आजतक की मशहूर एंकर अंजना ओम कश्यप अपने सख्त तेवरों के लिए जानी जाती हैं. स्टूडियो में बहस के दौरान वे नेताओं,प्रवक्ताओं और मशहूर हस्तियों को अपने सवालों से लाजवाब कर देती हैं और उनके पास बगले झांकने के सिवाए कोई और चारा नहीं रह जाता.
लेकिन ऐसा नहीं नहीं है कि उनका ये तेवर सिर्फ स्टूडियो तक ही सीमित है. अक्सर स्टूडियो से बाहर रिपोर्टिंग में भी उनकी ये आक्रामकता और तेवर दिखाई पड़ती है.
हाल ही में आजतक के ‘ऑपरेशन हाईवे’ में उनकी यही हिम्मत देखने को मिली जब वे सुप्रीम कोर्ट के आदेश की धज्जियाँ उड़ाकर हाईवे पर शराब बेचते दूकानों पर पहुंची और बेख़ौफ़ अंदाज़ में सवाल किया. एक महिला रिपोर्टर के लिए ये इतना आसान नहीं. आप भी देखिये अंजना ओम कश्यप का ‘ऑपरेशन हाईवे’.
अंजना ओम कश्यप जी अपने प्रोग्राम को सफल बनाने के लिए क्या नहीं करती |हैरानी हुई एक प्रोग्राम में ओबेसी जी को बुलाया गया उनके विरोध में सत्तारुद्ध दल के नेता सम्पत महापात्रा को बुला कर बहस करवायी आश्चर्य की बात है मुस्लिम समुदाय को इकठ्ठा कर अधिकतर एक ही स्थान पर बिठाया महिलाओं के हिजाब से समझ आ रहा था एक ही कम्युनिटी के लोग है| बहस शुरू हुई श्री ओबेसी भड़काने आते हैं ऐसा माहोल बन जाता है लोग उत्तेजना में आ जाते हैं भावुक क्षणों में समझ नहीं आता चैनल अपनी टीआरपी के लिए सब कर रहे हैं उत्तेजना से उनका कार्यक्रम चटपटा बनता है वह इतना ही चाहते हैं इससे अधिक होने पर आने वाले मेहमानों पर बुरी तरह चिल्लाना किसी एक को निशाना बना कर यह भी नहीं देखना वह गांधी वादी ढंग से दोनों हाथ जोड़ कर तुम्हे शांत कर रही है चिल्लाना चीखना सह रही है उनको धमकाना हम आगे से नहीं बुलायेंगे जैसे दर्शक अपना हित साधने आये हैं या चाबी से चलने वाले गुड्डे हैं क्या ओबेसी जी ने गरीब अशिक्षित मुस्लिम्क समाज को जन धन योजना में अकाउंट खोलने के लिए समझाया ?क्या अशिक्षा, बेरोजगारी और गरीबी से लड़ने के लिए उनका साथ दिया है |शायद सामने इनकी झाड़ खाती महिला अंतर्राष्ट्रीय राजनीती में पीएचडी हो उसकी सन्तान उच्च पदों पर आसीन हार्वर्ड से शिक्षित हो वह तकदीर की मारी अनजाने में अंजना ओम कश्यप के हाथों झाड़ खाने आ गयी हो |