AAP के नेता रैन बसेरा जाने से पहले न्यूज चैनल के दफ्तर फोन करते हैं…

महेंद्र श्रीवास्तव

रैन बसेरा में मनीष सिसोदिया
रैन बसेरा में मनीष सिसोदिया
रोजाना कुछ ऐसी बातें होती हैं कि खुद को रोक नहीं पाता और चला आता हूं आप सबकी अदालत में एक नई जानकारी के साथ। कुछ मित्रों की सलाह थी कि कुछ दिन केजरीवाल साहब को काम करने दीजिए, फिर उनकी समीक्षा की जाएगी। मैने सोचा बात भी सही है, मौका तो मिलना ही चाहिए। लेकिन रोज कुछ ना कुछ ऐसा हो रहा है, जिससे मजबूर होकर इनके बारे में लिखना जरूरी हो जाता है। अब देखिए ….”आप “के मंत्री रात को रैन बसेरा की हालत देखने जाने के पहले इलेक्ट्रानिक मीडिया के दफ्तर में फोन करते हैं। पूछते हैं कि नाइट शिफ्ट का रिपोर्टर आफिस आ गया है क्या ? जब आफिस से बताया जाता है कि हां आ गया है, तो कहा जाता है कि उसे भेज दीजिए, मैं रैन बसेरा देखने जा रहा हूं। आफिस से जवाब मिलता है कि नहीं आज तो रिपोर्टर कहीं और बिजी है, तो बताया जाता है कि आज तो जरूर भेज दीजिए, क्योंकि एक्सक्लूसिव खबर मिलेगी ! जब मंत्री एक्सक्लूसिव खबर की बात करें तो तमाम चैनलों के रिपोर्टर मौके पर पहुंच ही जाते हैं। रिपोर्टरों के मौके पर आ जाने के बाद मंत्री का चेला मंत्री को बताता है कि आ जाइये, रिपोर्टर पहुंच गए हैं। थोड़ी देर में ही मंत्री पहुंच जाते हैं और रिपोर्टर से पूछते हैं कि आप सबका कैमरा चालू हो गया है, शुरू करूं मौके मुआयना। रिपोर्टर कहते हैं हां सर ! हम सब रेडी हैं।

अब ” आप “के मंत्री जी रैन बसेरा के अंदर जाते हैं, यहां लोगों की हालत देखते हैं और लोगों से उनकी तकलीफ सुनते हैं। 15 मिनट बाद जब मंत्री जी वापस लौटने के लिए निकलने लगते हैं तो एक रिपोर्टर कहता है, सर मजा नहीं आया। ये तो आप कल भी कर चुके थे, मुझे तो लगता नहीं कि चैनल पर आज दोबारा ये कहानी चल पाएगी, क्योंकि इसमें कुछ नया तो है नहीं। रिपोर्टर सलाह देते हैं कि खबर चलवानी है तो … चलिए किसी अफसर के घर और उन्हें रात में ही जगाकर कैमरे के सामने डांटिए..। मंत्री मुस्कुराने लगते हैं, रिपोर्टरों से कहते हैं ..नहीं …नहीं.. , ज्यादा हो जाएगा। फिर रिपोर्टर सलाह देते हैं कि अच्छा अफसर को फोन मिला लीजिए और उसे जोर-जोर डांटिए । हम लोग यही शूट कर लेते हैं।

बेचारे मंत्री जी अब फंस गए, उन्होंने कहा कि इतनी रात में अफसर को फोन मिलाना ठीक नहीं है। तब एक बड़े चैनल के रिपोर्टर ने सलाह दी, अरे सर ..चलिए फोन मिलाइये मत, बस मोबाइल को कान के पास लगाकर डांट – डपट कर दीजिए। कैमरे पर ये थोड़ी दिखाई पड़ेगा कि बात किससे हो रही है। मंत्री जी ये करने के लिए तत्काल तैयार हो गए। मंत्री ने कहा चलिए जी, कैमरा चालू कीजिए, हम अभी फोन पर अफसरों को गरम करते है। एक मिनट में मंत्री ने मूड बनाया और फिर एक सांस मे लगे अफसर को डांटने। पूरा ड्रामा मंत्री ने इतनी सफाई से की कि बेचारे रिपोर्टर भी बीच में कुछ बोल नहीं पाए। जब मंत्री की बात खत्म हो गई, तब एक कैमरामैन अपने रिपोर्टर से बोला, भाई कुछ भी रिकार्ड नहीं हुआ है, मंत्री जी अंधेरे में ही चालू हो गए।

