इंडिया टीवी के पूर्व मैनेजिंग एडिटर और अब फिल्मकार विनोद कापड़ी की अरनब के टाइम्स नाऊ से इस्तीफे के बाद सोशल मीडिया पर आयी प्रतिक्रिया –
सब ठीक है विनोद।खबर सच है।तू बिलकुल चिंता मत कर।अब जो होगा ,पहले से बहुत बेहतर होगा ,बड़ा होगा और अलग होगा।मुंबई आओ,जल्दी मिलते हैं।
आज जब दिन में तमाम अफ़वाहों के बीच अर्णब से फोन पर बात हुई तो वो टीवी पर चीख़ने वाला आदमी बहुत संयत और शांत लग रहा था।कोई भी संपादक दोस्त इस्तीफ़ा देता है तो एक फ़िक्र स्वाभाविक भी है और वो भी आज के माहौल में।और ये फ़िक्र इसलिए भी स्वाभाविक है क्योंकि वो इंसान यारों का यार है।
टेलीविज़न न्यूज़ में बतौर संपादक मेरा कार्यकाल रहा हो या फिल्म मिस टनकपुर हाजिर हो के प्रमोशन की बात हो ,अर्णब हमेशा चट्टान की तरह पीछे खड़ा रहा।हमेशा मतलब हमेशा।
बहुत लोगो को अर्णब से बहुत बातों में बहुत मतभेद रहे होंगे।मेरे भी रहे और आज भी हैं पर मित्र तो मित्र ही रहेगा-चाहे वो जैसा हो।एक बात वो हमेशा बोलता रहा कि “पता है विनोद ये English वाली सेंट स्टीफ़न्स और ऑक्सफ़ोर्ड की ब्रिगेड मेरे पीछे क्यों पड़ी रहती है.. क्योंकि इन्हें पचता नहीं है कि एक केंद्रीय विद्यालय वाला लड़का ये सब कैसे कर सकता है और मुझे गर्व है कि मैं केवी का हूँ। ”
शायद तुम सच कहते हो दोस्त। और हमें भी गर्व है कि तुम केंद्रीय विद्यालय वाले हो और इसीलिए शायद अंग्रेज़ी में रहते हुए भी हिंदी वालों की तरह सोचते हो और इसीलिए इतने लोकप्रिय हुए और एक एक घर तक पहुँच गए। और एक बात .. मीडिया में अर्णब के ज़्यादातर विरोधी Hypocrites हैं।अपने अपने वक़्त में मौक़ा लगने पर सब लोग वो सब कुछ कर चुके हैं , जिसके लिए वो अर्णब की आलोचना करते हैं।
अबकी बार टीआरपी के अलावा करोड़ों दिल भी जीतना।मेरी शुभकामनाएँ दोस्त।
PS – और ये है अर्णब की लोकप्रियता। भाईसाब Twitter पर नंबर एक पर ट्रेंड कर रहे हैं।भारत में किसी संपादक एंकर के साथ ये नहीं हुआ।