दर्शकों को आप रोज कश्मीर को लेकर भड़काऊ ख़बरें दिखायेंगे तो कई बार वे आपके ‘संवाद’ में भी दखल डालेंगे।’इंडिया टीवी संवाद’ में ऐसा ही हुआ जब मोदी सरकार में कश्मीर आउट ऑफ कंट्रोल पर चर्चा हुई। कांग्रेसी नेता मनीष तिवारी के साथ शुरू हुई परिचर्चा का माहौल तब आउट ऑफ कंट्रोल हो गया जब कश्मीर की शबनम लोन आयी और कश्मीर व हिंदुस्तान को लेकर तल्ख अंदाज़ में अपनी बात कही।
फिर क्या था इंडिया टीवी के कॉन्क्लेव में आयी ऑडियंस भड़क उठी और हूटिंग शुरू हो गयी। शबनम लोन ने कुछ पल की खामोशी के बाद इसे भी इन्टॉलरन्स से जोड़ दिया. इंडिया टीवी को ऑडियंस को नियंत्रित करने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी। खुद चैनल के वरिष्ठ पत्रकार हेमंत शर्मा को मामले को शांत करने के लिए बीच-बचाव और समझाने के लिए आना पड़ा. एक व्यक्ति तो इतने आक्रोशित हो गए कि कुछ भी कर गुजरने के लिए तैयार दिखे. जोर – जोर से चिल्लाने लगे. किसी तरह समझा-बुझा कर उन्हें बाहर ले जाया गया. फिर जाकर मामला थोड़ा शांत हुआ.
दिलचस्प ये रहा कि इस मामले में कॉन्क्लेव में आयी महिलाओं ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. कानपुर से आयी बुजुर्ग महिला शबनम लोन के बारे में कह रही थी कि इसको कुछ नहीं आता जाता. दूसरी कम उम्र की एक महिला उठ खड़ी हुई और कह रही थी कि शबनम लोन के सवाल का जवाब मैं दूंगी. जनता का आरोप था कि शबनम लोन कश्मीर को लेकर भारत के बारे में ऐसा कैसे बोल सकती है? लेकिन कई लोग ये भी कह रहे थे इंडिया टीवी ने यही बोलने के लिए शबनम को बुलाया ही है तो उसे बोलने दो. सवाल के सत्र में उनसे जवाब माँगा जाएगा.
बहरहाल खूब गहमागहमी रही और अंततः यही इंडिया टीवी संवाद का सबसे बेहतर परिचर्चा का सत्र भी रहा. क्योंकि इसके बाद ही शो के एंकर अजीत अंजुम पूरे फॉर्म में आ गए और शबनम लोन के कई विवादास्पद वक्तव्यों पर न केवल उन्हें रोका बल्कि उन्हें बैकफूट पर भी धकेला. इसपर वहां मौजूद ऑडियंस की खूब तालियाँ बजी और आउट ऑफ़ कंट्रोल हो रहा कॉन्क्लेव कंट्रोल में आ गया.
हालांकि शबनम लोन के कई सवाल बेहतर थे और भाजपा को कटघरे में खड़ी करती है. नीचे वीडियो लिंक में आप उसके संपादित अंश सुन सकते हैं.
शबनम लोन का संवाद –
-हिन्दुस्तान कश्मीर को समझना ही नहीं चाहता.
-दवाब डालकर आप अपनी बात मनवा नहीं सकते. घाटी के हालात कभी नहीं सुधरने वाले.
-कश्मीर की माँ बिलख रहे हैं उनके बेटे मारे जा रहे हैं.
अजीत अंजुम का संवाद :
-आप ये तय नहीं कर पा रहे कि आप हिन्दुस्तान में हैं या पाकिस्तान में ?
-हिन्दुस्तान में रहकर आपको पाकिस्तान के प्रति सहानुभूति दिखती है .
ऑडियंस के सवाल जो छूट गए :
हिन्दुस्तान में दर्द और भी है, सारा दर्द कश्मीर में ही नहीं छुपा है :
-कश्मीर की माँ ही सिर्फ अपने बेटों को नहीं खोती, कश्मीर का दर्द बिहार,यूपी और बाकी हिन्दुस्तान की माँ को सहना पड़ता है जब वे आतंकियों की गोली के शिकार होते हैं.
-हिन्दुस्तान कश्मीर को अपना समझता है लेकिन कश्मीर की अलगाववादी ताकतें ऐसा होने नहीं देना चाहती
-हथियारबंद भारतीय जवानों पर अलगाववाद के समर्थक कश्मीरी पत्थर फेंकते हैं. उनकी इज्जत उछालते हैं और आप इन्टॉलरन्स की बात करते हैं.