तब सभी रिपोर्टरों ने एक साथ मंत्री से कहा ” सर.. बहुत बढिया था, बस इसी मूड में एक बार और करना होगा, क्योंकि जहां आप खड़े थे.. वहां लाइट कम थी, आप का चेहरा बड़ा काला काला आया है, चेहरे पर गुस्सा दिखाई भी नहीं दे रहा है। मंत्री ने पूछा फिर क्या करें ? कुछ नहीं बस अब आपको वहां खड़ा करते हैं, जहां थोड़ी लाइट होगी, इससे आपका चेहरा चमकता हुआ आएगा और लाइट में चेहरे पर गुस्सा भी साफ दिखाई देगा। बस फिर क्या, मंत्री जी ने दोबारा फोन पर अफसर को डांट लगा दी । चलते-चलते सब से पूछ लिया अब ठीक है ना, कोई दिक्कत तो नहीं। रिपोर्टरों की तरफ से आवाज आई, नहीं सर, अब बिल्कुल ठीक है। चलिए आप लोग भी जाइए आराम कीजिए, हम भी जा रहे हैं आराम करने।

रैन बसेरों के औचक निरीक्षण का यही असली चेहरा है, वरना सप्ताह भर पहले मंत्री ने कहाकि 48 घंटे के भीतर दिल्ली मे 45 रैन बसेरा बनकर तैयार हो जाना चाहिए। अगर तैयार नहीं हुआ तो अफसरों की खैर नहीं। अब क्या बताए यहां 48 घंटा नहीं 148 घंटा बीत गया है, लेकिन दिल्ली में कोई नया रैन बसेरा नहीं बनाया गया। मैं जानना चाहता हूं कि जो मंत्री रात मे मोबाइल पर अफसरों को गरम करते हुए खुद को शूट करा रहे थे, क्या कोई जवाब है उनके पास ? मंत्री जी बताएंगे कि किस अफसर के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई ? दरअसल सच्चाई ये है कि इस समय दिल्ली में बहुत ही टुच्ची राजनीति चल रही है। कहा जा रहा है मंत्री लाल बत्ती नहीं लेगें। अरे भाई लाल बत्ती लोगे तो आम आदमी का क्या नुकसान हो जाएगा और नहीं लेने से उसे क्या फायदा हो जाएगा। पगलाई इलेक्ट्रानिक मीडिया भी पूरे दिन इसी पर चर्चा कर रही है। बात मंत्रियों की सुरक्षा की होने लगती है, कुल मिलाकर छह तो मंत्री है, वो सुरक्षा नहीं लेगें, इससे आम आदमी पर क्या फर्क पडने वाला है। हम कुछ नहीं कहेंगे, आप सुरक्षा भी लीजिए, गाड़ी भी लीजिए, बत्ती भी लीजिए, बंगला भी लीजिए.. मसलन मंत्री के तौर पर जो सुविधा मिलती है, सब ले लीजिए, लेकिन दिल्ली के लिए कुछ काम कीजिए। हल्के बयानों से कुछ नहीं होने वाला है, ये दिल्ली है, प्लीज इसे दिल्ली ही रहने दीजिए।

