जगदीश्वर चतुर्वेदी
नरेन्द्र मोदी को कल टाइम्स नाउ टीवी चैनल पर सुन रहा था। बार-बार मन यही कह रहा था संघ का दुर्भाग्य है उसके पास मोदी जैसा छोटी बुद्धि का नेता है। जब मीडिया हाइप के जरिए ही महान बनाना था तो किसी और अक्लमंद की सेवाएं संघ ने क्यों नहीं लीं ? संघ की स्वाभाविक इच्छा है कि इसबार देश उनके कंट्रोल में आए और फिर वे बताएंगे कि देश कैसे चलाया जाता है,लेकिन देश तो हेकड़ी और बेवकूफी से नहीं चलता । देश गुलाम मानसिकता से भी नहीं चलता ।
हमारे देश का कारपोरेट मीडिया खुलकर मोदी की हिमायत कर रहा है उनका अंध प्रचार कर रहा है। इस तरह के अंध प्रचार को गुलामी कहते हैं। कल टाइम्स नाउ पर एक तरफ हेकडी-और मूर्खता (मोदी) थी तो दूसरी गुलाम भाव(एंकर) था। मोदी की भाषा और शारीरिक भाव-भंगिमाएं पूरी तरह मूर्ख राजा जैसी थी और एंकर अर्णव गोस्वामी को वे हांक रहे थे ,डांट रहे थे, मोदी का समूचा व्यक्तित्व जलेबीबाज की तरह सामने आया। इतना लंबा इंटरव्यू और मोदी को कोई परवाह नहीं । तथ्य और सत्य से बेखबर,मिथ्या से भरा हुआ। मोदी अपने भाषणोॆ में जो बोलते हैं वही इंटरव्यू में बोल रहे थे।इंटरव्यू और आम सभा के भाषण का जिस व्यक्ति को अंतर नहीं मालूम उससे यह पूछोगे कि जैसलमेर कहां है तो वो इसी तरह रेगिस्तान में भटकेगा। मोदी के उत्तरों में कोई गंभीरता नहीं और नहीं किसी तरह की पारदर्शिता थी। मोदी ने बड़ी ही बेशर्मी से कहा मुख्यमंत्री के रुप में मैं तो कोई काम नहीं करता, मेरे पास कोई काम नहीं है, काम तो मेरी टीम करती है। कायदे से एंकर को यहां पर रोककर पूछना चाहिए कि यह कैसे हो सकता है कि जिस व्यक्ति के पास सभी महत्वपूर्ण विभाग हों वह कोई काम ही न करता हो और उसके काम कोई और करे । मोदी का यह कहना अपने आप में बताता है कि गुजरात में शासन का काम कोई और देख रहा है, क्या भारत ऐसे नेता को देश की जिम्मेदारी सौंप सकता है जो काम ही न करे। मोदी ने स्पष्ट तौर पर कहा वो काम नहीं करते उनके पास कोई काम नहीं है उनकी टीम काम करती है। यह सीधे मोदी के गैर जिम्मेदाराना रवैय्ये का प्रत्यक्ष प्रमाण है।
मोदी और अर्णव में किस तरह राजा-गुलाम का खेल चल रहा था उसका एक ही उदाहरण देना समीचीन होगा। मोदी ने कहा कि पश्चिम बंगाल में मटुआ जाति के लोगों को नागरिक अधिकार नहीं हैं। अर्णव चुप रहे,क्यों चुप रहे, जबकि मटुआ जाति के लोगों को वे सब अधिकार हैं जो भारत में सभी नागरिकों को मिले हुए हैं।
अर्णव की समूची प्रकृति मोदी को खुश करने की थी, वे जरा भी टस से मस होने की कोशिश करते थे तो मोदी डांट देते थे। अर्णव फिर से रास्ते पर आ जाते थे। मजेदार बात यह थी कि मोदी बता रहे थे कि संपादक को क्या करना चाहिए और अर्णव कह रहे थे हम तो संपादन नहीं करते हम तो सीधे जो कहा वही दिखाते हैं।
गुलाम मानसिकता देखें- अर्णव ने पूछा- चुनाव आयोग को लेकर आप क्यों नाराज हैं? ,आश्चर्य की बात है कि मोदी सरेआम आचार संहिता का उल्लंघन कर रहे हैं ,आयोग इसका संज्ञान ले रहा है लेकिन एंकर कह रहा है आप नाराज क्यों हैं ? मोदी ने कहा अभी तक मैंने आयोग को लेकर एक शब्द भी नहीं कहा है। ऐसे में उसे लेकर नाराजगी का सवाल कहां से उठा है?
