इंदौर। गत 2 से 8 अक्तूबर- 2015 के बीच कस्तूरबाग्राम रूरल इंस्टीट्यूट, इंदौर और आवाज इंडिया फाउंडेशन, नई दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित सात दिवसीय मीडिया लेखन कार्यशाला का समापन आज रविवार को कस्तूरबाग्राम रूरल इंस्टीट्यूट, खंडवा रोड, इंदौर में दोपहर 3 बजे किया गया। कार्यशाला के समापन समारोह सत्र में मुख्य अतिथि नई दूनिया के पूर्व मुख्य संपादक श्रवण गर्ग थे। कार्यशाला प्रतिदिन दोपहर 3 से 5 बजे के बीच आयोजित की गई। इसमें प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से 32 ऐसे नौजवान प्रतिभागी के रूप में शामिल थे जो पत्रकारिता को अपना कैरियर बनाना चाहते हैं अथवा भविष्य में अन्य किसी पेशे में रहते हुए भी किसी न किसी रूप में पत्रकारिता या लेखन से जुड़े रहना चाहते हैं। इनमें ज्यादा संख्या लडकियों की थी।
कार्यक्रम के समापन सत्र में प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए श्रवण गर्ग ने पत्रकारिता प्रशिक्षण के विभिन्न बिन्दुओं पर बात की तथा पत्रकारिता के व्यावसायिक प्रशिक्षण पर अनेक प्रश्न खड़े किए। समापन सत्र में बच्चों ने मीडिया के ग्रामीण क्षेत्र से कटे होने पर सवाल खडे किये। साथ ही ये भी सवाल उठाया कि आज अगर कोई खबर छपती है तो हमें यह पता नहीं होता कि जो खबर छपी है उसके पीछे कहाँ, कैसे, किसका स्वार्थ सध रहा है। इसका जवाब देते हुए श्रवण गर्ग ने उन्हें नागरिक पत्रकारिता करने की सलाह दी। उनका कहना था कि लोकहित में काम करने वाली एक सरोकारी मीडिया की जरूरत आज पहले से ज्यादा है क्योंकि आज विपरीत शक्तियां ज्यादा काम कर रही हैं।
कार्यशाला के विभिन्न सत्रों के दौरान पत्रिका इंदौर के संपादक विजय चौधरी, नवभारत इंदौर के समूह संपादक क्रांती चतुवेर्दी, वरिष्ठ पत्रकार प्रकाश हिंदुसतानी, देवी अहिल्या वििश्वद्यालय के पत्रकारिता विभाग की सहायक प्रोफेसर सोनाली नरगुंदे, एस आर न्यूज चैनल के संपादक राजीव शार्मा, स्वतंत्र पत्रकार आदिल कुरैशी, पत्रिका के ब्यूरो चीफ विनोद सिंह जैसे महत्वपूर्ण लोगों ने अलग-अलग दिन प्रतिभागियों को अपना मार्गदर्शन प्रदान किया। कार्यशाला में इलेक्ट्रॉनिक एवं प्रिंट मीडिया की भाषा, पत्रकारिता में दृष्टि, कंटेंट राइटिंग, जनांदोलन और पत्रकारिता, आर्थिक पत्रकारिता की नई प्रवृत्तियां, विचार पत्रकारिता, न्यू मीडिया एवं ब्लॉग लेखन, वर्तनी की शुद्धि, आजादी के बाद भाषाई पत्रकारिता की भूमिका और उसका भविष्य जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा-परिचर्चा हुई। समाचार बनाने तथा लेख लिखने का अभ्यास भी कराया गया।
कार्यशाला संयोजक ऋषि गौतम के अनुसार, इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य यह था कि इस क्षेत्र में आने वाली नई पीढ़ी के अंदर पत्रकारिता व लेखन की सार्थक दृष्टि पैदा हो, उसके अंदर छिपे मिशन भाव को जगाया जा सके, पत्रकारिता के मूल्यों-आदर्शों के प्रति उसकी निष्ठा में वृद्धि हो, देश-समाज व राष्ट्रीयता के मूल्यों के प्रति उसके अंदर संवेदनशीलता और बढ़े तथा वह मानवीय सरोकारों के प्रति और ज्यादा सजग व सतर्क हो। सत्य, शांति व अहिंसा के मूल्य नई पीढ़ी की प्राथमिकता में ऊपर आयें तथा वह मानवतापूर्ण देशभक्ति के संस्कार से ओत-प्रोत हो। साथ ही पत्रकारिता व लेखन की दुनिया में मूल्यों-आदर्शों व सरोकारों की भूमिका पर बहस को भी नई ऊर्जा प्रदान की जा सके। कार्यक्रम की अध्यक्षता कस्तूरबाग्राम ट्रस्ट की मंत्री चतुरा दीदी ने की। मंच संचालन कार्यशाला के संयोजक ऋषि गौतम और धन्यवाद ज्ञापन निर्मला सिंह द्वारा किया गया ।