शिव कुमार राय
एक टीवी पत्रकार मोदी की फोटो अमेरिका में दिखाकर यह जानने की कोशिश कर रहे थे कि क्या आप इनको पहचानते हैं तो दिल्ली में विराजमान एक वरिष्ठ पत्रकार इस पर टिप्पणी कर रहे थे कि “मजा आ गया ठाकुर”। इन वरिष्ठ पत्रकार महोदय को मजा इसलिए आया कि कुछ विदेशी लोग तस्वीर देखकर प्रधानमंत्री मोदी को पहचान नहीं सके। इन पत्रकार महोदय की खुशी देखकर लगा कि मानो नरेंद्र मोदी भारतीय प्रधानमंत्री नहीं बल्कि किसी दूसरे देश के प्रधानमंत्री हैं।मोदी की हिन्दी भाषा पर भी टिप्पणी करने वाले पत्रकारों की कमी नहीं, ऐसे पत्रकार अगर अपने अख़बार की हिन्दी ठीक करने पर ध्यान दें तो उनके पाठकों को ज़्यादा लाभ होगा।
टीवी पत्रकार राजदीप सरदेसाई की अमेरिका में पिटाई पर एक वरिष्ठ पत्रकार टिप्पणी कर रहे हैं कि लोकतंत्र शर्मसार यहां भी, और वहां भी। पत्रकार बिरादरी के और भी लोगों ने इसे लोकतंत्र के चौथे खंभे पर बड़ा हमला बताया जबकि सच्चाई कुछ और है और पूरा वीडियो देखने के बाद आप सच्चाई से वाकिफ हो सकते हैं। राजदीप की पिटाई को मोदी भक्तों से जोड़कर कुछ लोग प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधने में जुट गए। टेलिविजन के तमाम न्यूज़ एंकर्स को यह बात समझनी होगी कि बंद स्टूडियो में आप उग्र हो सकते हो, हालांकि उसकी भी ज़रूरत नहीं होती है लेकिन जनता के बीच अगर आप उग्र और उदंड होने की कोशिश करोगे तो फिर लोग आपका वीडियो ही बनाएंगे।
कुछ वरिष्ठ पत्रकार इस बात को भी बढ़ा चढ़ाकर लिखने में जुटे हैं कि अमेरिकी अखबार-टीवी ‘करिश्माई’ मोदी को जरा घास नहीं डाल रहे, न ही अमेरिकी शासन। अगर ऐसा है तो एक पत्रकार होने के नाते आप इतना प्रफुल्लित क्यों हो रहे हैं?
भारतीय प्रधानमंत्री को अगर कोई विदेश में नहीं पहचान पा रहा है तो इसमें ‘मजा आ गया ठाकुर’ वाली बात नहीं होनी चाहिए। एक पत्रकार होने के नाते हमें सरकार के फैसलों पर सवाल उठाने की आज़ादी है और हमें सवाल खड़े भी करने चाहिए। नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री हैं और अगर आप जैसे वरिष्ठ पत्रकारों को देश के लोकतंत्र पर भरोसा है तो व्यक्ति विशेष पर निशाना साधने की बजाय प्रधानमंत्री के फैसलों पर सवाल खड़ा करें।
(स्रोत-एफबी)
kisi bhi patrakar ke saath aisa vayavhaar bahut nindaniya hai, uski aalochna hona swabhawik hai, koi bhi patrakar dil se kabhi bhi kisi rajnitik party ka person nahi hota, vo to sirf apna kaam karta hai. aur hume patrakaro ka samaan karna chahiye, ye hee vo log hain jo hamari baat sarkari tantra tak pahuchate hain. so please rajdeep ji ke khilaaf bolna band kijiye, unhone jo kiya vo unka kartavya hai.