपोरेट और विज्ञापन जगत की कई जानी-मानी हस्तियों की मौजूदगी में कल इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में हुए भव्य समारोह में ‘इंडियन एडवर्टाइजिंगः लाफ्टर एंड टियर्स’ किताब का विमोचन किया गया. इस किताब के लेखक ‘अरुण चौधरी’ हैं और प्रकाशन नियोगी बुक्स ने इसका प्रकाशन किया है.

इंडियन एडवर्टाइजिंगः लाफ्टर एंड टियर्स ने 1950 से वर्तमान तक विज्ञापन पेशेवरों के विकास को बताया है। विज्ञापन जगत को एक बहुत ही चमकदमक वाले पेशे के रूप में देखा जाता है जो व्यक्तित्व को तय करता है। यह पुस्तक उन लोगों के बारे में रेखाचित्र बनाती है जिन्होनें इस पेशे को आकार दिया। विज्ञापन में नेतृत्व में एक खास विशेषता है। किसी का भी आप अस्वीकार नहीं कर सकते हैं। इनमें से हर किसी का अपना अलग ही दृष्टिकोण, अलग विचार होता है और वे अपने हर दोस्त, पड़ोसियों को अपनी ही नजर से देखते हैं। यह एक ऐसा पेशा रहा है जिसने हर समय सत्ता को शक की ही निगाह से देखा है, फिर चाहे वह कोई भी सरकार रही हो। इंडियन एडर्वटाइजिंग, सामाजिक आर्थिक पहलुओं को बताती है जिन्होनें इस पेशे को आजादी के बाद से ही प्रभावित किया है। यह किताब विज्ञापन जगत को भी दिखाती है कि इतने दशकों में क्या हुआ है?

उन पुरूषों तथा महिलाओं के विचार जिन्होनें इस पेशे को एक रूपरंग और आकार दिया है उन्हें इस पुस्तक में उन भाषणों के वक्तव्यों के माध्यम से स्थान दिया गया है जो उन्होंनें काफी समय पहले दी थी। यह पुस्तक एक ऐसे समय से शुरूआत करती है जब कंपनियों को एक पूर्णकाकालिक विज्ञापन एजेंसी की जरूरत होती थी जो कि रचनात्मक, मीडिया तथा पीआर सेवाओं को प्रदान करती थी। यह उस समय में समाप्त होती है जब संस्थाएं पूर्णकालिक संस्थाओं में रूचि नहीं ले रही थी, हर क्षेत्र में अब विशेषज्ञ कंपनियां हैं। तो जाहिर है कि विज्ञापन जगत काफी दूर आ गया है।
लेखक अरूण चौधरी ने विज्ञापन जगत में अपना कैरियर 1970 में क्लेरियन मैक्केन एड्वर्टाइजिंग सविर्सेज के साथ शुरू किया था। फिर उन्होनें ओबीएम और आरके स्वामी में, कोलकाता में कैंपेन कंपनी शुरू करने से पहले काम किया। उन्होंने 1997 ब्र्रांड नामक मार्केटिंग शोध, ग्रामीण मार्केटिंग तथा रचनात्मक सेवाओं में सिद्धहस्तता वाले एक संस्थान को आरंभ किया। वे कई विश्वविद्यालयों के साथ भी संबंधित रहे हैं जहां पर उन्होनें 1990 के आरंभ से ही विज्ञापन और जनसंपर्क को पढ़ाया है। उनके अन्य कार्यों में सम्मिलित हैं इलैवन न्यु प्लेज (2013), इंडियन एडवर्टाइजिंग 1780 से 1950 (2007), आईटीसी वर्सेज बैट ( 1997) तथा रिवैल्युशन (1992)।

किताब विमोचन के मौके पर किशोर चक्रबर्ती(वी.पी. कंज्युमर इंसाइट एंड एचएफडी, मैक्कैन, नई दिल्ली), मोहित हीरा (सी.ई.ओ तथा प्रकाशक, ओपन पत्रिका) और मोनोजित लाहिड़ी (विज्ञापन, सिनेमा तथा लोकप्रिय संस्कृति के विख्यात लेखक) के साथ रविंदर जुत्शी( उप निदेशक सैम्संग इलैक्ट्रिोनिक प्रा0 लिमिटेड) भी मौजूद थे जिन्होनें इस पुस्तक का विमोचन किया।

इंडियन एडवर्टाइजिंगः लाफ्टर एंड टियर्स
आईएसबीएन 978.93.83098.47.7
मूल्य – 795रूपये

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