यहां बात वो होनी चाहिए जिससे आम आदमी की मुश्किलें आसान हो, लेकिन आज बात वो की जा रही है, जिससे आम जनता खुश हो और ताली बजाए। ठीक उसी तरह जैसे रामलीला के दौरान जोकर के आने पर लोग ताली बजाते हैं। दिल्ली की आज सच्चाई ये है कि अगर पब्लिक ट्रांसपोर्ट की ही चर्चा कर लें, तो इस समय आँटो वाले बेलगाम हो गए हैं। मनमानी किराया तो आम बात रही है, अब वो सवारी के साथ बेहूदगी भी करने लगे हैं। मसला क्या है, बस आम आदमी की सरकार है, लिहाजा अब वो कुछ भी करने को आजाद हैं, उनका कोई कुछ नहीं कर सकता। ये मैसेज है आज दिल्ली में। खैर धीऱे धीरे ही सही, लेकिन सब कुछ अब सामने आने लगा है।

(लेखक के ब्लॉग ‘आधा सच’ से साभार)

25 COMMENTS

    • Sahi Baar , Bokhla gaye hai BJP wale AAp ko leke. Me Modi ko manta tha ki wo bas apna kaam karte hai kisi ko criticize nahi karte but is page ko dekh ke lagta hai ki AAP ka bada khauf ho gaya hai inke ander. Jab dekho AAP ye AAP wo…WTF.

      • Dear Bro’s Rahul and Prashant,

        Agar tum log AAP ke karykarta ho to hum bhi BJP ke hai. Aur rahi AAP ki baat unhe pata hai hai BJP unki BAAP hai iss liye har news me BJP ko jodti hai. Q tumne Congress ka naam nahi liya ya kisi aur party ya dal ka? Jab dekho tab BJP ko badnam karte ho? Rahi baat is khabar ki Agar tumhare XXX me dum hai to jao case kar do iss page pe. Tum kya karoge tumhari aukad nahi yaha bhaunkane ke siwa q k page pe di huyi info correct hai. Jara ye bhi ti batao media wale aapke netaji ke ghar par sham ko pehra dete hai kya? bhala 15 minutes ki khabar aur media wale pehlese maujud. agar maujud nahi hote to jab tak unhe info mile aur wo on location pahunche tab tak tak aapke netaji ghar pahunch jate hai 15 minute me. koi jawab ho to jarur dena.

    • जब दुर्योधन (कॉंग्रेस) को लगा की वो अपने दम पर अर्जुन (मोदी) को परास्त नहीं कर सकता तो उसने कर्ण (AAP) से दोस्ती कर ली और उसे अंग देश (दिल्ली) का राजा बना दिया, इस अहसान के बदले कर्ण ,
      दुर्योधन और उसके साथियों (शीला government) के अधर्म (corruption) की तरफ अपनी आँखें बंद कर लीं और इस अधर्म को छुपाने और खुद को दानवीर कहलाने के लिए अपनी हैसियत से ज़्यादा दान (subsidy) दिया और दुर्योधन (कॉंग्रेस) को विजयी बनाने की पूरी कोशिश की. इस धर्म युद्ध मे भीष्म और द्रोण (media) और socialactivists) ने भी इस गठजोड़ का साथ दिया! लेकिन जनार्दन (जनता जनार्दन) ने अर्जुन (मोदी) का साथ नहीं छोड़ा और ये तो सर्व विदित है की अंत में जीत उसी कि होती है …जिसके साथ जनार्दन (जनता) होते हैं!!

  1. aap pahale media ko be-nakab kijiye sare neta sasti politics karana band kar denge agar nahi kar sakate to aapana muh aur kalam dono band kar do.

  2. In AAP walo ka kuchh nahi ho sakta, unke baare me kuch bhi likh do to bas BJP walo ki sazish hai. AAP to Ganga se nikli hui pavitra party hai, jisme kuchh kami nahi. Jabki sabse bade jhuthe yahi log hue hai ab tak, inka 1 saal ka itihaas to yahi hai. Shame on Arvind Kejriwal

  3. Baki to thik hai but es lekh ko ham sach q mane ya kaise mane eska koi proof nahi hai. Aise to mai bhi koi lekh likh sakta hu magar uski pramadikta ka aadhar kya hoga?

