वाराणसी चुनाव पर आजतक के ठीक चुनाव पूर्व किए गए एक सर्वे से अरविंद केजरीवाल नाराज हैं. नाराज भी इतने ज्यादा कि ट्विटर पर ट्विट की उन्होंने बारिश कर दी. हर ट्विट का लब्बोलुआब यही कि आजतक और उसके मालिक अरुण पुरी बिक गए हैं और इसलिए मोदी को फायदा पहुंचाने की नीयत से ठीक चुनाव पूर्व इस सर्वे को दिखाया गया.
गौरतलब है कि इंडिया टुडे ग्रुप-सिसरो पोल में नरेंद्र मोदी को अपने विरोधियों से काफी आगे बताया गया था. सर्वे के मुताबिक़ मोदी को इतने वोट मिलेंगे कि वह कांग्रेस के अजय राय और आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल से काफी आगे रहेंगे.
सर्वे में कहा गया है कि उन्हें 56 प्रतिशत वोट मिलेंगे जबकि कांग्रेस के अजय राय को 15 प्रतिशत, आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल को 10 प्रतिशत, समाजवादी पार्टी के कैलाश नाथ चौरसिया को 9 प्रतिशत और बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार विजय जयसवाल को 7 प्रतिशत वोट मिलेंगे.
इसी सर्वे से नाराज होकर अरविंद केजरीवाल ने कई ट्विट किए जिसमें आजतक और अरुण पुरी की खूब लानत – मलानत की गयी. ट्वीट इस तरह से है :
Arvind Kejriwal @ArvindKejriwal May 9
Aaj Tak running a completely farzi poll. Sold out to Modi. Aroon Purie sold his soul?
Arvind Kejriwal @ArvindKejriwal May 9
Before Delhi elections, Aroon Purie gave us 6 seats but we got 28 seats. Will Aroon Purie apologize to the nation for misleading?
Arvind Kejriwal @ArvindKejriwal May 9
Is Aroon Purie’s group incompetent to do polls or do they take money to do polls? Aroon Purie owes an explanation.
Arvind Kejriwal @ArvindKejriwal May 9
48 hrs before the polls, Aroon Purie runs this farzi poll for an individual constituency. Why? What r ur intentions Purie sahib?
Arvind Kejriwal @ArvindKejriwal May 9
Did u do similar poll for any individual const 48 hrs before polls in last one yr? Rahul Gandhi? Sonia Gandhi? Sheila Dikshit? Advaniji? No?
Arvind Kejriwal @ArvindKejriwal May 9
So, u ran an opinion poll 48 hrs before polls only for Modi? Aah. Why? What has been ur deal with Modi?
लेकिन चुनाव के ठीक पहले प्रचार बंद कर देने का जो रिवाज़ आज़ादी के बाद से चला आ रहा हेई उसका कुछ तो मतलब होगा | आखिर चुनाव के ठीक पहले एक क्षेत्र विशेष पर सर्वे दिखाना कहां तक उचित है ? सोशल साइंस में इसे self-fulfilling prophecy कहते हैं| चुनाव आयोग लाचार है, लेकिन जनता सब देख रही है| आजतक की credibility को बट्टा लग चूका है|