वॉशिंगटन। हिन्दी के जाने-माने कवि आलोक श्रीवास्तव को वॉशिंगटन में ‘अंतर्राष्ट्रीय हिंदी सम्मान’ से सम्मानित किया गया। उन्हें यह सम्मान हिंदी-ग़ज़ल में उनकी प्रतिबद्धता के लिए दिया गया है। आलोक को यह सम्मान, संयुक्त राज्य अमेरिका में हिंदी के प्रचार-प्रसार में सक्रिए ‘अंतर्राष्ट्रीय हिंदी समिति’ की ओर से दिया गया है। दुष्यंत के बाद हिंदी पट्टी से ग़ज़ल-विधा में जिन युवा रचनाकारों ने अपनी विशेष पहचान बनाई है, आलोक का नाम उनमें प्रमुख है। अमेरिका में बसे भारतीयों के साथ हिंदी के कई जाने-माने साहित्यकारों और विद्वानों की मौजूदगी में आलोक को यह सम्मान भारतीय दूतावास के काउंसलर शिव रतन के हाथों दिया गया। सम्मान स्वरूप सम्मान-पत्र के साथ प्रतीक चिन्ह भी प्रदान किया गया।
वर्ष 2007 में प्रकाशित आलोक के पहले ग़ज़ल-संग्रह ‘आमीन’ से उन्हें विशेष पहचान मिली। हाल के वर्षों में उन्हें रूस का प्रतिष्ठित ‘अंतर्राष्ट्रीय पुश्किन सम्मान’, मप्र साहित्य अकादेमी का दुष्यंत कुमार पुरस्कार, और ‘परम्परा ऋतुराज सम्मान’ भी हासिल हो चुका है। पेशे से टीवी पत्रकार आलोक श्रीवास्तव लगभग दो दशक से साहित्यिक-लेखन में सक्रिए हैं। वे हिंदी-पट्टी के ऐसे इकलौते युवा ग़ज़लकार हैं जिनकी ग़ज़लों-नज़्मों को ग़ज़ल सम्राट स्व. जगजीत सिंह, पंकज उधास, तलत अज़ीज़, शुभा मुदगल से लेकर महानायक अमिताभ बच्चन तक ने अपना स्वर दिया है। अमेरिका में बसे हिन्दी साहित्य के मूर्धन्य कवि-लेखकों की निर्णायक-समिति ने आलोक श्रीवास्तव को इस सम्मान के लिए चुना था।