राकेश
मीडिया में भ्रष्टाचार और दुनिया का कालापन उजागर करने वाले मीडिया हाउस के हाथ खुद कितने काले हैं, इसका बड़ा नमूना आर्यन टीवी है. आर्यन टीवी वालों की पहली करनी सुनिए. ये कर्मचारियों का पीएफ और टीडीएस काटते तो हैं, लेकिन संबंधित विभागों में जमा नहीं कराते. पूरा गोलमाल है और इन्हें कोई कुछ कहता भी नहीं क्योंकि ये मीडिया हाउस जो चलाते हैं.
मामला पीएफ और टीडीएस मे गोलमाल तक ही नहीं रूकता. मार पत्रकारों के वेतन पर भी है. यहाँ काम करने वाले पत्रकारों को पता हीं नहीं होता कि उनको वेतन कब मिलेगा, किस दिन मिलेगा, और किस माह का मिलेगा.
दूसरी तरफ यहां आजतक CL का कोई रिकॉर्ड नहीं. पत्रकारों को कहा जाता हैं की आपको CLनहीं दिया जाएगा लेकिन उसका पैसा मिलेगा. लेकिन जब वही कर्मचारी जॉब छोड़ कर CL के पैसे की मांग करता है तो चक्कर पर चक्कर HR के द्वारा लगवाया जाता है ताकी इंसान थक कर अपनी मेहनत का पैसा होटल बनाने के लिए छोड़ जाए. अगर कंपनी यह देखती हैं की थेथर की तरह फिर भी पैसा मांग रहा है अपनी मेहनत का तो यह कह देगी CL तो यहां मेंसन नहीं हैं.
आर्यन टीवी की आर्यन टीवी पाटली पुत्रा ग्रुप OF कम्पनीज के अंतर्गत आता जो PVT LTD कम्पनी हैं लेकिन नियम कानून को ताक पर रख कर यहाँ कार्य किया जाता हैं. दरअसल चैनल के मालिक अनिल कुमार अपने अन्य धंधो के प्रोटेक्सन के लिए आर्यन टीवी को शुरू किया और इसलिए यहाँ नियम क़ानून को ताक पर रख कर चैनल का संचालन किया जाता है ताकि बाकी धंधों को फायदा पहुँचे.
मक्कारी की हद देखिए कि आर्यन में रिपोर्टर अगर पैसे मांगे तो उन्हें बदल दिया जाता हैं. लेकिन ऐसा नहीं है कि चैनल के पास पैसे की कोई कमी है. पैसे इतने हैं कि यहाँ IT का छापा भी पर चुका है.
पाटलिपुत्रा ग्रुप ऑफ कंपनी प्रा.लि. के अंतर्गत आने वाली आर्यन टीवी में पत्रकारों को कोई भी सरकारी छुट्टी जैसे 2 अक्टूबर, 26 जनवरी, 15 अगस्त आदि नहीं दिया जाता. ईद और क्रिसमस के बारे में कहां जाता है कि यहाँ इस धर्म के आदमी कम हैं. इसलिएल छुट्टी नहीं दिया जाएगा. मर्जी के उपर छुट्टी है.
मिला – जुलाकर आर्यन टीवी की स्थिति बद से बदतर हैं. यही वजह है कि आजिज आकर अब कुछ पत्रकार श्रम विभाग और PF विभाग की शरण में जाने की सोंच रहे हैं.