कमाल है सारे कानूनों की सरेआम धज्जियां उडायी गयीं, चुनाव आयोग के खिलाफ धरना दिया गया और सारे देश ने इसे देखा लेकिन इतना सफेद झूठ और एंकर के मुँह में आवाज तक नहीं । कमाल किया कल भक्ति में एंकर ने ।
मोदी के इस इंटरव्यू की विशेषता हैकि उसने भौंडे प्रायोजन का नया मानक बनाया।इससे मीडिया की साख पर बट्टा लगा है। एबीपी न्यूज के साथ मोदी को परेशानी हो रही थी लेकिन टाइम्स नाउ में इंटरव्यू लेते समय अर्णव गोस्वामी परेशान थे, उनको भय था कहीं वे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और सत्य की रक्षा के मार्ग पर भटककर न चले जाएं। घिघियाना,रिरियाना,सत्य न बोलना,सामने जब असत्य बोला जा रहा हो तो उसका खंडन न करना ,नेता के उत्तर का वाचिक और भंगिमा में भी प्रतिवाद न करना।यही तो गुलाम कम्युनिकेशन है एंकर का।
is article ko likhne wala ya to khangress ka dalla hai ya pakistani ki najayad aulad hai, is suar ko sirf ye dikhayi de raha hai ki modi ji ne achar sanhita ka ullanghan kiya lekin jab rahul gandhi booth ke andar ja kar booth capture kar raha tha to wo dikhayi nahi diya, sale inhi chutiyo ki wajah se aaj hindustan pakistan banne ki kagar par hai,,,,,,,
Congressi ne tujhe kitna me kharida hai…..
क्या चुनाव आयोग को राहुल के खिलाफ कारवाई नहीं करनी चाहिए ??? क्या चुनाव आयोग को किसी उम्मीदवार को उसके लोक सभा क्षेत्र मे रैली करने से रोकना चाहिए ? क्या किसी हिन्दू को गंगा आरती से चुनाव आयोग को मना करना चाहिए ?? चुनाव आयोग ने सजिया इल्मी के खिलाफ क्या एक्शन लिया ? तुम सब कोंग्रेसी दल्ले पत्रकार तुम लोग अभी भी काल्पनिक दुनिया मे जी रहे हो …. समय बदल चुका है ….. अभी तक सोनिया ने अक भी इंटरव्यू क्यों नहीं दिया ? क्या तुम लोगो मे दम है ये पूछने का ?? राहुल के इंटरव्यू मे तीन लोग पीछे बैठे रहते है क्या किसी ने कुछ पूछा ??? तुम किस की बात कर रहे हो ?? अभी सवाल बहुत हैं
जगदीश्वर चतुर्वेदी जी ये लेख पूरी तरह एक तरफ़ा हैं आप जरुर किसी दुविधा में पड़े हुए हैं
jagdi…..chaturvedi….char baap k bete he…..
ukhad kya lega tu aise article se
we love modi
we love bjp…….
teri maa ka sakinaka
khangressi chaturvedi!! ise khangress ki taraf se haddi nahi mili
chaturvediji aap sabse bade murkh hai jo aisa lekh likhte hai.
अफ़सोस! इतनी घृणित मानसिकता के साथ यह लेख लिखा गया है. इन लेखक महोदय के दिमाग का इलाज किया जाना चाहिए. और हम जनता में इतनी अक्ल है की क्या अच्छा क्या बुरा है.
तुम अपने तुच्छ गंदे विचारो का इलाज करवाओ.