    • aabbee chuuuttiyee jab tera khujliiiwala kutttaa bina sabooot ke bhookta hai to tab tera dimaga teriii maa ka mooojra dekhne chala jata hai?

  4. mujhe lagta hai ki kisi ko bhi kisi ke baare me bolne ya apni raay dene me jaldbaaji nahi karni chahiye, ye hindustaan hai…yahan log josh me decision jyada or hosh me kam lete hai…..aam aadmi party ke netaa logo ko ussi josh ko dilakar chalaki se uska faayda utha rahe hai….ye log jab khud se jab sachchai jaan jayenge tab khud samajh aa jayegi, lekin shayad tab tak der ho chuki ho…

  5. Election ke Pehle Media Sarkar ne AAP ke Candidates ka Sting kiya tha jise India News aur baki Channels ne lagatar 3 din tak chalaya tha AAP ko badnam karne ke liye. Ye Media Khabar bhi usi ka Judwa bhai lag raha hai.

  6. महेंद्र श्रीवास्तव ji,
    Aapki halat par taras aata hai, Na khul kar kuch kah sakte hai, aur na hi chup baith sakte hai. Aapke paas es report ki koe proof hai.. Kisi ko badnam karne ka ye kaam agar Congress ki sarkar k samay se kiya hota to aaj ye 1 sal wali party ki jaroorat hi n padti.. Aapke pyare Narendra modi jee ko kuch aur try karne ki salah dijiye. Khud to bike huwe ho aur dusro ko badnam karne par lage ho..

    Pahli bar koe imandari se kam kar raha hai to karne do yar.. thora upar niche hota hai to hum hai tayar usko dekhne k liye. aap apne es website ko sasti popularity ka hissa mat banao.

    Kalam ki kuch laz rakho, nhi to bhagwan n kare ki kisi din “Damin aapke apne me se ho….”

    • IMAANDARI? Your KHUJLIWALA KUUTTAA said AAP did detailed research with the help of EXperts… Those experts didn’t tell him that he couldn’t provide FREE water and CHeap electricity to everybody? did he tell that thing to the people? Did he said he will to polling like SMS for referendum? Did he say that he will use subsidy to fulfill his promises? AND YOU ARE SAYING THAT YOU HAVE NO DOUBTS ON HIS INTENTION? He was asked so many times that what is your plan..and what he said… let us come in power we will tell you… this is his plan? ab kaha gai tumahri imaandari… sab ko tumhari tarah chuuuuttiya samjah hai kya?

  7. bhai seedhi si baat hai, AAP hai congress ki B party, congress ko apni umeed to hai nai LS elections me, to ye bahut sochi samjhi planning hai BJP ko center me aane se rokne ki, jis’se ki congress AAP ki shadow me aur samay tak aam aadmi ka paisa loote. Agar aisa nahi hota to congress kyu mari jati AAP ko support dene k lie delhi me, aur Kejriwal jinhone kasme waado ki jhadi laga di thi wo kyu lete support congress se, jabki wo to sabse zyada congress k hi against the. Aur sab bakwaas ki baatein ki wo congress ka support nai kar rahe, ye sab 18 sharte bakwaas thi, 16 sharte to administrative thi, jinme unko kisi support ki zarurat nai, raha janlokpal to bhai banao na, wo to center me bill pass ho hi gaya hai, to banana to inki majboori hai, banaenge nai to jaenge kaha, aur last point delhi ko complete independent state banane ki baat to wo aap sab khud sochie, is it really practically viable. Bakwaas ki baat karte hai ye, itne important state ki security, finance kya kisi bhi state govt ko di ja sakti hai. And wo to chahe ye full majority me bhi ho, even 70 seat le k bhi koi sarkar bana le to bhi nai kar sakta, coz ye matter VS jurisdiction me aata hi nai hai. Iske lie constitution me change karna padega jo ki VS nai kar sakti.

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